रोमांचक
रोमानिया
- पर्यटक
रोमानिया दक्षिण पूर्वी यूरोप
में काला सागर और डैन्यूब नदी की गोद में बसा एक सुन्दर हरा
भरा देश है। इसकी उत्तरी पूर्वी सीमा पर रूस, पश्चिम में
हंगरी, दक्षिण पश्चिम में युगोस्लाविया और दक्षिण में
बुल्गारिया स्थित है। रोमानिया अपनी टैक्नोलाजी और आधुनिकता की
लहर के बावजूद पारिवारिक और सामाजिक संस्कारों से जुड़ा हुआ एक
अत्यन्त स्वाभिमानी देश
है।
नयी दिल्ली से एयर
इन्डिया के विशाल बोइंग विमान से रोम तक की यात्रा में ८ घण्टे
का समय लगा, वहाँ से रोमानिया जाने के लिये रोमानिया वायु सेवा
'तारोम' से भूमध्यसागर के आकाश में, बुल्गारिया का अभिवादन
करते हुए हमारे विमान ने बुखारेस्ट के अन्तर्राष्ट्रीय
एअरपोर्ट 'ओतेपेन' पर दो घण्टे की यात्रा के बाद विराम लिया।
एयरपोर्ट की औपचारिकताओं के मध्य मेरे भारतीय पासपोर्ट को
देखकर रोमानियन कर्मचारी द्वारा हिन्दी में पूछा जाना ``आप
इन्डिया से हैं? आइये, मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ? सुनते
ही मेरा मन आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता से भर गया। अचानक ऐसा
अनुभव हुआ जैसे किसी ने पहली बार में ही मेरे मन के तारों को
छेड़ दिया हो।
सन १८६२ में बुखारेस्त रोमानिया की राजधानी के रूप में
प्रतिष्ठित हुआ। इस नगर के प्राचीन बाज़ार १७वी और १८वी
शताब्दी में तुर्की की राजधानी इस्तंबूल के बाद दक्षिणी यूरोप
के सबसे महत्वपूर्ण व्यवसायिक केन्द्र हैं जो मध्यकालीन
तुर्की बाजारों की याद दिलाते
हैं जहाँ की तंग गलियों और सड़कों पर व्यापार होता आया है।
आज बुखारेस्त विश्व के अनेकों प्रसिद्ध शहरों से जुड़ा हुआ है।
यहाँ की गगनचुम्बी इमारतें चौड़ी सड़के, भूमिगत रेल, टेलीफोन
बूथों का जाल, डिपार्टमेन्टल स्टोर्स से युक्त शहर अपने को
पूर्व से नहीं बल्कि पश्चिमी देशों के कदम से कदम मिलाकर अबाध
गति से चलता जा रहा है।
दिसम्बर से फरवरी तक बुखारेस्त की सड़क, मकान, पेड़ मैदान सभी
जगह बर्फ की गहरी परतें जमी रहती हैं, झील तथा नदी का पानी
जमकर जमीन की तरह ठोस हो जाता है। बुखारेस्त का औसत तापामान ११
डिग्री सेन्टीग्रेड रहता है। वसन्त गर्मी का प्रवेशद्वार है,
रोमानिया ही नहीं सम्पूर्ण यूरोप साल भर तक एक प्रकार से गर्मी
के लिये लालायित रहता है।
जुलाई
अगस्त में यहाँ की गर्मी में शहर के ज्यादातर लोगों की धड़कनें
पर्वतों, समुद्रतटों और गाँवों में सुनायी देने लगती है। सर्दी
में सुनसान पड़े समुद्र तटों पर एक बार पुन: नव चेतना जागृति
हो जाती है। बच्चे बूढ़े, युवक, युवती, स्त्री, पुरूष सभी अपने
में खोए हुए जल से किलोल करते हुए तथा आँखें बन्द कर चित्त
लेटे सूर्य की किरणों का ताप पीते हुए धूप सेकते हैं वहीं
महिलायें धूप में अपने शरीर को साँवला बनाने में समर्थ होती
हैं और गर्व से अपने बदले हुए शारीरिक रंग का प्रदर्शन करती
फिरती हैं।
बुखारेस्त के बाह्य सौंदर्य बोध के लिये मेरा बेताब मन
कास्ताजा समुद्र तट पर पहुँच गया। काले सागर के तट पर स्थित
कास्ताजा यहाँ का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय बन्दरगाह भी है,
जिन समुद्र तटों पर गर्मी में यहाँ के निवासी मनोरंजन के लिये
जाते हैं वे कास्ताजा से थोड़ी दूरी पर है।
काला सागर के
किनारे किनारे रोमानियन भूमि पर नौ ऐसे समुद्रतट है जहाँ लोग
आनन्द लेने के लिये आते हैं।
इनमें से अधिकतर के नाम ग्रहों के आधार पर रखे गए
हैं। इन समुद्र तटों पर विशेष तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते
हैं। जगह जगह संगीत तथा नृत्य के साथ साथ होटलों में फैशन शो
आयोजित होते हैं।
यूरोप के सभी समुद्र तटों का सौन्दर्य समान है किन्तु रोमानिया
का खनिज जल यूरोप का अत्यंत गुणकारी जल माना जाता है जिससे
प्राकृतिक इलाज किया जाता है। वहाँ के लोगों का कहना था कि
यहाँ अनेकों असाध्य रोगों का निवारण हो जाता है, जिसमें गुर्दे
से सम्बन्धित रोग प्रमुख है। यहाँ प्राकृतिक उपचार में जुड़ी
संस्थाओं को देख कर प्रतीत होता है कि जैसे प्राकृतिक इलाज की
बेल रोमानियन समुद्री तटों पर बिखर गयी है।
मैं रोगी न होकर पर्यटक था इसलिये मेरे कदम पहाड़ी सौन्दर्य की
ओर बढ़ गए। सिनाया, प्रेदयाल, ब्राशोव पहाड़ियों की ओर जाते
हुए साफ सुथरी सड़कें, आकर्षक होटल, पर्यटन सूचना केन्द्र,
रेस्तरां की सुव्यवस्था के साथ ही सांस्कृतिक तथा मनोरंजन की
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एवं एक पहाड़ी चोटी से दूसरी
पहाड़ की चोटी तक पहुँचने के लिये तारयान (रोप वे) की
सुव्यवस्था की गयी है।
भौगोलिक
दृष्टि से रोमानिया सौभाग्यशाली देश है। इसके ३१ प्रतिशत भाग
में पर्वत शृंखलाएँ, ३६ प्रतिशत भाग में पठार और पहाड़ियाँ तथा
३३ प्रतिशत भाग मैदानी है। रोमानिया के लिये कार्पाथिअन पर्वत
श्रेणियाँ केवल भौगालिक महत्व ही नहीं अपितु इनकी प्राचीनतम
लोक परम्पराओं का एक स्थान अभिन्न अंग है। ठीक उसी तरह
जैसे हिमालय पर्वत भारतीय
परम्परा का अंग हैं।
२३७५ कि मी लम्बी डेन्यूब नदी का महत्व भी रोमानियन के लिये
उतना ही है जितना किसी भारतीय के लिये गंगा नदी का या
रूसवासियों के लिये वोल्गा नदी का। विश्व में कुछ राष्ट्र ऐसे
भी है जहाँ एक भारतीय के रूप में आपको कुछ अधिक सद्भाव और
प्यार मिलता है। जहाँ मैं भारतीय हूँ कहने में आप गर्व का
अनुभव करते हैं। रोमानिया ऐसा ही एक देश है। जहाँ की सड़कों
पर दुकानों में, बसों में
अनायास इसकी सहज अनुभूति हो जाती हैं।
भारत की हिन्दी फिल्में एवं हिन्दी फिल्मी गाने काफी
लोकिप्र्रिय है। भारतीय गीत गानेवाली अनेको रोमानियन गायिकाएँ
हैं जो स्टेजपर हिन्दी गानों के कार्यक्रम प्रस्तुत करती है।
हिन्दी की सर्वप्रथम लोकप्रिय रोमानियन गायिका थी, नरगिता
जिसके हिन्दी गानों के डिस्क हाथों हाथ बिक जाते हैं। इस देश
में भारत प्रेम केवल साहित्य और चिन्तन तक ही सीमित नहीं हैं।
भारत प्रेम का हर व्यक्ति का अन्दाज अलग अलग है। किसी को
भारतीय पोशाक पसन्द है, कोई भारतीय खाने का प्रेमी है, किसी पर
भारतीय संगीत का जादू छाया है तो किसी पर फिल्म का।
बुखरेस्त का हैरस्त्रड पार्क काफी विशाल है इसके मध्य में
स्थित एक बहुत बड़ी झील है। जहाँ नौका विहार करते हुए लोगों की
भीड़ बनी रहती हैं। पार्क में ही खुले स्थानों पर आर्केस्ट्रा
एवं संगीत कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है।
रोमानिया भ्रमण का सर्वोत्तम समय जुलाई से सितम्बर है। यहाँ
पर्यटकों के आवास के लिये पाँच सितारा होटल से लेकर सस्ते
होटल भी उपलब्ध है। पाँच सितारा होटलों में होटल
इन्टरकान्टिनेन्टल विख्यात है। इसकी सबसे ऊपरी मंजिल की छत पर
स्वीमिंग पूल बना हुआ है। विदेशी पर्यटक के रूप में आप किसी
रोमानियन के घर में नहीं रह सकते। सामान्यत: आपसे आशा की जाती
है कि आप अमेरिकी डालर की हल्की सी रकम हर रोज खर्च करेंगे।
रोमानिया की शिक्षा व्यवस्था नि:शुल्क है चाहे स्कूली शिक्षा
हो, विश्वविद्यालय शिक्षा हो या चिकित्सा, इन्जीनियर आदि की
शिक्षा हो। यहाँ स्कूल या विश्वविद्यालय की शिक्षा पूर्ण करने
के पश्चात नौकरी न करना कानूनी तौर से अपराध माना जाता है।
रोमानिया का प्रिय खेल फुटबॉल है किन्तु खेल जगत में इसकी
विशेष
पहचान जिमनास्टिक में की जाती है। किसी शहर को पहचानना हो तो
बाजार से उचित कोई स्थान नहीं है। जहाँ एक ही जगह पर आप शहर की
ही नहीं, सारे समाज की धड़कनें सुन सकते हैं। वैसे बुखारेस्त
में कई बड़े बाज़ार है किन्तु मुझे प्यात्साउनीरिया देखने का
सुयोग मिला। यहाँ की छोटी बड़ी सभी दुकानों पर मूल्य निर्धारित
हैं। रोमानिया में विदेशियों के लिये अलग से भी कुछ विशिष्ट
दुकानें हैं। जिन्हें यहाँ डालर शाप कहते हैं।
थकान और भूख मिटाने के लिये मैं यहाँ के शानदार रेस्तरां
'पार्कुल त्रान्दा फेरिलोर (गुलाब पार्क) में प्रवेश किया । इस
रेस्तरां के शानदार खूबसूरत भवन को देखने मात्र से आधी थकान
दूर हो गयी। यहाँ टैक्सी चलाने का काम स्त्री पुरूष दोनो ही
करते हैं। किन्तु कम पैसे खर्च करके शहर भ्रमण के लिये आसान
रास्ता है बस से सफर करना जिसके लिये एक दैनिक पास लेकर दिन भर
आप जब चाहें, जहाँ चाहे बस पर सवार हो कर सैर कर सकते हैं।
बुखारेस्त की एक और दुर्लभ दर्शनीय स्थल है, ग्राम अजायबघर'
जिसे यहाँ 'सातुल मुजेड' कहते हैं। शायद ही किसी देश में ऐसा
विलक्षण संग्रह देखने को मिले। शहर में अनेकों संग्रहालय है
किन्तु समयाभाव के कारण यहाँ के 'प्राकृतिक इतिहास का
संग्रहालय' ही देख सका। इसमें विश्व के प्रारम्भ से लेकर अब तक
के मानव विकास, पशु इतिहास, तथा खनिज इतिहास का सम्पूर्ण चित्र
वास्तविक रूप में अपनी आँखों से देख सकते हैं।
बुखारेस्त में यहाँ के प्रसिद्ध आपेरा में नृत्य और संगीत की
विशेष शैली है। रोमानिया अपने अन्य पड़ोसी से जागरूक है। आपेरा,
बैले नृत्य, संगीत समारोह तथा कला भवन महँगे टिकटों के बावजूद
हमेशा भरे रहते हैं। काले सागर का गोरा देश रोमानिया जिसके जन
मानस का हृदय भी उतना ही स्वच्छ एवं निश्छल है। तथा भारत के
प्रति उनका अनुराग और सौहार्द आज भी आँखों में एक नयी आभा भर
देती है एवं हृदय की गहराई में पैक हो गयी है। रोमानिया अपने अन्य पड़ोसी से जागरूक है। आपेरा,
बैले नृत्य, संगीत समारोह तथा
कला भवन महँगे टिकटों के बावजूद हमेशा भरे रहते हैं।
काले सागर का गोरा देश रोमानिया जिसके जन मानस का हृदय भी उतना
ही स्वच्छ एवं निश्छल है। तथा भारत के प्रति उनका अनुराग और
सौहार्द आज भी आँखों
में एक नयी आभा भर देती है एवं हृदय की गहराई में पैक हो गयी
है।
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