फुलवारी

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मोटर की सवारी

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गीता के पास एक मोटर कार है। छुट्टियों में मोटर कार की सवारी का खूब मजा है। सारे दिन सैर होती है। धीरे धीरे छुटकू भालू ने भी मोटरकार चलाना सीख लिया है। कार थोड़ी छोटी है। जब छुटकू भालू कार चलाता है तब गीता पीछे बैठती है और जब गीता कार चलाती है तब छुटकू भालू पीछे बैठता है।

फूलों वाली क्यारियों के बीच बनी सड़क पर मोटर कार तेजी से दौड़ती है। सवारी करने वालों को ठंडी ठंडी हवा लगती है। देखो देखो छुटकू भालू का रूमाल और गीता की चोटियाँ तेज हवा में उड़ी जा रही हैं।

गीता अभी पाँच साल की है। छुटकू भालू थोड़ा छोटा है। वह चार साल का है। छोटे बच्चे मोटर कार नहीं चला सकते। उन्हें मोटर कार चलाने का लाइसेंस नहीं मिलता। सड़क पर अकेले जाना सुरक्षित नहीं है। असावधान होने पर दुर्घटना हो सकती हैं। क्या गीता और छुटकू भालू यह सब नहीं जानते?

अरे यह सचमुच की कार नहीं है, यह खिलौने वाली कार है। वे दोनों सड़क पर नहीं, फाटक के भीतर बगीचे में बनी सड़क पर कार चला रहे हैं। माँ कहती है- सब छोटे बच्चे खिलौने वाली कार सावधानी से चला सकते हैं।

- पूर्णिमा वर्मन

१९ अगस्त २०१३

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