ऊना, ५ फरवरी २००८,
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने सोमवार को यहाँ एक नई साहित्यिक पत्रिका
'पर्वत राग' के प्रवेशांक का विमोचन किया। इस पत्रिका के संपादक प्रदेश के युवा
साहित्यकार गुरमीत बेदी हैं। इस अवसर पर प्रदेश के बागवानी मंत्री श्री नरेंद्र
बरागटा, ऊना के विधायक श्री सतपाल सिंह सतती, कुटलैहड़ के विधायक श्री वीरेंद्र
कंवर, गगरेट के विधायक श्री बलवीर चौधरी, पूर्व मंत्री श्री प्रवीण शर्मा, पूर्व
विधायक श्री जयकिशन शर्मा, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता श्री राजेंद्र राणा, सूचना एवं जन
संपर्क विभाग के निदेशक श्री जे.आर. कटवाल, इरावती के संपादक श्री राजेंद्र राजन,
वरिष्ठ साहित्यकार श्री विनोद लखनपाल, प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री राजेश शर्मा,
विभिन्न पत्रकार संघों के जिला अध्यक्ष और प्रिंट व इलैक्ट्रानिक मीडिया के
प्रतिनिधियों समेत जिला भर के मीडिया कर्मी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने इस बात पर
प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के पर्वतीय राज्यों के सृजन को एक मंच देने के लिए
'पर्वत राग' का प्रकाशन शुरू किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पर्वत राग के
माध्यम से देश के पाठकों को पर्वतीय राज्यों की कला, संस्कृति व साहित्य सृजन की
जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की सांस्कृतिक व कलात्मक संपदा
के संरक्षण व संवर्धन के साथ-साथ राज्य में साहित्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे
रही है और लेखकों के लिए अनेक योजनाएँ शुरू की गई हैं जिनमें साहित्यिक पुरस्कारों
के अलावा पुस्तकों की ख़रीद भी शामिल है।
पर्वत राग पत्रिका के संपादक गुरमीत बेदी ने इस
अवसर पर बताया कि यह विशुद्ध रूप से अव्यवसायिक व अनियतकालीन पत्रिका है और इसके
प्रवेशांक में देश के पहाड़ी राज्यों के कुछ प्रमुख शब्द शिल्पियों सर्वश्री
श्रीनिवास श्रीकांत, विद्यासागर नौटियाल, केशव, डॉ. सुशील कुमार फुल्ल, डॉ. तुलसी
रमण, सुभाष पंत, एस.आर.हरनोट, अनूप सेठी, सुंदर लोहिया, ओम गोस्वामी, राजेंद्र
राजन, नरेश पंडित, शांति कुमार स्याल, अजेय, नवनीत शर्मा, मोहन साहिल रत्न चंद
रत्नेश, रत्न चंद निर्झर, कुसुम भटट, सरोज परमार, अल्पना मिश्र, परमजीत कौर व निधि
शर्मा की रचनाएँ शामिल की गई हैं। उन्होंने बताया कि पर्वत राग का संपादन व संचालन
पूरी तरह अवैतनिक है। |