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मनोहर पुरी की पुस्तक 'पर्वतारोहण का रोमांच' का लोकार्पण
चौहदवें दिल्ली पुस्तक मेले में श्री मनोहर पुरी की पुस्तक 'पर्वतारोहण का रोमांच' का लोकार्पण पद्मश्री श्रीमती संतोष यादव द्वारा किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने अपने पर्वतारोहण के रोमांचक अनुभव आमंत्रित श्रोताओं के साथ बाँटें। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग में चरित्र निर्माण के लिए आज इस साहसिक खेल को बढ़ावा देने की बहुत अधिक आवश्यकता है। प्रकाशन विभाग द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्य अतिथि श्रीमती यादव ने दो बार एवरेस्ट आरोहण का इतिहास रचा है। इसके अतिरिक्त वह दो बार एवरेस्ट अभियान के दलों का नेतृत्व भी कर चुकी हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा से त्याग पत्र दे कर श्रीमती यादव इन दिनों समाज कल्याण के कार्यों में व्यस्त हैं और स्त्री सशक्तिकरण के क्षेत्र में बहुत काम कर रही हैं। साहसिक खेलों पर अनेक पुस्तकें लिख चुके श्री मनोहर पुरी ने इस पुस्तक में पर्वतारोहण के ब्यौरे के साथ ही इसमें काम आने वाले उपकरणों, इसमें आने वाली बाधाओं, कठिन हिमालय के बर्फीले पहाड़ों पर शिविर लगाने और स्नो क्लाइंबिंग जैसे मुद्दों पर तकनीकी जानकारी दी है। पाठकों की सुविधा के लिए पुस्तक के अंत में पर्वतारोहण से संबंधित शब्दावली भी दी गई है। कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए अपर महानिदेशक ''रोज़गार समाचार'' श्री घनश्याम गोयल ने पर्वतारोही श्रीमती संतोष यादव का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया।


कवि कुलवंत सिंह के काव्य संग्रहों 'चिरंतन' एवं 'हवा नूँ गीत' का लोकार्पण
मुंबई, २१ अगस्त, २००८ किरणदेवी सराफ ट्रस्ट के सहयोग से कवि श्री कुलवंत सिंह की काव्य पुस्तकों "चिरंतन" एवं "हवा नूँ गीत" (पूर्व काव्य संग्रह निकुंज का गुजराती अनुवाद - श्री स्पर्श देसाई द्वारा) का विमोचन समारोह कीर्तन केंद्र सभागृह, विलेपार्ले, में संपन्न हुआ। पुस्तक का विमोचन प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री महावीर सराफ जी के करकमलों द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता की - 'महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी' के अध्यक्ष श्री नंद किशोर नौटियाल जी ने। विशिष्ट अतिथि के रूप में महानगर के अनेक गणमान्य एवं साहित्य के शीर्षस्थ योद्धा पधारे। जिनमें प्रमुख थे- नवनीत के पूर्व मुख्य संपादक श्री गिरिजाशंकर त्रिवेदी, कुतुबनुमा की संपादिका श्रीमती राजम नटराजम, फिल्म कथाकार श्री जगमोहन कपूर, अंजुमन संस्था के अध्यक्ष एवं मुख्य शायर खन्ना मुज‍फ्फरपुरी, मुख्य शायर श्री जाफ़र रज़ा, श्रीमती देवी नागरानी, श्रुति संवाद के अध्यक्ष श्री अरविंद राही, ह्यूमर क्लब के अध्यक्ष श्री शाहिद खान, कथाबिंब के संपादक श्री अरविंद, संयोग साहित्य के संपादक श्री मुरलीधर पांडेय, श्री देवदत्त बाजपेयी एवं अन्य अनेक गणमान्य गीतकार, कवि एवं शायर। जिन्होंने नवोदित कवि एवं गीतकार श्री कुलवंत सिंह के लिए अपने अनेकानेक आशीषों की झड़ी लगा दी।

कार्यक्रम का प्रारंभ हंसासिनी माँ सरस्वती पर माल्यार्पण एवं दीप ज्वलन से किया गया। माँ सरस्वती का आवाहन पंडित जसराज जी के शिष्य श्री नीरज कुमार ने कुलवंत सिंह द्वारा रचित वंदना को अपने कंठ से अभिनव स्वर प्रदान कर की। पुस्तक के विमोचन के उपरांत कवि कुलवंत सिंह के गीत पर संगीतमय प्रस्तुति की - श्री सुरेश लालवानी ने। शिप्रा वर्मा ने भी एक गीत को सुर प्रदान किए। समीक्षा प्रस्तुत की डॉ. श्रीमती तारा सिंह एवं श्री अनंत श्रीमाली ने और कार्यक्रम का संचालन मंच के प्रसिद्ध संचालक श्री राजीव सारस्वत ने किया। अपने अति व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर श्री आलोक भट्टाचार्य भी अपना आशीर्वाद देने पहुँचे। इस अवसर पर प्रसिद्ध कथाकार डॉ. श्रीमती सूर्यबाला जी ने भी अपना संदेश भेजा। गुजराती अनुवाद के सर्वेसर्वा श्री स्पर्श देसाई ने अपने अनुभव को व्यक्त करते हुए दो छोटी कविताएँ गुजराती में पढ़ीं। कार्यक्रम के अंत में कवि कुलवंत ने माँ सरस्वती सहित सभी आगंतुकों का हार्दिक दिल से धन्यवाद किया।


एस. आर. हरनोट के कहानी संग्रह 'जीनकाठी' का लोकार्पण

 

 

शिमला, २२ सितंबर, २००८ अपराह्न ३ बजे स्थानीय बचत भवन में एस. आर. हरनोट के कहानी संग्रह जीनकाठी का लोकार्पण हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. गिरिराज किशोर ने किया। समारोह की अध्यक्षता श्री बी. के. अग्रवाल, सचिव मुख्यमंत्री एवं कला, भाषा, संस्कृति द्वारा की गई। डॉ. वीरभारत तलवार, श्री सुंदर लोहिया, डॉ. जयवंती डिमरा और डॉ. मीनाक्षी एस पॉल हरनोट की कहानियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर नगर के सभी गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

२९ अगस्त २००८

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