फेंगशुई के स्वर्णिम सूत्र
— सुरेश श्रीमाली
आजकल प्रत्येक व्यक्ति
भाग्यवान बनने के लिए फेंगशुई का प्रयोग कर रहा है।
फेंगशुई का शाब्दिक अर्थ हवा और पानी है। फेंगशुई चीन का
प्राचीन विज्ञान है और यह तीन हजार वर्ष पुराना है। पहले
इस विज्ञान को सिर्फ चीनी लोग जानते थे और वे वहाँ के
सम्राटों के लिए ही इसका प्रयोग करते थे।
अब वही विज्ञान सर्वसुलभ है। तभी से लेकर आज तक इसने लाखों
लोगों को अपने जीवन में सुखद बदलाव लाने में सहायता की है।
फेंगशुई के आधार पर किया गया संशोधन किसी भी व्यक्ति के
भाग्य को समृद्ध करने का सबसे आसान तरीका है। फेंगशुई के
अनुसार प्रकृति में पाँच तत्व होते हैं। ये तत्व काष्ठ,
अग्नि, पृथ्वी, धातु तथा जल है। यह सभी तत्व एक–दूसरे से
जुड़े होते हैं। यह तत्व समझकर अपने घर की समृद्धि के लिए
इसका उपयोग कर सकते हैं। नीचे कुछ ऐसे स्वर्णिम सूत्र हैं
जिन्हें अपनाकर आप भी भाग्यवान बन सकते हैं।
मुख्य द्वार अवरोध रहित होना चाहिए-
मुख्य द्वार के अंदर या बाहर की ओर किसी भी प्रकार का
अवरोध नहीं होना चाहिए। मुख्य द्वार के पास किसी भी तरह का
अवरोध आपके सद्भाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है।
फेंगशुई के अनुसार मकान का मुख्य द्वार घर के सबसे
महत्वपूर्ण भागों में से एक होता है।
मुख्य द्वार के सामने आइना न हो-
युवा पीढ़ी के दिनचर्या का एक हिस्सा बन चुका हैं आइना। कुछ
घरों में मुख्य द्वार के ठीक सामने लगा हुआ है। यह बहुत ही
हानिकारक होता है, क्योंकि इससे मुख्य द्वार से आनेवाली
अच्छी ऊर्जा परावर्तित होकर मुख्य द्वार से ही बाहर निकल
जाती है। यह अशुभ माना जाता है। आइने की जगह कोई प्राकृतिक
दृश्य लगाकर इसे सही कर सकते हैं।
खंभों के ऊपरवाला फ्लैट लेने से बचें-
सभी बड़े–बड़े शहरों में कॉम्प्लेक्स के नीचे पार्किंग स्थल
बनाया जाता है। पार्किंग की इस खुली जगह को केवल खंभों का
आधार होता है। आप इस तरह की इमारत की पहली मंजिल पर स्थित
किसी भी फ्लैट को खरीदने से बचें, क्योंकि इस प्रकार के
फ्लैट में रहनेवाले लोगों का जीवन स्थिर नहीं होता।
एक सीध में तीन दरवाज़े नहीं होने चाहिए-
किसी भी मकान में एक सीध में तीन दरवाज़े होना जानलेवा
फेंगशुई का भौतिक दोष हैं। इन दरवाजों से होकर ऊर्जा बहुत
तेजी से गुजरती है और अंत में इस दोष के कारण मकान के
आखिरी कमरे में रहने वाले व्यक्ति इससे बुरी तरह प्रभावित
होते हैं।
मांगलिक प्रतीकों को प्रदर्शित करें-
प्राचीनकाल से ही चीन के लोग भाग्यवान बनने के लिए मांगलिक
लिपियों एवं प्रतीकों का प्रदर्शन किया करते हैं, जबकि
भारतीय लोग स्वस्तिक, त्रिशूल और ॐ का प्रयोग करते हैं। ये
बहुत शुभ होता हैं।
फेंगशुई
के सिक्के या घंटियाँ लटकाएँ-
अपने घर के हैंडल में सिक्के लटकाना घर में संपत्ति का
सौभाग्य लाने का सर्वोत्तम मार्ग है। आप पुराने सिक्कों को
लाल रंग के धागे में बांधकर अपने घर के दरवाजे के हैंडल
में लटका सकते हैं। इससे घर के सभी लोग लाभान्वित होंगे।
हाई–फाई उपकरण-
आजकल बाजार में हाई–फाई उपकरण अधिक दिखाई देने लगे हैं।
हाई–फाई उपकरण धातु तत्व के प्रतीक हैं, इसलिए इन्हें
पश्चिम दिशा में रखना अधिक उपयोगी होता है। ये उपकरण घर के
सदस्यों के लिए सौभाग्य लाएँगे।
हँसते हुए बुद्ध की मूर्ति-
हँसते हुए बुद्ध की मूर्ति धन–दौलत के देवताओं में से एक
मानी जाती है। इससे घर में संपन्नता, सफलता और आर्थिक
समृद्धि आती हैं। हँसते हुए बुद्ध की मूर्ति जहाँ स्थापित
की जाती हैं, वह स्थान महत्वपूर्ण होता है। यह मूर्ति
अत्यधिक समृद्धि प्रदान करती है।
तीन टाँगोंवाला मेढ़क-
तीन टाँगोवाला मेढक बहुत भाग्यशाली माना जाता है। इसके
मुँह में आमतौर पर एक अथवा तीन सिक्के होते हैं। इसे आपको
अपने घर के भीतर मुख्य द्वार के आसपास इस तरह रखना चाहिए
कि वह घर के अंदर की ओर देख रहा हो।
झाडू छिपाकर रखें-
घर में साफ–सफाई करने के लिए प्रत्येक घर में झाडू का
इस्तेमाल किया जाता है। झाडू घर में प्रवेश करने वाली बुरी
तथा नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करने का प्रतीक है। खुले
स्थान पर झाडू रखना अपशकुन माना जाता है।
प्रतिदिन साथ–साथ भोजन करें-
परिवार के सभी सदस्यों को दिन में एक बार साथ बैठकर भोजन
करना चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों के बीच आपसी संबंध
मजबूत होते हैं।
पश्चिम दिशा में बच्चों के चित्र लगाइए-
घर में छोटे बच्चे बहुत अधिक प्रिय होते हैं। आपके घर का
पश्चिमी क्षेत्र संतान से संबंधित होता है। यदि आप इस
क्षेत्र की दीवार पर अपने बच्चे के चित्र लगाते हैं तो
इससे उनकी ऊर्जा एवं भाग्य में वृद्धि होगी।
गायत्री मंत्र-
प्रतिदिन सवेरे पूजा–पाठ करने के पश्चात गायत्री मंत्र का
जाप करना चाहिए। कुछ देर तक गायत्री मंत्र की कैसेट या कोई
पवित्र धुन गा सकते हैं। इससे समूचा घर इसकी पवित्र तरंगों
से भर उठेगा।
उत्तम भाग्य के लिए परदे-
घर अथवा ऑफिस के परदे व साज–सामान ह्यसोफे, गद्दे, कालीन,
कुरसियाँहृ आपके व्यक्तिगत तत्व के अनुकूल बनाए जा सकते
हैं और इनसे सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती हैं। परदा
परतवाला होना चाहिए।
फुँक, लुक और साऊ-
चीन के प्रत्येक घर में आपको इन तीन देवताओं की मूर्तियाँ
देखने को मिलेगी। फुक, लुक और साऊ क्रमशः समृद्धि, उच्च
श्रेणी एवं दीर्घायु के देवता है। इनकी पूजा बहुत कम की
जाती है। घर में इनकी उपस्थिति अत्यधिक भाग्यशाली मानी
जाती है।
फेंगशुई के ऐसे सैंकड़ों सूत्र हैं, जिसके कारण आप
भाग्यशाली बन सकते हैं। हालांकि यह बात सत्य है कि भाग्य
तीन प्रकार का होता है। स्वर्ग से प्राप्त भाग्य, पृथ्वी
से प्राप्त भाग्य और मनुष्य द्वारा प्राप्त भाग्य। ठीक इसी
प्रकार फेंगशुई व्यक्ति को भाग्यवान बनाने में सहायक होता
है। फेंगशुई पद्धति का प्रयोग कर आप भी भाग्यशाली बन सकते
हैं।
1 दिसंबर 2004
१५ दिसंबर २०१४
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