"बीबी जी, छह हजार रूपये दे
दो कुम्भ के मेले में गंगा नहान के लिए जाना है" काम वाली
बाई राधा ने सकुचाते हुए कहा।
"मैं ऐसे कैसे पैसे दे दूँ तुम्हें, क्या मेरे घर में
टकसाल लगी है" सविता ने लगभग चीखते हुए कहा।
"नहीं बीबी जी, मना मत करना, पूरे साल जाने अजाने किये पाप
का हिसाब गंगा नहान से किया जाता है। पुरखों का चलन है,
मैं भला कैसे तोड़ दूँ... आप घबराओ नही, मेरी मालती बिटिया
को अपने पास काम पर रख लो, धीरे धीरे पैसा चुकता हो
जायेगा।
राधा खुशी खुशी पैसे लेकर अपने पाप धोने की तैयारी करने
लगी।
१ सितंबर २०१८ |