मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


प्रेरक-प्रसंग

रास्ते की रुकावट
-रश्मि रेखा चातोंबा

विद्यार्थियों की एक टोली पढ़ने के लिए रोज़ाना अपने गाँव से छह-सात मील दूर दूसरे गाँव जाती थी। एक दिन जाते-जाते अचानक विद्यार्थियों को लगा कि उन में एक विद्यार्थी कम है। ढूँढने पर पता चला कि वह पीछे रह गया है।
उसे एक विद्यार्थी ने पुकारा, "तुम वहाँ क्या कर रहे हो?"
उस विद्यार्थी ने वहीं से उत्तर दिया, "ठहरो, मैं अभी आता हूँ।"

यह कह कर उस ने धरती में गड़े एक खूँटे को पकड़ा। ज़ोर से हिलाया, उखाड़ा और एक ओर फेंक दिया फिर टोली में आ मिला।

उसके एक साथी ने पूछा, "तुम ने वह खूँटा क्यों उखाड़ा? इसे तो किसी ने खेत की हद जताने के लिए गाड़ा था।"

इस पर विद्यार्थी बोला, "लेकिन वह बीच रास्ते में गड़ा हुआ था। चलने में रुकावट डालता था। जो खूँटा रास्ते की रुकावट बने, उस खूँटे को उखाड़ फेंकना चाहिए।"

वह विद्यार्थी और कोई नहीं, बल्कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल थे।

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।