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लघुकथाएँ

लघुकथाओं के क्रम में महानगर की कहानियों के अंतर्गत प्रस्तुत है
मंजुल भटनागर
की लघुकथा- तथास्तु


रेड जोन मे बैठा एक व्यक्ति परेशान था, कि अब लॉकडाउन और आगे बढ़ गया है और उसके बाकी फेसबुक मित्र ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन में होने की खुशी पोस्ट कर रहे हैं!

तभी भगवान श्री कृष्ण ने उसको समझाया-
हे पार्थ...
जो आज ग्रीन जोन में है, कल ऑरेंज जोन में होगा, और जो आज ऑरेंज जोन में है, वो परसों तक रेड जोन में होगा

क्योंकि हिन्दुस्तान में मूर्खों की कमी नहीं हैं और वो भूल जाएंगे कि कोरोना ना पैदा होता है ना मरता है,  कोरोना अनश्वर है। वह तो केवल एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश करता है, और एक जोन को दूसरे जोन में बदल देता है। वह बार बार प्रकाट होता है नये नये अवतारों में।

इसलिए हे पार्थ,
अगर तुम सोशल डिस्टेंस का जाप करोगे और बाहर घूमने का त्याग करोगे तो इस कोरोना पर विजय प्राप्त करोगे।
तथास्तु।

 

१ जून २०२०

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