रायपुर। विगत 10
वर्षों से युवा रचनाकारों को दिया जाने वाला वर्ष
2007 का साहित्य का माता सुंदरी फाउंडेशन, उदीयमान
प्रतिभा सम्मान ललित निबंधकार, युवा आलोचक एवं
सृजनगाथा के संपादक जयप्रकाश मानस को दिया गया है।
गत 23 अप्रैल को राजधानी में आयोजित समारोह में
विवेकानंद आश्रम ट्रस्ट के सचिव स्वामी आत्मानंद के
करकमलों से प्रदान किया गया। पुरस्कार स्वरूप 5000
रुपए, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न, शाल एवं श्रीफल
प्रदान किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता हिंदी
ग्रंथ अकादमी के संचालक व संडे आब्ज़र्वर के पूर्व
संपादक रमेश नैयर ने की।
उक्त अवसर पर गिरीश
पंकज, कबीर गायक भारती बंधु, आरएनएस के संपादक
एच.एस.ठाकुर सहित बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय के
गणमान्य नागरिक एवं साहित्यकार, जन प्रतिनिधि
उपस्थित थे। ज्ञातव्य हो कि यह सम्मान श्री मानस को
अंतरजाल पर हिंदी साहित्य को विशेष तौर पर
प्रतिष्ठित करने के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने
छत्तीसगढ़ राज्य के कई रचनाकारों की कृतियों के कोई
सत्रह से अधिक ब्लॉग बनाकर उन्हें वैश्विक पहचान दी
है।
मास्को में
हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन
यू.के. हिंदी समिति, लंदन, द्वारा
मास्को में 16 मई 2007 को हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता
का आयोजन किया गया जिस में रूस के चार
विश्वविद्यालयों के पाँच विभागों के तेरह छात्रों ने
भाग लिया। प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले सभी
प्रतिभागियों को तीन विषयों में से किसी एक विषय पर
लेख लिखना था और १० विषयों में से किसी एक विषय पर
अपना वक्तव्य देना था।
प्रतियोगिता के उपरांत निम्न तीन छात्रों ने पहला,
दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया:
1. सुश्री अन्ना लेविचेवा (पूर्वी
विश्वविद्यालाय, मास्को)
2. सुश्री क्सेनिया ज़र्कोवा (मास्को राजकीय
विश्वविद्यालय)
3. सुश्री मरीया अफ़नास्येवा (मास्को अंतर्राष्ट्रीय
संबंध संस्थान)
प्रतियोगिता के निर्णायक थे:
डॉ. ल्युदमीला वस्सील्येवा (प्राच्य विद्या संस्थान)
डॉ. रायवरपु सर्राजु (ज.ने.सा.के., मास्को)
तत्याना दुब्यान्स्कया (मास्को राजकीय
विश्वविद्यालय)
निर्णायकों का यह मानना है कि
सुश्री अन्ना लेविचेवा (पूर्वी विश्वविद्यालय,
मास्को) को, जो प्रथम आई हैं, अनिवार्य रूप से भारत
की यात्रा कराई जाए। और अन्य दो विजेताओं को यदि
संभव हो तो यू.के. हिंदी समिति भारत की यात्रा ज़रूर
कराए लेकिन उनसे अपना टिकट ख़रीदने के लिए कहे। इन
दोनों का भारत में आवास-प्रवास का खर्च यू.के. हिंदी
समिति को उठाना चाहिए।
अनिल जनविजय
प्रतियोगिता के संचालक
24 मई 2007