प्रिय
दोस्तों,
आशा है तुम सब ठीक होंगे। आओ आज शुक्र ग्रह के बारे में
बात करें।
शुक्र ग्रह,
चाँद और सूरज के बाद, आसमान का सबसे तेज़ चमकने वाला तारा
है। यह ग्रह सूरज से दूसरे स्थान पर है। यह छटा सबसे बड़ा
ग्रह है। इसका परिक्रमा-पथ सभी ग्रहों के मुकाबले सबसे
अधिक गोल है और १०८,२००,००० किलोमीटर लम्बा है। इसका व्यास
बारह हज़ार एक सौ तीन दशमलव छै (१२,१०३.६) किलोमीटर है।
एक
मज़ेदार बात बताऊँ? शुक्र ग्रह को कभी-कभी पृथ्वी की बहन
भी माना जाता है। यह इसलिए क्यों कि कुछ बातों में दोनों
ग्रह काफी एक जैसे हैं। शुक्र ग्रह पृथ्वी से बस थोड़ा ही
छोटा है। शुक्र ग्रह का व्यास, पृथ्वी के व्यास से सिर्फ़
पाँच प्रतिशत छोटा है। दोनों ग्रहों की सतह पर बहुत कम
ज्वालामुखी हैं जो यह साबित करते हैं कि दोनों ग्रहों की
सतह काफी जवान हैं। दोनों ग्रहों का घनत्व और रासायनिक
संयोजन एक समान है। इसी समानता के कारण यह अनुमान लगाया
गया था कि शायद शुक्र ग्रह पृथ्वी जैसा हो और उस पर जीवन
भी हो। लेकिन विस्तार पूर्वक जाँच करने पर यह पता लगा कि
दोनों ग्रहों में कुछ महत्वपूर्ण अन्तर हैं।
शुक्र
ग्रह का अधिकतर वातावरण कारबन ऑक्साइड से बना है। इस ग्रह
पर कई किलोमीटर घनी बादलों की परतें हैं जो सल्फ्यूरिक
एसिड से बनी हैं। ऐसा घना वातावरण पौध-घर का प्रभाव
उत्पन्न करता है जिससे ग्रह की सतह का तापमान चार सौ
डिग्री से चार सौ चालीस केलविन (४४०क) से भी अधिक बढ़ जाता
है। सूरज से लगभग दुगुनी दूरी पर होने के बावजूद शुक्र
ग्रह की सतह बुध ग्रह की सतह से अधिक गरम होती है।
ऐसा
सम्भव है कि एक समय में शुक्र ग्रह पर ढेर सारा पानी हो
लेकिन वह सब उबल गया होगा। आज शुक्र ग्रह काफी सूखा है।
हमारी पृथ्वी का भी यही हाल होता अगर वह सूरज के ज़रा भी
और करीब होती!
शुक्र
ग्रह के धीमे परिक्रमण के कारण इसका कोई चुम्बकीय क्षेत्र
नहीं है। इसके कोई उपग्रह भी नहीं हैं।
शुक्र
ग्रह को हम बिना किसी यंत्र की सहायता से अपनी आँखों से
देख सकते हैं। आखिर ये आसमान का सबसे तेज़ चमकने वाला
सितारा जो हैं!!!
आशा है
तुम्हें शुक्र ग्रह के बारे में जानकर मज़ा आया होगा। इस
बीच अगर बुद्ध ग्रह के बारे में तुम्हें कुछ भी पूछना हो
तो मुझे ई-मेल कर सकते हो, पता ऊपर है ही।
ठीक से
पढ़ाई करना और अपना ख़याल रखना।
ढेर से
प्यार के साथ,
तुम्हारी,
गुल्लू दीदी
१ जून २००३
|