अभिव्यक्ति
में
महेन्द्रसिंह रंधावा की रचनायें
लेख
ऋतुओं
की झांकी |
|
महेन्द्रसिंह रंधावा
"साहित्य, चित्रकला और ज़मीन की मिट्टी से जुड़ी हुई संस्कृति को दीवानगी की
हद तक मुहब्बत करने
वाला, सरकारी निज़ाम की एक बड़ी और
हैसियतदार इज्ज़त भी रखता है। यह घटना अक्सर
नहीं होती, लेकिन यह महेन्द्रसिंह रंधावा की सूरत
में हुई, जो देश की तकसीम के वक्त दिल्ली को डिप्टी
कमिश्नर थे . . ." , अमृता प्रीतम महेन्द्र
सिंह रंधावा उद्यानशास्त्र के माने हुए विशेषज्ञ हैं। विस्तृत
अनुभव के आधार पर उन्होंने अपनी पुस्तकों में भारत
के वनों, उपवनों, उद्यानों और देहाती क्षेत्रों की वनस्पति से संबंधित
वैज्ञानिक ज्ञान और अनुभूतियों को काव्यमय शैली में इस
प्रकार प्रस्तुत किया है कि ये पुस्तकें साहित्य और विज्ञान की अमूल्य
निधि बन गयी है। उनकी
पुस्तक "ब्यूटीफुल गार्डन्स" का देवकीनंदन पालीवाल द्वारा
किया गया हिन्दी रूपांतर 'सुहावने उद्यान' शीर्षक से बहुत लोकप्रिय
हुआ। अनुभूति में संकलित लेख "ऋतुओं की झांकी' इसी पुस्तक का
एक अध्याय है। यह अध्याय हम धारावाहिक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। |