4 दिसंबर 2007, गाज़ियाबाद, जाने माने शिक्षाविद और
हिंदी हाइकु के पितामह माने जाने वाले डॉ. सत्यभूषण वर्मा की 75 जयंती को 'हाइकु
दर्पण' के तत्वावधान में हिंदी हाइकु समारोह के रूप में मनाया गया।
कथाकार ग़ज़लकार कमलेश भट्ट कमल के संयोजन में
आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जहाँ हाइकु कविता के ध्वजावाहक तथा भारत के
जापानी भाषा के पहले प्रोफ़ेसर स्व. डॉ.सत्यभूषण वर्मा को उनकी 75 वीं वर्षगाँठ के
अवसर पर याद किया गया, वहीं हाइकु पर केंद्रित दो महत्वपूर्ण पुस्तकों युगांडा की
अनिवासी भारतीय हाइकुकार डॉ. भावना कुँअर के पहले हाइकु संग्रह 'तारों की चूनर' तथा
डॉ. अंजली देवधर के संपादन में प्रकाशित ''विश्व भर से बच्चों के हाइकु प्रवेशिका'
का लोकार्पण भी किया गया। तारों की चूनर न केवल अपने हाइकुओं अपितु कलाकृतियों के
कारण भी चर्चा में है। इसके प्रत्येक पृष्ठ पर एक हाइकु और एक सुंदर रेखाचित्र हैं।
मुखपृष्ठ का चित्र स्वयं भावना की कलाकृति है और अंदर के हाइकुओं पर आधारित चित्र
जाने माने चित्रकार बी. लाल के हैं।
पुस्तकों का परिचय तथा देश में हाइकु कविता की
गति-प्रगति की विस्तृत जानकारी 'हाइकु दर्पण' पत्रिका के संपादक तथा कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि डॉ. जगदीश व्योम द्वारा दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात गीतकार
एवं 'गीताभ' संस्था के अध्यक्ष ओम प्रकाश चतुर्वेदी पराग ने की। समारोह में
सुप्रसिद्ध बिल्डर एवं कवि बी. एल. गौड़ विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम का प्रारंभ
अनुराधा भट्ट की सांगीतिकी वाणी वंदना से हुआ तथा संचालन कमलेश भट्ट कमल द्वारा
किया गया। कार्यक्रम में चित्रकार जितेन साहू द्वारा हाइकु की प्रयोगशीलता की चर्चा
की गई। राजनाथ तिवारी डॉ. मधु भारतीय, अंजू जैन द्वारा हाइकु कविताएँ प्रस्तुत की
गईं। आयोजन में वरिष्ठ कथाकार से. रा. यात्री, कवि कृष्ण मित्र, पत्रकार कुलदीप
तलवार तथा हरदोई के कवि एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महादेव प्रसाद शर्मा, डॉ.
अतुल जैन, कवयित्री नेहा वैद की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। |