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तरह तरह की
तितली
–गोवर्धन
यादव
तितली, कीट
वर्ग का ऐसा प्राणी है, जो विश्व में सब जगह पाया जाता है।
तितली के शरीर के मुख्य तीन भाग होते हैं। (१) सिर (२) वक्ष
(३) और दो जोड़ी पंख। इनके छः पैर होते हैं। प्रत्येक पैर में
तीन जोड़ होते हैं, सिर पर दो जोड़ी आँख, मुँह में घड़ी की
स्प्रिंग की तरह “प्रोवोसिस” नामक खोखली सूँडनुमा जीभ होती है।
फ़ूलों पर बैठकर ये इसी से फ़ूलों का रस चूसकर पीती हैं। इनका
जीवन ज्यादा लंबा नहीं होता है। मादा तितली पत्तों के नीचे
अपने अंडे देती है। कुछ समय बाद ये लारवा में बदल जाते है। कुछ
समय पश्चात लार्वा एक खोल के रुप में बदल जाता है जिसे
“प्यूमा” कहा जाता है। और अन्त में यह तितली के रुप में ढलकर
आसमान में उड़ने लगती हैं।
तितलियाँ विश्व के सभी भागों में पाई जाती हैं। वे गर्म, ठंडे,
उष्णकटिबंधीय, अधिक वर्षा वाले इलाकों में सब तरह की जलवायु
में जीवित रह सकती हैं। सारी तितलियाँ “लेपिडोप्टेरा“
(Lepidoptera) नामक वर्ग से होती हैं। यह एक ग्रीक शब्द है।
लेपिडोस” (lepidos) का अर्थ है अस्थिपंजर और पिटेरा (ptera) का
मतलब है पंख। यह बहुत बडा वर्ग है और इसमे कई प्रकार की
तितलियाँ समाहित हैं। पूरे विश्व में इनके पन्द्रह हजार से भी
ज्यादा प्रकार पाए जाते हैं।
कुछ प्रमुख तितलियाँ इस प्रकार हैं-
रानी एलेक्जेन्ड्रा तितली-
क्वीन
एल्क्जेन्ड्रा बर्डविंग विश्व की सबसे बड़ी तितली मानी गई है।
इसमें मादा तितली आकार में नर से बड़ी होती है और पंख पूरे
फैलाए जाने पर उसकी चौड़ाई १२ इंच से भी कुछ बड़ी हो सकती है।
धड़ की लंबाई लगभग साढे तीन इंच होती है, इसका रंग भूरा और
क्रीम
होता है और इसका भार लगभग १२ ग्राम होता है। मादा तितली के पंख
गहरे भूरे होते हैं जिसमें बहुत हल्के भूरे रंग की बुँदकियों
की दो पंक्तियाँ पंखों के बाहरी किनारों पर पाई जाती हैं।
पिछले पंखों में भीतर की ओर नोक किये हुए त्रिकोणों की एक
पंक्ति होती है। नर के पंख लंबे और नुकीले होते हैं। वे हरे
फिरोजी और काले रंग के मिले जुले रंगों के होते हैं। उसका धड़
चमकीला पीला होता है।
गार्डन टाइगर तितली-
यूरोप,
एशिया और उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है। शेर के शरीर पर बनी
हल्की पीली और काली धारियों जैसे पंख होने के कारण इसका नाम
गार्डन टाइगर तितली रख दिया गया है। इस तितली को नमी वाले
स्थान पसंद हैं। इस कारण वह नदियों की घाटियों में बहुतायत से
पाई जाती है। जून से अगस्त के महीनों में इसे पार्कों, बगीचों
और चरागाहों में आसानी से देखा जा सकता है। लगभग दस हजार फुट
की ऊँचाई वाले स्थानों पर भी यह जीवन यापन कर लेती है। आकार
में लगभग छह सेंमी लंबी यह तितली पकड़े जाने पर मृत होने का
अभिनय करती है।
अमेरिकन स्नाउट बटरफ़्लाई-
इस समूह की इस तितलियाँ काले-भूरे रंग की होती हैं, जिस पर
सफ़ेद, संतरे के रंग अथवा गहरे हरे तथा पीले रंग की
धारियाँ
होती हैं। इनके मुँह के आगे का भाग मोटा और लंबा थूथन के आकार
का होता है। यह उत्तरी तथा दक्षिण अमेरिका में पायी जाती है।
इसके थूथन (स्नाउट) तथा निवास स्थान (अमेरिका) को मिलाकर ही
इसका नाम अमेरिकन स्नाउट बटरफ्लाई रखा गया है। इसके पंख भूरे
धूसर रंग के होते हैं जिन पर नारंगी और सफेद धब्बे होते हैं।
जब यह पेड़ों पर बैठती है तो सूखे पत्ते की तरह दिखाई देती है।
इस प्रकार यह लगभग अदृश्य होकर शत्रुओं से अपना बचाव करती है।
ड्रायास इयूरिया तितली-
जिसे
बहुत से लोग जूलिया तितली भी कहते हैं, पीले-नारंगी-भूरे रंग
की होती है। इसके पंखों का फैलाव तीन से चार इंच तक होता है।
अन्य सामान्य तितलियों से अलग इस तितली के चार पैर होते हैं।
सामने के दो पैर पीछे के पैरों की अपेक्षा छोटे होते हैं। नर
तितली अपेक्षाकृत सुंदर होती है और उसके पंखों पर गहरे रंग की
धारियाँ होती हैं। इनका लार्वा पैशन फ्लावर की पत्तियों का रस
पीता है। इस कारण ये वहीं पाई जाती हैं जहाँ यह पौधा बहुतायत
से हो। ब्राजील टेक्सास और फ्लोरिडा इनके प्रिय निवास हैं।
इनके शरीर में पाए जाने वाले एक विशेष प्रकार के विष के कारण
पक्षी इन तितलियों को अपना भोजन नहीं बनाते।
मोनार्क तितली-
मोनार्क
तितलियाँ अलग-अलग रंगो में तथा अनेक आकारों में पायी जाती हैं।
लेकिन नारंगी तथा काले रंग की तितलियाँ देखने में अत्यन्त ही
सुन्दर होती हैं। मादा तितली के पंख गहरे रंग के होते है, जबकि
नर तितली के पंखों के बीच धारियाँ देखी जाती हैं। इनके पंखों
के
आधार पर हम नर अथवा मादा तितली की पहचान कर सकते हैं। इसकी एक
विशेषता यह भी है कि यह कई किलो मीटर तक की यात्रा बड़े आराम
से कर लेती है। आस्ट्रेलिया और उत्तरी अमेरिका के समुद्र तटों
पर ये बहुतायत से देखने को मिलती हैं। तितलियाँ अपने पसंद के
मौसम के हिसाब से एक इलाके से दूसरे इलाके में स्वतः आती-जाती
रहती हैं।
नीली मार्फो तितली-
ब्लू
मार्फो तितली की २९ जातियाँ तथा १४७ उपजातियाँ पाई जाती हैं।
इसके चटक नीले रंग को देखकर ही इस तितली को “नीली तितली” का
नाम मिला। मार्फो तितली पंख फैलाने पर लगभग ३ से ८ इंच तक आकार
की होती है। इसमें नर तथा मादा तितली के रंग रूप में बड़ा अंतर
होता है, नर तितली चटक नीले रंग की होती है जबकि मादा के पंखों
में नीला रंग बहुत ही कम होता है। पंख भूरे होते हैं और किनारो
पर भूरे नारंगी और धूसर छल्ले होते हैं। पत्तियों पर चिपके
उनके बिलकुल हल्के पीले रंग के अंडे ओस की बूँदों की तरह दिखाई
देते हैं। एक वयस्क नीली मार्फो तितली का जीवन लगभग २ से ३
सप्ताह का होता है।
गोलिआथ बर्डविंग तितली-
गोलिआथ
बर्डविंग तितली आकार की दृष्टि से विश्व में दूसरी सबसे बड़ी
तितली है। नर तितली के पंखों की पृष्ठभूमि काले रंग की होती
है। सामने वाले पंखों पर हरे रंग के नमूने तथा पीछे वाले पंखों
पर पीले नमूने पाए जाते हैं। मादा तितली आकार में नर से बड़ी
होती है।
पंखों
का मूल रंग गहरा भूरा होता है सामने वाले पंखों पर थोड़ा
किनारा छोड़ते हुए सफेद बिंदियाँ पड़ी होती हैं जबकि पिछले
पंखों पर सफेद और हल्के भूरे रंग की पट्टी होती है जिस पर काली
बिंदियाँ पड़ी होती हैं। पंखों को पूरी तरह फैला देने पर इनकी
चौड़ाई ११ इंच होती है। नर तितली जब पंखों को समेट कर पेड़ पर
बैठी आराम कर रही होती है तो पत्तियों के रंग में मिल जाती है
और पक्षी उसे देख नहीं पाते। मादा तितली पंख फैलाकर आराम करती
है।
केलिफ़ोर्निया डागफ़ेस तितली-
काले
पीले रंग की इस तितली के सामने वाले पंखों पर एक कुत्ते की
आकृति दिखाई पड़ती है। जिसके कारण इस तितली का नाम करण हुआ है।
मूल रूप से पंखों का रंग पीला होता है लेकिन इनकी किनारी काले
रंग की होती है। छोटी घास से ढँकी हुई पहाड़ियों, खुले जंगलों
और सड़क के किनारे उगने वाली बहुत सी झाड़ियों पर इनकी भोजन
सामग्री होती है। जिसके कारण यहाँ इन्हें बहुतायत से पाया जाता
है। नर तितली काफी दूर दूर तक उड़ती है और वातावरण को मादा
तितली के लिये सुरक्षित बनाए रखती है। मादा सफेद अंडे देती है।
इनका लारवा हरे रंग का होता है जिसके दोनों ओर सफेद धारियाँ
होती हैं।
मिल्बर्ट्स टारटाइजशेल तितली-
उत्तरी अमेरिका, आलस्का, टूंड्रा और कैनेडा में पाई जाने वाली
गहरे रंग की इस तितली के पंखों के बाहरी हिस्से पर एक
चौड़ी
पट्टी होती है जो भूरे और हल्के नारंगी रंगों से बनी होती है
और आग की लपटों जैसी दिखाई देती है। इसके पंखों का फैलाव डेढ़
से ढाई इंच का होता है। और सामने वाले पंखों के किनारे गोल
होते हैं। यह गीले वनों में तेजी से उड़ती है और फूलों पर
बैठते समय अपने पंख फैला देती है। इसका भोजन थिसिल, गोल्डेन
रॉड तथा लाइलैक के फूलों से मिलता है। इसके अतिरिक्त इसे पौधों
के तने का रस तथा सड़े हुए फलों का सिरका पीना भी काफी पसंद
है।
२७ मई २०१३ |