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कला-दीर्घा

अभिव्यक्ति की कलादीर्घा के इस अंक में प्रस्तुत है-  दुर्गा भारत की विभिन्न  पारंपरिक लोक शैलियों में। इन प्रतिकृतियों के बड़े आकारों के लिए दिए गए चित्र पर क्लिक करें।

 

दुर्गा लोक कलाकारों की तूलिका से

 

बातिक शैली में बनाई गई इस कलाकृति में दशभुजा दुर्गा को चित्रित किया गया है।

 
 

बौद्ध प्रतीकों को धारण किए हुए थंगक शैली की इस कलाकृति में दुर्गा का रुप है-- भवानी।

 

पाता शैली में बनी दुर्गा की इस कलाकृति में चित्रित है महिषासुर मर्दिनी का रूप

 

मधुबनी शैली में बनी दुर्गा की इस कलाकृति में सिंहासना देवी चित्रित की गई हैं।

 
 

मधुबनी शैली में ही सिंहासना देवी दुर्गा की एक और छवि।

 

वर्ली शैली में बने इस चित्र में दुर्गा व उसके क्रिया-कलाप को चित्रित किया गया है।

 

 

कालीघाट शैली में बने जामिनी राय द्वारा बनाई गई इस कलाकृति में दुर्गा को गणेश की माता के रूप में चित्रित किया गया है।

 
 

कालीघाट शैली में जामिनी राय की ही एक और कलाकृति -
सिंहवाहिनी भवानी।

 

सागर-तट पर रेत से बनी सुदर्शन पटनायक की इस कलाकृति ने लोक-कला की शैली में एक नया आयाम जोड़ा है।

 

कलमकारी शैली में बनी यह विस्मित दुर्गा रंगों का अद्भुत जादू रचती हुई प्रतीत होती है।

     

कलमकारी शैली में चित्रित
शत्रु-विनाशिनी दुर्गा का
काली रूप।

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