ऐतिहासिक
इमारतों में बसा एडिनबर्ग
- पर्यटक
स्काटलैंड ब्रिटेन का उत्तरी भाग है सामान्य रूप से
वेल्स आयरलैंड इंग्लैंड और स्काटलैंड में विशेष अन्तर
नही दिखायी देता किन्तु फिर भी इन राज्यों की संस्कृति
और यहाँ के निवासियों के रहन-सहन पहनावे यहाँ तक कि
भाषा में भी स्पष्ट
अन्तर दिखता है। इंग्लैंड और स्काटलैंड के प्राकृतिक
दृश्यों और भौगोलिक बनावट में भी काफी अन्तर है।
स्काटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग पाश्चात्य एवं
पारम्परिक सभ्यता के आश्चर्यजनक सम्मिश्रण के रूप में
निराला स्थान एवं पर्यटको के लिए स्वप्निल शहर है।
भारत से युनाइटेड किंगडम के भ्रमण की बहु सुप्रतीक्षित
घड़ी आ गयी। एअर इन्डिया की लम्बी उडान से लन्दन के
हीथ्रो एअरपोर्ट पर पहुचने के पश्चात ब्रिटिश मिडलैंड
से एडिनबर्ग के लिए उड़े। आह्लादक यात्रा के और भी
आनन्दकारी क्षणों में डूबने की उत्सुकता ज्यादातर
यात्री पर्यटक थे मेरा परिचय अपने सहयात्री
से हुआ जो खाड़ी देश से थे और वह भी मेरी तरह पहली बार
स्काटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग जा रहे थे। ७५ मिनट की
यात्रा के पश्चात हमारे कदम खूबसूरत और मनमोहक शहर की
जमीं को चूमने लगे।
एडिनबर्ग शहर की प्रभावशाली विशिष्टता है वहाँ की नयी
एवं पुरानी इमारतों की समरूपता, जिनकी संरचना बलुवा
पत्थरों से की गयी है। पूर्व में इन पत्थरो को उत्तरी
स्काटलैंड के क्रेगलेथ की खुली खदानों के भूगर्भ से
लाया गया था। आज वह स्थान एक शापिंग सेन्टर के रूप में
स्थानांतरित हो गया है।
योरोप के अन्य ऐतिहासिक नगरों की तरह एडिनबर्ग भी
किलों, समारकों, गिरजाघरों, कलासंग्रहों और
संग्रहालयों का नगर है। कुल मिला कर यहाँ लगभग दस किले
हैं, जो अत्यंत दर्शनीय हैं। एडिनबर्ग से लगभग तीन मील
की दूरी पर स्थित 'लौरिस्टन कैसेल', पन्द्रहवीं
शताब्दी में निर्मित 'विंटन हाउस' जो आज अनेक दुर्लभ
कलाकृतियों और परंपराओं का संग्रहालय है, चौदहवीं
शताब्दी में निर्मित पचास फुट ऊँची चारदीवारी वाला '
टैन्टलन कैसेल', इतालवी शैली के शिलाशिल्प से सुसज्जित
विशालकाय 'क्रिचटन कैसेल', लौडरडेल के अर्ल और ड्यूक
का निवास सुन्दर चंदोवों के लिये विख्यात
सत्रहवी शताब्दी के शिल्प से सुशोभित' थर्लस्टेन
कैसेल', तेरहवीं से पन्द्रहवीं शताब्दी के बीच बना
'हेल्स कैसल' जो इस समय भग्नावशेष अवस्था में है,
लिनलिथगो पैलेस
स्टूवर्ट
राजाओं का निवास स्थल और स्काट की रानी मेरी क्वीन का
जन्मस्थल 'लिनलिथगो पैलेस' तथा पन्द्रहवी शताब्दी में
बना 'क्रैगमिलर कैसेल' इनमें विशेष रूप से दर्शनीय
हैं। हर किला अपने अंदर विशेष कहानियाँ और ऐतिहासिक
घटनाओं को छिपाए हुए है।
इसके अतिरिक्त शहर को रेखंाकित करती हुयी छोटे-छोटे
होटलो एवं सरायो की प्रचुरता जो या तो छोटी छोटी
झोपड़ियो के रूप मे है या फिर शानदार और रमणीक होटल के
रूप में जिनमे से ज्यादातर होटलो द्वारा कमरे के
किराये के साथ ही सुबह का नश्ता भी उपलब्ध कराया जाता
है। मैने भी एक
होटल मे रहने और सुबह के सन्तुलित नाश्ते का प्रबन्ध
कर लिया।
एडिनबर्ग कैसेल सर्दियों में
सडक से जुडी छोटी छोटी अनेको गलियाँ जहाँ खाने के
बहुतायत स्थान है और वहाँ सभी अपने अभिरूचि का भोजन
प्राप्त कर सकते है ।मैं भी उन्ही मे से एक स्थान पर
खाने के लिए पहुँच गया। खाने के पश्चात हम एडिनबर्ग
कैसल के शाही अन्दाज को देखने के लिए पहुँचे।
यह
ऐताहासिक किला ४५० फिट की उँची पहाडी पर स्थित है तथा
चारो तरफ से हरे भरे वृक्षों से घिरा हुआ है गाइड ने
बताया कि किंग एडविन ने इस दुर्ग का निमार्ण कराया था।
शेक्सपियर के मैकबेथ का माल्कम ११वीं शताब्दी में यहाँ
रहता था। ब्रिटेन के इतिहास प्रसिद्ध ' मेरी क्वीन आफ
स्काटस' भी कुछ दिन तक इसी मे रही थी। किले के
संग्रहालय में बादशाहों के हथियार पोशाकें और गहने अभी
भी अपनी गौरव गाथा कह रहे थे।रानी मेरी का महल ' होली
रूड ' लगभग ८५० वर्ष पुराना है ऊबड खाबड पत्थरो के
बेडौल कमरो में आज भी उनकी
पुरानी वस्तुएँ ज्यों की त्यों सुरक्षित हैं।
शाम हो रही थी हम वापस अपने होटल के कमरे में लौट आये।
दूसरे दिन ब्रेक फास्ट लेने के बाद हम सर वाल्टर स्काट
के निवास स्थान को देखने गये। इस कवि और उपन्यासकार ने
स्काटलैंड जैसे छोटे से प्रदेश को अपनी लेखनी के जादू
से विश्व प्रसिद्ध कर दिया। स्काट ने अपनी रचनाओं में
स्काटलैंड के रमणीक स्थानो का वर्णन तथा उसके वीरो की
गाथाएँ लिपिबद्ध की है। एडिनबर्ग की प्रिन्सेस स्ट्रीट
में स्काट की स्मृति में गोथिक शैली में एक भव्य
स्मारक बनाकर स्काटलैंड की जनता ने अपने प्रिय लेखक
कवि के प्रति स्नेह और कृतज्ञता व्यक्त की है। स्मारक
में प्रसिद्ध मूर्तिकार सर जान स्टील द्वारा निर्मित
स्काट और उनके कुत्ते की बडी सजीव मूर्ति प्रतिष्ठित
है।
स्थानीय लोगो के
अनुसार स्काटलैंड भ्रमण का बेहतर समय अगस्त और सितम्बर
है किन्तु अप्रैल और मई का मौसम भी आश्चर्यजनक होता
है।बसन्त के बाद से स्काटिस प्राकृतिक दृश्य अत्यन्त
लुभावने लगने लगते हैं।मीले फैले रेपसीड और आलू के खेत
तथा हिसालू और रसभरी से ढंकी हुयी पगडंडिया रखवालो
द्वारा चिडियों को उडाने के लिए हवाई फायर की गूंजती
आवाजे खेतो की मिटटी की खुदाई करके अनाज की फसलों का
रोपण करते हुए लोगो का समूह अत्यन्त विस्मयकारी दृश्य
प्रस्तुत कररहे थे।
एन्ड्रीयूज
से दो घन्टे की टैक्सी से यात्रा करके फाइफ के पौराणिक
गोल्फ मैदान के लिए जाते हुए शहर से बाहर रास्ते मे
हरीतिमा युक्त देहात और अनेको घरो में ठहरने एवं
नाश्ते की सुविधा का प्रचार करते हुये विज्ञापन बरबस
पर्यटको को आकर्षित करते हैं। घर लौटती गायो के झुन्ड
व चरती हुई भेडो को देखकर जैसे भारतीय परिवेश का बोध
जाग्रत होने लगता है। वातावरण की विशुद्ध ताजी हवा
फेफडों में भरती जा रही थी अन्दर से मन काफी उल्लसित
एवं प्रफुल्लित लग रहा था।
पारम्परिक रूप से गोल्फ का खेल स्काटलैंड से सम्बद्ध
है यहाँ तक कि गोल्फ नाम की प्रत्युत्पति भी स्काटिश
शब्द ' गोफ्फ ' से हुयी जिसका तात्पर्य कठोर प्रहार
है। १७४४ में गोल्फ खेल के प्रथम नियमो का नियमन भी
स्काटलैंड की आनरेबुल कम्पनी द्वारा किया गया। आज
स्काटलैंड में बहुसंख्यक गोल्फ के मैदान तथा ५० से
ज्यादा सुविधाजनक पार्कलैंड और लिंकस एडिनबर्ग में
बिखरे हुए हैं।जहाँ आप बिना किसी परेशानी के काफी समय
तक अपना खेल जारी रख सकते हैं। वहाँ से हम लोग शहर की
ओर वापस लौटे एवं अगले दिन र्फोथ रेल ब्रिज का भ्रमण
करने गये।