नई दिल्ली, १९ जनवरी, २००८
'कंप्यूटर के झरोखे में हिंदी और उर्दू' विषय पर केंद्रित यह कार्यक्रम गुलमोहर
सभागार, इंडिया हैबीटैट सैंटर में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में श्री शाहिद मेहदी
(उपाध्यक्ष, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद) ने मुख्य अतिथि के रूप में और श्री डी.
पी. त्रिपाठी, महासचिव, राष्ट्रवादी कांग्रेस
पार्टी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन श्री अशोक
चक्रधर ने किया। इस अवसर पर मॉस्को से पधारे डॉ. मदन लाल 'मधु' को उनकी उत्कृष्ट
हिंदी सेवाओं के लिए जयजयवंती भाषा सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया।
कार्यक्रम के आरंभ में प्रवासी संसार के संपादक श्री
राकेश पांडेय ने मंच पर आसीन विशिष्ट अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत करते हुए
कहा कि हिंदी और उर्दू यदि एक हो जाएँ तो यह विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा
बन सकती है। इसके बाद रेल मंत्रालय के पूर्व निदेशक (राजभाषा) विजय कुमार मल्होत्रा
ने समारोह के सम्मानित व्यक्तित्व डॉ. मदन लाल 'मधु' का परिचय दिया।
मधु जी ने अपने वक्तव्य में अपने जीवन-यात्रा के
रोचक अनुभव सुनाए, भारत सरकार की संस्था सीडेक द्वारा विकसित उर्दू सॉफ्टवेयर का
श्री सैयद मोहम्मद अहमद ने प्रदर्शन किया, इस प्रदर्शन के बाद श्री त्रिपाठी ने कहा
कि वे गोआ में सरकार बचाने की कवायद को छोड़कर सरोकार में शामिल होने के लिए यहाँ
आए हैं। हिंदी-उर्दू के लोकप्रिय और वरिष्ठ कवि श्री उदय प्रताप सिंह ने हिंदी और
उर्दू दोनों ही भाषाओं में ग़ज़ल और छंद (बीज वसुधा में और सुगंध आसमान में) सुनाकर
श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में जामिया मिलिया के पूर्व कुलपति जनाब शाहिद
मेहदी ने कहा कि उर्दू और हिंदी में संवाद होना बेहद ज़रूरी है, उन्होंने उम्मीद
जताई कि इस प्रकार के सॉफ़्टवेयर से हिंदी और उर्दू में आदान-प्रदान बढ़ेगा।
कथा-साहित्य के रूप में जो हिंदी का सरमाया है, वह उर्दू में पहुँच जाएगा। अंत में
उन्होंने यह आशीर्वचन कहा कि इस चिराग को जलाए रखें और इसकी लौ भी बढ़ती रहे।
इस शृंखला का अगला कार्यक्रम डॉ. अशोक चक्रधर के
पिताश्री और अपने ज़माने के हिंदी की वाचिक परंपरा के शीर्षस्थ कवि स्व. राधेश्याम
प्रगल्भ को समर्पित करते हुए २० फ़रवरी, २००८ को हैबिटेट सेंटर में आयोजित किया
गया। इसमें मुख्य अतिथि थे श्री ए. आर. कोहली (पूर्व राज्यपाल, मिजोरम), विशिष्ट
अतिथि थे श्री सत्यव्रत चतुर्वेदी (सांसद), इस अवसर पर श्री बाल स्वरूप राही को 'जयजयवंती
सम्मान' से सम्मानित किया गया। 'प्रगल्भ' जी के आत्मीय कवि-साथियों द्वारा
काव्य-पाठ हुआ तथा 'प्रगल्भ-यात्रा' नामक पॉवर पॉइंट प्रस्तुति भी की गई।
विजय कुमार मल्होत्रा,
पूर्व निदेशक (हिंदी),रेल मंत्रालय, भारत सरकार
malhotravk@gmail.com
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