अभिव्यक्ति
में अशोक स्वैन की रचनाएँ
प्रकृति एवं पर्यावरण में
जलवायु परिवर्तन का अहसास |
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अशोक स्वैन
अशोक
स्वैन शांति और संघर्ष अनुसंधान विभाग के प्रोफेसर और
विभागाध्यक्ष हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय जल सहयोग के यूनेस्को
अध्यक्ष और उप्साला विश्वविद्यालय, स्वीडन में
अंतर्राष्ट्रीय जल सहयोग के अनुसंधान स्कूल के निदेशक होने
के साथ साथ सेज पब्लिशिंग एंड एनवायरनमेंटल पीसबिल्डिंग
एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित 'पर्यावरण और
सुरक्षा' पत्रिका के संस्थापक प्रधान संपादक भी हैं।
उन्होंने अपनी पीएच.डी. १९९१ में जवाहरलाल नेहरू
विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से और तब से वे उप्साला
विश्वविद्यालय में अध्यापन कर रहे हैं। वे शिकागो
विश्वविद्यालय में मैक आर्थर विजिटिंग फेलो रहे हैं, यूएन
रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सोशल डेवलपमेंट, जिनेवा में
विजिटिंग फेलो; और यूनिवर्सिटी विटवाटरसैंड, यूनिवर्सिटी
ऑफ साइंस, मलेशिया, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया,
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, मैकगिल
यूनिवर्सिटी, टफ्ट्स यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ नेचुरल
साइंसेज एंड लाइफ साइंसेज, वियना में विजिटिंग प्रोफेसर के
रूप में कार्य कर चुके हैं।
उन्होंने नई सुरक्षा चुनौतियों, जल बँटवारे के मुद्दों,
पर्यावरण, संघर्ष और शांति एवं लोकतांत्रिक विकास के
मुद्दों पर विस्तार से लिखा है। पर्यावरण सम्बंधी अनेक
पुस्तकों के रचयिता वे वर्तमान में 'पर्यावरण संघर्ष और
शांति निर्माण पर रूटलेज हैंडबुक' और 'मध्य पूर्व सुरक्षा
पर रूटलेज हैंडबुक' का सह-संपादन कर रहे हैं। उन्होंने
लगभग १०० जर्नल लेख और पुस्तक अध्याय भी प्रकाशित किए हैं।
उन्होंने विभिन्न संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, ओ.एस.सी.ई.,
नाटो, ईयू, आई.आई.एस.एस., अरब लीग, स्वीडन, नीदरलैंड, यूके
और सिंगापुर की सरकारों के लिए पर्यावरण और विकास के
मुद्दों पर एक सलाहकार के रूप में काम किया है।
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