दिनांक ३ फरवरी २००८ को प्रगति मैदान, नई दिल्ली के हॉल नं. ६ के कॉन्फ्रेन्स रूम १
में विश्व पुस्तक मेला २००८ के दौरान हिंद-युग्म के पहले साहित्य-संगीतमय एल्बम
'पहला सुर' का भव्य विमोचन हुआ। इस विमोचन समारोह में ८० से अधिक दर्शकों ने भाग
लिया। इंटरनेट के सहयोग से बने १० कविताओं व १०
संगीतबद्ध गीतों से ओत-प्रोत इस एलबम का विमोचन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री
अशोक बाल्यान (एच आर निदेशक, ओ. एन. जी. सी.) ने किया।
श्री. अशोक बाल्यान के अतिरिक्त इस विमोचन समारोह में
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अमित दहिया बादशाह (संस्थापक, देलही पोएट्र), श्री.
प्रदीप शर्मा (वरिष्ठ उद्घोषक, आकाशवाणी), श्री बुद्धिनाथ मिश्र (वरिष्ठ कवि, ओ.
एन. जी. सी.), श्रीमती रेणु बाल्यान आदि ने पधारकर इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।
श्री अशोक बाल्यान ने अपने संभाषण में कहा कि हिंदी को नई तकनीक से जोड़कर
ही इसको आज से जोड़ा जा सकता है, युवाओं से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि
जिस प्रकार से पुस्तकों की महिमा है, उसी तरह इस साहित्यिक अलबम की अपनी महत्ता है।
श्री प्रदीप शर्मा ने आकाशवाणी से इस अलबम के प्रसारण का विश्वास दिलाया।
उन्होंने कहा कि नए कवियों की आवाज़ों तक जन-जन तक पहुँचाने में वो जितने मदद कर
सकते हैं, करेंगे।
श्री. अमित दहिया ने कविता-पाठ को लिखने-पढ़ने से
अधिक महत्व दिया और कहा कि हिंदी ५ प्रतिशत का सम्मान न बने ८० प्रतिशत का बने,
इसके लिए हिंद-युग्म जैसे युवा समूहों का जन्म आवश्यक है।
कार्यक्रम दोपहर २ बजे से शुरू होकर संध्या ४ बजे तक चला। श्री बुद्धिनाथ
मिश्र ने अपनी बूढ़ी काकी पर लिखे गीत को गाकर सबका मन मोह लिया। बुद्धिनाथ मिश्र
हिंद-युग्म की उद्घोष पंक्ति 'हिंदी को खून चाहिए' का समर्थन किया।
हिंद-युग्म की ओर से गायक-संगीतकार जोड़ी दीपक-कमल ने गीत प्रस्तुत किया।
हिंद-युग्म की ओर से गौरव सोलंकी, मनीष वंदेमातरम, शोभा महेंद्रू और निखिल आनंद
गिरि ने काव्य पाठ किया। इस कार्यक्रम का सफल संचालन श्री निखिल आनंद गिरि ने श्री
मोहिंदर कुमार की अध्यक्षता में किया। |