अभिव्यक्ति में रमेश उपाध्याय
की रचनाएँ
कहानियों
में
गलत गलत
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रमेश उपाध्याय
जन्म-
१ मार्च १९४२ को बढ़ारी बैस, जिला एटा, उ.प्र. में हुआ।
कार्यक्षेत्र-
अध्यापन से सेवानिवृत्ति के बाद पूर्णकालिक लेखन की अनेक
विधाओं में सक्रिय।
प्रकाशित कृतियाँ-
कहानी संग्रह- जमी हुई झील, शेष इतिहास, नदी के साथ,
चतुर्दिक, बदलाव से पहले, पैदल अँधेरे में, राष्ट्रीय
राजमार्ग, किसी देश के किसी शहर में, कहाँ हो प्यारेलाल!,
अर्थतंत्र तथा अन्य कहानियाँ, डॉक्यूड्रामा तथा अन्य
कहानियाँ, एक घर की डायरी, साथ चलता शहर।
उपन्यास- चक्रबद्ध, दंडद्वीप, स्वप्नजीवी, हरे फूल की
खुशबू
नाटक- सफाई चालू है, पेपरवेट, बच्चों की अदालत,
भारत-भाग्य-विधाता, हाथी डोले गाम-गाम, गिरगिट, हरिजन-दहन,
राजा की रसोई, हिंसा परमो धर्मः, ब्रह्म का स्वाँग,
समर-यात्रा, मधुआ, तमाशा
आलोचना- हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकार, आज का
पूँजीवाद और उसका उत्तर-आधुनिकतावाद, कहानी की
समाजशास्त्रीय समीक्षा
साहित्यिक इतिहास : जनवादी कहानी : पृष्ठभूमि से
पुनर्विचार तक
निबंध- साहित्य और भूमंडलीय यथार्थ
अनुवाद- जनता का नया साहित्य, कला की जरूरत, उत्पीड़ितों
का शिक्षाशास्त्र, सुभाष चंद्र बोस : एक जीवनी (सभी
अंग्रेजी से), सोनल छाया, कंचुकीबंध, गुजराती कहानियाँ,
धूपछाँह, समकालीन गुजराती कहानियाँ (सभी गुजराती से)
संपादन- सामाजिक न्याय की अवधारणा, नयेपन की अवधारणा,
यूटोपिया की जरूरत, आशा के स्रोतों की तलाश, विकल्प की
अवधारणा, आज का स्त्री आंदोलन, परिवार में जनतंत्र,
उत्पीड़ितों का मानाधिकार, जन और जनतंत्र, विज्ञान और
वैज्ञानिकता, संस्कृति और व्यावसायिकता, सांस्कृतिक
साम्राज्यवाद, भाषा और भूमंडलीकरण, जन-जागरण की जरूरत, आज
के समय में प्रेम, माता-पिता और बच्चे, शिक्षा और
भूमंडलीकरण, दुनिया की बहुध्रुवीयता, बाजारवाद और नयी
सृजनशीलता, उत्पादक श्रम और आवारा पूँजी, वर्तमान संकट और
दुनिया का भविष्य, बाजारवाद का विकल्प, भूमंडलीकरण और
भारतीय सिनेमा, पूँजीवादी प्रपंच में प्रकृति और पर्यावरण,
स्त्री सशक्तीकरण की राजनीति, हिंदी कहानी में नये आंदोलन
की जरूरत, मीडिया और जनतंत्र (उपरोक्त सभी पुस्तकें ‘आज के
सवाल’ पुस्तक शृंखला के अंतर्गत), कथन (त्रैमासिक
साहित्यिक पत्रिका)
सम्मान व पुरस्कार
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार (केंद्रीय हिंदी संस्थान,
आगरा), साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार (वनमाली सृजनपीठ,
भोपाल), ‘नदी के साथ’ (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ
द्वारा पुरस्कृत), ‘किसी देश के किसी शहर में’,
‘डॉक्यूड्रामा तथा अन्य कहानियाँ’ (दोनों पुस्तकें हिंदी
अकादमी, दिल्ली द्वारा पुरस्कृत)
संप्रति-
स्वतंत्र लेखन
ईमेल-
rameshupadhyaya@yahoo.co.in
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