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अभिव्यक्ति में जवाहर चौधरी की रचनाएँ

हास्य व्यंग्य में
कानून का पेट खाली है
कामरेड की लंगोट
पधारो जी म्हारा देस

कहानियों में
राजा विक्रम और हिंदी का पिशाच

 

जवाहर चौधरी


जन्म- ११ फरवरी १९५२ को  इन्दौर - म.प्र. भारत में।
शिक्षा-  एम.ए., पी-एच.डी.,  समाजशास्त्र।
लेखन- मुख्य रूप से व्यंग्य लेखन व कार्टूनकारी ।

प्रकाशित कृतियाँ-
व्यंग्य संग्रह- नाक के बहाने, सूखे का मंगलगान, मानननीय सभासदो!, प्रबुद्ध बकरियाँ, थानेदार की कविता में चाँद, मेरे ५१ श्रेष्ठ व्यंग्य।
इसके अतिरिक्त- प्राय: सभी हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में लेख व रचनाओं का सतत् प्रकाशन, रेडियो-दूरदर्शन पर पाठ, एक चिट्ठा अपने गिरेबां में नाम से।

पुरस्कार-
म.प्र. साहित्य परिषद् का पहला ''शरद जोशी पुरस्कार`` 'कृति सूखे का मंगलगान` के लिये - १९९३, कादम्बिनी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता में व्यंग्य रचना 'उच्चशिक्षा का अंडरवर्ल्ड ` को द्वितीय पुरस्कार - १९९२, सहस्त्राब्दी विश्व हिन्दी सम्मेलन, दिल्ली - २००० में ''राष्ट्रीय हिन्दी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान``।

संपर्कः  jc.indore@gmail.com

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