मार्च
माह के पर्व
मार्च महीना होली, शिवरात्रि
और गुड फ्राइडे के पर्वो का है।
ये सामाजिक तथा धार्मिक पर्व हैं तथा पूरे भारत में धूमधाम
से मनाए जाते हैं। साथ ही भारत सरकार की ओर से कुछ
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है जो इस माह
को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं।
खजुराहो
नृत्य महोत्सव (खजुराहो मध्यप्रदेश) चंदेल राजाओं द्वारा
बनवाए गए खजुराहो के मंदिर अपने उत्कृष्ट पाषाण शिल्प के लिए
विश्वविख्यात हैं ।
इसमें से अवशेष २२ मंदिर प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में
भारतीय शास्त्रीय नृत्य के सप्ताह भर लम्बे कार्यक्रमों
द्वारा सजीव हो उठते हैं। इस समय भारत के अनेक विश्वविख्यात
कलाकार यहाँ अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
शिवरात्रि
(सम्पूर्ण भारत) - यह एक धार्मिक पर्व है और सम्पूर्ण भारत
में गहरी आस्था के साथ मनाया जाता है। दिन व्रत और पूजा के
साथ-साथ मंदिर में दर्शन की विशेष परंपरा है। प्रसिद्ध शिव
मंदिरों जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर, आंध्र के कलाहासी मंदिर
और तमिलनाडु के चिदंबरम मंदिर अपने कार्यक्रमों के लिए
प्रसिद्ध हैं।
होली
(उत्तर भारत) - मार्च के महीने में होली का पर्व उत्तर भारत
में धूम धाम के साथ मनाया जाता है। यह वसंत ऋतु के स्वागत और
जन सामान्य के मनोरंजन का पर्व है। लोग एक दूसरे पर रंगीन
पानी की बौछार करते हैं और चेहरे पर अबीर गुलाल लगाते हैं।
नृत्य और संगीत इस पर्व में जान डाल देते हैं। ब्रज और मथुरा
नगरों की होली दर्शनीय होती है। इन नगरों को श्री कृष्ण ने
अपने जन्म से कृतार्थ किया था। यहाँ रंग-गुलाल उत्सव पूरे एक
सप्ताह तक चलता है जिसमें जलूस, जमघट, गीत, संगीत और उत्साह
की पराकाष्ठा देखते ही बनती है।
होली
नंदगाँव और
बरसाने की लठ्ठमार होली महिलाओं की लाठियों और कोड़ों के
कारण प्रसिद्ध है। आनंदपुर साहब में इस अवसर पर सिख एक विशेष
पर्व मनाते हैं जिसे होला मोहल्ला कहते हैं। इस अवसर पर
प्राचीन युद्धकला का प्रदर्शन किया जाता है।
होयसला
महोत्सव (वेलूर, कर्नाटक) - वेलूर और हेलेविद में होने वाला
यह एक शानदार नृत्य महोत्सव है। इस महोत्सव के अवसर पर
होयसला के आकर्षक पाषाण मंदिरों की उत्कृष्ट मूर्तिकला
भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की पारंपरिक पृष्ठभूमि में
परिवर्तित हो जाती है और कार्यक्रमों की शोभा देखते ही बनती
है।
एलोरा
महोत्सव (औरंगाबाद, महाराष्ट्र) - ६०० से १००० वीं शताब्दी
के मध्य निर्मित बेहतरीन पाषाण कारीगरी वाली ३४ एलोरा गुफाएँ
मार्च के महीने में संगीत व नृत्य के शास्त्रीय कार्यक्रमों
से गुंजायमान हो उठती हैं इस अवसर पर यहाँ भारत के
सर्वश्रेष्ठ कलाकार अपना प्रदर्शन करते हैं।
गज महोत्सव
(जयपुर) -के गज महोत्सव का विशेष आकर्षण हाथियों, घोड़ों और
ऊँटों का जलूस होता है। लोकनर्तकों के रंगारंग कार्यक्रम
इसमें राग और रंग का सुंदर संयोजन करते हैं। हाथियों की दौड़
व पोलो की प्रतियोगिताएँ इस उत्सव की विशेषताएँ हैं। हाथी और
पुरुषों के बीच रस्साकशी का खेल भी कुछ कम मनोरंजक नहीं।
|