अभिव्यक्ति
में आलोक सक्सेना की रचनाएँ
हास्य
व्यंग्य में-
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डॉ. (इंजी.) आलोक सक्सेना
जन्म-
दिनांक १४ जनवरी, १९६७ को (मकर संक्रांति), चंदौसी उत्तर
प्रदेश में।
शिक्षा-
एम.एससी. (फिजिक्स इलेक्ट्रानिक्स), ग्रेड आई.ई.टी.ई,
ए.डी.ई.ए. एवं बी.ई.एस. (एल.एम.), हिंदी पत्रकारिता में
डिप्लोमा, एम.ए. (हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता
प्रशिक्षण), प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग (एनडीडीवाई) में
त्रिवर्षीय एवं छह माह के पाठ्यक्रम की उपाधि। इंडियन
रेडक्रास सोसायटी, केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान
परिषद् (सीसीआरएएस) और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग
संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग और आयुष विभाग, स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मत्रांलय, भारत सरकार द्वारा प्रदान किए
जाने वाले हैल्थ प्रमोशन ‘आयुर्वेद एवं योग’ का
सार्टिफिकेट कोर्स तथा वर्तमान में हिंदी के विकास में
संचार माध्यमों की भूमिका पर शोधकार्य जारी।
कार्यक्षेत्र-
सन् १९८२ से छुटपुट हिंदी लेखन आरंभ किया तथा सन् १९९१ से
नियमित लेखन के बाद अब तक हिंदी की शीर्षस्थ राष्ट्रीय
स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक तथा सांस्कृतिक
गतिविधियों पर सूचनात्मक, व्यंग्यात्मक तथा आलोचनात्मक
तमाम रचनाएं प्रकाशित, जिनमें लघु-कथाएं, कथा-कहानियाँ,
तथा बाल-कहानियाँ भी शामिल हैं। आकाशवाणी से वार्ता,
विज्ञान वार्ता तथा साक्षात्कार प्रसारित।
सम्मान एवं पुरस्कार-
भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार का ’राजीव गांधी
राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार‘
प्राप्त, आकाशवाणी का राजभाषा पुरस्कार, रामवृक्ष बेनीपुरी
जन्म शताब्दी सम्मान, श्री साईंदास बालूजा साहित्य कला
अकादमी सम्मान, अमृत कलश-रत्न श्री सम्मान, राष्ट्रभाषा
रत्न सम्मान, कलमवीर सम्मान-२००७।
प्रकाशित कृतियाँ-
व्यंग्य-संग्रह- समान्तर हो गए रिश्ते, दाढ़ी तुझे सलाम,
गाड़ी सरकारी दफ्तर की, स्वामी आलोकानंद जी महाराज का बिजली
उपवास,
कविता संग्रह- नारी शीर्षक से, तुमने देखा तो होगा, हंसता
हुआ चांद, हम सब यांत्रिकी हो गए।
संप्रति-
दूरदर्शन महानिदेशालय, नई दिल्ली में 'सहायक अभियंता' एवं
पिछले तीन दशकों से लेखन में सक्रिय।
संपर्क-
aloksaxena1967@gmail.com
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