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'रंग तरंग और हास्य व्यंग्य - सीधे प्रसारण के संग''

10 मार्च 2007, फिलेडेल्फिया, यू.एस.ए.,  होली के सुअवसर पर फिलेडेल्फिया स्थित  भारतीय टेंपल भवन में 'रंग तरंग और हास्य व्यंग्य' नामक कवि सम्मेलन का आयोजन 'भारतीय सांस्कृतिक केंद्र' के तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ भारत के प्रख्यात गीतकार सोम ठाकुर नें दीप प्रज्ज्वलित कर के किया तथा फिर लगभग चार घंटों तक सभी नें कविताओं का रसास्वादन किया। हास्य, व्यंग्य, गीत, ग़ज़ल से सजी शाम का आयोजन इस क्षेत्र में पहली बार किया गया था।

इंदौर से पधारी डॉ. अनीता सोनी ने माँ सरस्वती की वंदना करी तथा अपने सुमधुर कंठ से आनंदित करने वाली रचनाएँ सुनाईं। उनकी होली के अवसर पर लिखी कविता 'बलम अनाडी नें' खूब पसंद किया। न्यू जर्सी से पधारे अनूप भार्गव नें अपनी छोटी-छोटी रचनाओं से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया तथा वहीं डॉ. बिंदेश्वरी अग्रवाल की कविताओं नें सबको गुदगुदाया। फिलेडेल्फिया के प्रसिद्ध कवि घनश्याम गुप्त नें रामधारी सिंह 'दिनकर' के कुछ छंद पढ़े तथा अपनी कुछ रचनाएँ सुनाईं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से पधारे श्री पी. के. मिश्रा जी ने भी सभा को संबोधित किया।

हास्य व्यंग्य के प्रतिष्ठित कवि अभिनव शुक्ल सभागार में सशरीर उपस्तिथ नहीं थे। वे किन्हीं कारणों से सिएटल से फिलेडेल्फिया नहीं आ पाए थे। अभिनव ने सिएटल से सीधे प्रसारण के ज़रिए सभागार में लगे बड़े पर्दे पर अपनी कविताएँ सुनाईं। हिंदी कवि सम्मेलन के मंचों पर यह अनूठा प्रयोग था जिसे श्रोताओं तथा आयोजकों नें पसंद किया।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक तथा काव्य प्रेमी उमेश तांबी नें बीच-बीच में अपनी चुटकियों तथा रचनाओं से श्रोताओं को भाव-विभोर किया। प्रख्यात गीतकार श्री सोम ठाकुर नें अंत में मंच सँभाला तथा 'ये प्याला प्रेम का प्याला है' तथा 'लौट आओ माँग के सिंदूर की सौगंध तुमको' सहित अपने अनेक गीत पढ़े। पहली बार हिंदी कवी सम्मेलन मंच पर अंतरजाल के माध्यम से सीधा प्रसारण कराने हेतु विजय तांबी का योगदान सरहानीय रहा।

अंत में नंद टोडी एवम सचिव संजीव ज़िंदल नें काव्यमयी मधुर शाम के लिए सभी कवियों और श्रोताओं को धन्यवाद दिया।


कविअभिनव डाट कॉम' का विमोचन

चित्र (बाएँ से दाएँ) - अभिनव शुक्ल (माईक पर), घनश्याम गुप्त, हरभगवान शर्मा तथा डॉ. बिंदेश्वरी अग्रवाल।

24 मार्च 2007, हिल्सबोरो (न्यू जर्सी, यू.एस.ए.), हास्य व्यंग्य तथा ओज काव्य के प्रतिष्ठित कवि अभिनव शुक्ल की वेबसाईट 'कवि अभिनव डाट काम' (www.kaviabhinav.com) का विमोचन होली के सुअवसर पर हिल्सबोरो के सामुदायिक केंद्र में अग्रवाल समाज यू.एस.ए. द्वारा आयोजित "होली मिलन 2007" में डॉ. सचिन गर्ग नें किया। इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए तथा मनभावन ठंडाई सहित स्वादिष्ट पकवानों का सबने आनंद उठाया।

अभिनव की वेबसाईट के विमोचन पर बोलते हुए डॉ. बिंदेश्वरी अग्रवाल नें कहा कि "2005'' में अभिनव के एलबम 'हास्य दर्शन' का विमोचन हुआ था, ''2006'' में उनकी पुस्तक 'अभिनव अनुभूतियाँ' आई तथा अब 2007 में उनकी वेबसाईट का विमोचन हो रहा है। हमें आशा है कि यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा।"
अभिनव को वेबसाईट के लिए शुभकामनाएँ देते हुए डॉ. सचिन गर्ग नें कहा कि इस वेबसाईट के माध्यम से अनेक लोगों को अभिनव को देखने और सुनने का अवसर प्राप्त होता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वेबसाईट पर उपलब्ध वीडियो अत्यंत मनभावन हैं तथा वे लोग जो किन्हीं कारणों से कवि सम्मेलनों में नहीं जा पाते हैं वे इनको देखकर घर बैठे कवि सम्मेलनों का आनंद उठा सकते हैं।

अभिनव शुक्ल ने सभी को इस स्नेह के लिए धन्यवाद दिया तथा आगे भी पाठकों तथा श्रोताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रयत्नशील रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि वे अगले वर्ष तक खंडकाव्य 'अभिमन्यु' को पूरा करने का प्रयास करेंगे।

कार्यक्रम के अंत में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हरभगवान शर्मा, घनश्याम गुप्त, डॉ. बिंदेश्वरी अग्रवाल तथा अभिनव शुक्ल नें अपनी कविताएँ सुनाईं। अंत में संदीप अग्रवाल नें काव्यमयी मधुर शाम के लिए सभी कवियों को धन्यवाद दिया तथा सभी श्रोताओं से समाज की गतिविधियों में भागीदारी निभाने का अनुरोध किया।

अभिनव शुक्ल

24 अप्रैल 2007

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