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लघुकथाएँ

लघुकथाओं के क्रम में महानगर की कहानियों के अंतर्गत प्रस्तुत है
पल्लवी मिश्रा
की लघुकथा- तस्वीर


शीला को गानों का, विभिन्न जगहों पर घूमने का व बारिश का मजा लेने का बहुत शौक था। पति के साथ नौकरी में हाथ बँटाते-बँटाते, अपनी ज्वांइट फैमिली में सबका ख्याल रखते - रखते व अपने दो बच्चों की सारी जरूरतों को पूरा करते-करते शीला अपनी वर्तमान परिस्थितियों में ऐसी रम गई थी कि उसे ख्याल ही नहीं कि अपने सारे शौक की बलि चढाकर, वो ये सबकुछ लगभग पद्रंह सालों से करती चली आ रही है।

एक दिन शाम का नाश्ता बनाते वक्त अचानक दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। शीला दरवाजा खोलने गई तो एक भोली सी लड़की सामने खड़ी थी जो उससे बहुत दिनों से मिलने की इच्छा रख रही थी। शीला उसे पहचान न सकी। उसने शीला को बताया कि हमें मिले हुए बहुत समय बीत गया है। आप शायद मुझे भुल गई हों पर मै आपको कभी नहीं भूल सकती। फिर भी शीला को कुछ याद नहीं आ रहा था।

उसी बीच शीला के बच्चे नाश्ते की माँग करने लगे। बच्चों को नाश्ता देने के बाद जैसे ही उसको लड़की का ख्याल आया उसने देखा कि उसके पति दफ्तर से जल्दी घर आ गए है।

वो छोटी बच्ची को छोड़कर पति को चाय नाश्ता पूछने लगी। पति ने कहा मेरा सामान तैयार कर दो अभी एक घंटे मे मुझे दफ्तर के काम से शहर के बाहर जाना है, लौटने मे एक या दो दिन लग जाएगें।

शीला समझ नहीं पा रही थी कि वो किस-किसको अटेण्ड करे। पति की तैयारी, बच्चो की पढाई, रात का खाना या उस लड़की को जो कि शायद बहुत देर से उससे बात करने के लिए इंतजार कर रही थी। वो लडकी शीला को सारे काम करते हुए देख रही थी। शीला ने जल्दी से पूड़ी-आलू बनाए और रास्ते के लिए पैक किए। पति का छोटा ब्रीकफेस तैयार किया व जरूरत की सारी चीजें रखीं और पति को बाहर तक छोड़कर आई।

बच्चे भी पढ़ने के लिए बैठ नहीं रहे थे क्योंकि शीला उनको समय ही नहीं दे पा रही थी। पति को छोड़कर बच्चों को काम दिया व घर के बाकी सदस्यों के लिए खाने की तैयारी करने लगी। उसने थाली में भिन्डी रखी और ड्राइंग रूम मे काटने के लिए बैठी तो उसने देखा कि वो लड़की वहाँ से जा चुकी थी। शीला को बहुत अफसोस हुआ कि वो उस लड़की से जरा भी बात नहीं कर पाई। वो सोचने लगी, आखिर कौन हो सकती है वो लड़की जो मुझे बहुत पहले से जानती थी और मै उसे नहीं पहचान पा रही थी। इतना मासूम भोला सा चेहरा मैं कैसे नहीं याद कर पा रही हूँ।

शीला ने अपने दिमाग पर बहुत जोर डाला पर कुछ याद नहीं कर पा रही थी। फिर वो अपने कमरे में आ गई। पंलग पर बैठ कर जैसे ही उसकी नजर सामने की दीवार पर टंगी तस्वीर पर पड़ी, वो हैरान रह गई वो उसकी शादी से पहले की मम्मी-पापा के साथ की तस्वीर थी।

उसने देखा कि जिस लड़की को वो आज पहचान भी नहीं पा रही थी, पूरी तरह से भूल चुकी थी, वो ही उस तस्वीर में मम्मी-पापा के बीच में खड़ी मुस्करा रही थी।

१ सितंबर २०१८

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