मकबूल फिदा
हुसैन
भारत
के सबसे लोकप्रिय और विवादास्पद कलाकार मक़बूल फिदा हुसैन
उन लोगों में से हैं जिनके कार्यक्षेत्र, रूचियों और धुनों
का फैलाव बहुआयामी है। भारतीय संगीत, चलचित्र,
आभूषणों, हथकरघों और फोटोग्राफी से लेकर साहित्य तक के
प्रति उनका प्रेम जग ज़ाहिर है। भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्रकार
तो वे हैं ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने वाली
फिल्म बनाई है साथ ही करघे पर नये नमूनों के प्रतिमान
स्थापित किये हैं और आभूषणों व खिलौनों को भी अपनी
कल्पना के नये रूपों से सजाया है। उनकी आत्मकथा "पेंढरपुर
का एक लड़का" हिन्दी साहित्य का उत्कृष्ट ग्रन्थ समझी जाती है।
17 सितंबर 1915 को भारत में
महाराष्ट्र के पेंढरपुर स्थान पर जन्में इस कलाकार ने प्रेस और
मीडिया को खूब आकर्षित किया है। नंगे पांव रहने की उनकी
अनोखी शैली हो या 1987 से राज्यसभा
में छ: साल का उनका
कार्यकाल सभी के लिये वे लगातार चर्चा में बने रहे हैं।
1966 में भारत सरकार द्वारा उन्हें
पदमश्री से सम्मानित किया गया। अगले साल उन्होंने अपनी पहली
फिल्म "थ्रू
दि आइज़ आफ ए पेन्टर" बनाई जिसे बर्लिन फिल्म समारोह
में गोल्डन बियर सम्मान प्राप्त हुआ। |