चिंटू
और चीनी
- अरुणा घवाना
चिंटू और
चीनी भाईबहन थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे इसलिए एकसाथ
आतेजाते थे।चिंटू और चीनी के स्वभाव बिलकुल भिन्न थे। चीनी
सीधीसादी थी, जबकि चिंटू को घर में रखी चीजें खाने की बहुत
बुरी आदत थी।
बिस्कुट हो या नमकीन, पेस्ट्री हो या चौकलेट वह कुछ नहीं
छोड़ता था। अकसर माँ उसे इस बात के लिए डाँटती भी थीं। पर उसपर
इन बातों का कोई असर नहीं होता था। एक दिन गुस्से में आकर माँ
ने उस अलमारी को ही ताला लगा दिया जिसमें बिस्कुट आदि चीजें
रखीं हुई थीं। उस अलमारी में बिस्कुट आदि के अलावा दवाइयाँ व
कुछ अन्य सामान भी रखा हुआ था।
एक दिन चिंटू और चीनी स्कूल से लौटे। चीनी की तबीयत आते ही कुछ
खराब हो गई। पहले तो चिंटू ने ध्यान नहीं दिया जब पर चीनी की
तबीयत कुछ ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसने माँ को आफिस फोन किया और
उन्हें चीनी की बिगड़ती हुई तबीयत के बारे में बताया।
माँ बोलीं,``चिंटू लगता है चीनी को लू लग गई है। तुम अलमारी
में रखे ग्लूकोस को घोलकर पिला दो, तब तक मैं डाक्टर को फोन
करती हूँ। पर तुुम ग्लूकोस को घोल कर पिलाते रहना वरना मुश्किल
हो जाएगी। ''
चिंटू जल्दी से रिसीवर रखकर अलमारी से ग्लूकोस निकालने के लिए
ज्यों ही अलमारी के पास पहुँचा, देखा ताला लगा था। उसने
इधर-उधर चाबी ढूँढी पर उसे कहीं न मिली। तब उसने फिर से माँ के
ऑफिस फोन किया।
माँ बोलीं,``ओह बेटा, चाबी तो मेरे पास है।''
``अब क्या होगा मां,'' चिंटू फोन पर ही रो पड़ा, ``अब क्या
करूँ?''
फिर रोते हुए मम्मीसे बोला,``आपने अलमारी को ताला क्यों लगाया।
आपको पता था कि उसमें ग्लूकोस है फिर। ''
``पर चिंटू तुम्हें भी तो पता था कि उसमें बिस्कुट पड़े हैं जो
तुम रोज चुपचुप खा जाते हो। न तुम बिस्कुट खाते न मैं ताला
लगाती और न चीनी का इतना बुरा हाल होता। अच्छा, मैं डाक्टर को
लेकर अभी आती हूँ।'' कह कर माँ ने रिसीवर रख दिया।
चिंटू की हालत खराब! कभी वह चीनी को देखता तो कभी रोता।थोड़ी
देर में माँ आ गई।
``आप अकेली आई हैं,'' माँ के घर में घुसते ही चिंटू ने पूछा,
``आपको पता है चीनी की तबीयत कितनी खराब है।''
तभी अंदर से आवाज आई,`` मैं तो ठीक-ठाक हूँ भइया।''
``अरे माँ के आते ही तू ठीक हो गई मेरी बहन,'' कहकर चिंटू ने
चीनी को गले से लगा लिया।
``अब मैं कभी चोरी नहीं करूँगा कभी नहीं ,'' कहते हुए चिंटू रो
पड़ा।
माँ ने चिंटू और चीनी को गले से लगा लिया।
असल में चीनी और माँ ने ही मिलकर चिंटू को सबक सिखाने की योजना
बनाई थी।
१ दिसंबर २००३ |