मीता रोज सपने
देखती है? वह सपने देखने कहीं जाती नहीं। सपने अपने आप चले
आते हैं। कभी उड़ने वाली भेड़ का सपना, कभी गाँव की सैर का
सपना और अब देखो अद्दू बद्दू और भालू का सपना। भालू तो
सचमुच का नहीं है, वह अद्दू बद्दू का खिलौना है।
अद्दू
बद्दू को भी मीता जानती नहीं है सिर्फ उनकी कहानी पढ़ती
है। जिसकी भी कहानी वह पढ़ती है वह सपने में आ जाता है। यह
एक मजे की बात है। कहानी वाले लोगों से सपने में मिलने से
खुशी होती है।
अद्दू
बद्दू का घर चाँद के पास है। खिड़की के पार सितारों की
दुनिया में। सपने में अद्दू-बद्दू अपने भालू खिलौने के साथ
सो रहे थे। मीतू को यह सपना बहुत अच्छा लगा। जब वह सोकर
उठी तब बहुत खुश थी। उसने माँ से कहा- आज मैंने सपने में
अद्दू बद्दू को देखा।
माँ ने कहा- कितने सपने
देखोगी मीतू रानी
! मीता हँसने लगी।
- पूर्णिमा वर्मन |