डाकटिकटों
पर चंपा का फूल
—पूर्णिमा
वर्मन
यों तो चम्पा भारतीय साहित्य और
संस्कृति के साथ अत्यंत प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है, लेकिन
जिन देशों ने इसे राष्ट्रीय पुष्प होने का सम्मान दिया वे हैं
लाओस और निकारागुआ। इन दोनो ही देशों के विषय में लोग बहुत कम
जानते हैं।
निकारागुआ
उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका को जोड़ने वाली धरती की पतली पट्टी
पर स्थित है। इसके उत्तर में हॉण्डुरास और दक्षिण में कोस्टा
रिका नामक देश है। देश के पश्चिम में प्रशांत महासागर और पूर्व
में कैरेबियन सागर स्थित है। लाओस दक्षिण पूर्व एशिया में
स्थित एक देश है। इसकी सीमाएँ उत्तर पश्चिम में बर्मा और चीन
से, पूर्व में कंबोडिया, दक्षिण में वियतनाम और पश्चिम में
थाईलैंड से मिलती हैं। इन दोनो देशों ने अपने राष्ट्रीय पुष्प
के प्रति सम्मान करते हुए चंपा के फूल के चित्र वाले डाकटिकट
जारी किये हैं। निकारागुआ ने १९८७ में प्लूमेरिया अल्बा
प्रजाति को अपने एक डाक टिकट पर स्थान दिया है।
इसके
अतिरिक्त वानुअतु नाम के एक छोटे से देश ने, जो प्रशांत
महासागर में आस्ट्रेलिया के पूर्व में, फिजी और गुआना के पास
स्थित एक द्वीप समूह है, चंपा के विषय में कुछ सुंदर डाकटिकट
और प्रथम दिवस आवरण प्रकाशित किये हैं। चंपा पर इतने सुंदर
डाकटिकट शायद ही किसी अन्य देश ने जारी किये हों। चंपा का एक
अत्यंत लोकप्रिय नाम फ्रेंजिपानी है जो अधितर देशों के
डाकटिकटों पर लिखा मिलता है। वानुअतु के डाकटिकटों पर भी यह
नाम मुद्रित किया गया है। १४ मई २००९ को जारी इस डाक टिकट के
बड़े आकार नीचे देखे जा सकते हैं। वानुअतु की मुद्रा का नाम
वातु है।
९०,
१००, १३० और १५० वातु वाले ये टिकट विशेष रूप से हवाई डाक के
लिये जारी किये गए थे। यही कारण है कि इनके एक ओर बनी नीली
पट्टी में एक हवाई जहाज के चित्र के साथ अंग्रेजी में
इंटरनेशनल पोस्ट मुद्रित किया गया है।
इसी देश द्वारा १जुलाई २००६ को ६
टिकटों वाली एक और शृंखला जारी की गई थी जिसमें से एक पर चंपा
के पाँच फूल मुद्रित किये गए थे। १५० वातु वाले समुद्री हरे
रंग के इस डाक-टिकट पर इन फूलों का नाम प्लूमेरिया ऑब्ट्यूसा
बायीं तरफ नीचे की ओर अंकित किया गया था।
चीन
और ताइवान ताइवान की डाक तार कंपनी चुंगवा पोस्ट ने २००९ और
२०१० में फूलों पर आधारित चार शृंखलाओं में चार चार टिकटों
वाले समूह जारी किये थे। ये चार सेट १२ मार्च २००९, १४ अक्तूबर
२००९, २० जनवरी २०१० तथा १२ मई २०१० को जारी किये गए थे। इनमें
से दो सेटों में चंपा को स्थान मिला है। २० जनवरी २०१० को
प्रकाशित शृंखला में मिशेलिया प्रजाति की सोनचंपा का चित्र है
जबकि अंतिम सेट मैं १२ मई २०१० को प्रकाशित सेट में एक टिकट पर
चंपा की प्लूमेरिया अल्बा प्रजाति के फूल को प्रकाशित किया गया
है।
थाईलैंड
अपने फूलों वाले डाकटिकटों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ की
वनस्पति भी अनेक प्रकार से भारत से मिलती जुलती है। १५ नवंबर
२००७ को थाईलैंड के डाक तार विभाग द्वारा चार फूलों के चित्रों
वाले चार डाकटिकटों का एक सेट जारी किया था। तीन सतंग मूल्य
वाले इन डाक टिकटों पर इस पर चंपा के फूल की चार अलग अलग अलग
प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया है। इनके साथ एक सुंदर प्रथम
दिवस आवरण भी जारी किया गया था।
इसी प्रकार १२ जुलाई २०११में फीजी ने चंपा फूलों के ४ टिकट और
एक प्रथम दिवस आवरण जारी किया था। आवरण पर चंपा का पेड़ बना था
जबकि चारों टिकटों पर अलग अलग प्रजाति के चंपा फूलों को
प्रदर्शित किया गया था।
कभी कभी दो देश मिलकर किसी विशेष
अवसर पर एक डाकटिकट या डाकटिकटों की एक शृंखला जारी करते हैं।
इसी प्रकार लाओस तथा थाईलैंड ने अपने राजनयिक संबंधों की
साठवीं वर्षगाँठ के अवसर पर चार टिकटों की एक शृंखला जारी की
थी। जिसमें अपने अपने देश के परिधान में सुसज्जित लाओस तथा
थाईलैंड की महिलाएँ परस्पर नमस्कार की मुद्रा में अभिनंदन करते
हुए अंकित की गई थीं। दो अन्य टिकटों में लाओस के राष्ट्रीय
पुष्प चंपा तथा थाईलैंड के राष्ट्रीय पुष्प अमलतास को चित्रित
किया गया था। २२ अप्रैल २०११को जारी इन बहुरंगी चार टिकटों को
चार ब्लाक वाले सेट बनाए गए थे। यानि एक साथ १६ टिकट रखे गए
थे।
अउट
वोल्टा या अपर वोल्टा नामक एक अफ्रीकी देश द्वारा १९८२ में
चंपा के फूल के चित्र
वाला
७० फ्रैंक का एक डाकटिकट जारी किया था। इसकी पृष्ठभूमि में
दाहिनी ओर नीचे की तरफ 'फ्रांजिपानी
का फूल' शब्द फ्रेंच भाषा में लिखे
गए हैं। (दाहिनी ओर)
१९८४ में क्यूबा का डाक-तार विभाग
द्वारा फ्लोरेस देल करीबे नाम से कैरेबियाई फूलों की एक शृंखला
को डाक टिकटों पर प्रकाशित किया गया था। इन सभी डाक टिकटों में
बायीं और नीचे की तरफ स्पैनिश भाषा में फ्लोरेस देल करीबे
अंकित किया गया है। जबकि दाहिनी ओर फूल का नाम दिया गया है।
बायीं और के चित्र में फूल के नाम के स्थान पर प्लूमेरिया
अल्बा लिखा गया है। बायीं और ऊपर देश का नाम है तथा देश के नाम
के नीचे वर्ष १९८४ अंकित किया गया है। दाहिनी ओर ऊप टिकट का
मूल्य
दिया गया है।
१९८६ में क्यूबा के डाकतार विभाग
ने क्यूबा के सुगंधित फूलों पर आधारित एक शृंखला जारी की थी।
नामक चंपा की मिशेलिये प्रजाति पर एक और टिकट जारी किया था।
फ्लोरेस
एक्जोटिकास डेल जार्डिन बोटेनिको नामक इस शृंखला में एक टिकट
पर चंपा का फूल मुद्रित किया गया है। २५ फरवरी १९८६ को जारी इन
टिकटों में से एक पर चंपा की पीली मिशेला प्रजाति का चित्र
अंकित किया गया है।
१९९१में फिलीपीन ने चंपा के फूल
पर आधारित एक डाकटिकट जारी किया था। फिलिपीन की भाषा टैगलॉग
में इसे कालाचूची कहते हैं। वे ऐसा विश्वास करते हैं कि इस पेड़
पर भूत प्रेतों का निवास होता है। २ पेसो मूल्य के इस फिलीपीनी
डाकटिकट में नीली पृष्ठभूमि पर चंपा के फूल और पत्तियों का
स्केट प्रकाशित किया गया है। साथ ही इसके अंग्रेजी और टैगलॉग
नाम प्लूमेरिया तथा कालाचूची भी दिये गए हैं।
१९७०
में इंडोनेशिया पोस्ट ने ५ फूलों वाला डाकटिकटों का एक सेट
जारी किया था। इसमें कंबोज और चंपक नाम से चंपा की दो
प्रजातियों को प्रकाशित किया गया था। बायीं ओर हरे और नारंगी
रंग के, १५ सेन की मुद्रा वाले टिकट पर मिशेलिया प्रजाति की
सोन चंपा का चित्र है जबकि दाहिनी ओर नीले और सफेद रंग के, १०
सेन की मुद्रा वाले डाक-टिकट पर प्लूमेरिये प्रजाति की चंपा को
डाकटिकट पर दिखाया गया है।
प्रशांत
महासागर में किरिबाती नाम
का एक छोटा सा द्वीप है। समशीतोष्ण जलवायु के कारण चंपा का
पेड़ यहाँ खूब पाया जाता है। इस देश के द्वारा भी प्लूमेरि
आब्टूसा नामक प्रजाति की चंपा पर एक डाकटिकट जारी किया गया था।
जिसका चित्र सबसे ऊपर बायें कोने में है।
२००७
में सिंगापुर ने भी चंपा के फूलों वाला एक टिकट जारी किया था।
गुलाबी चंपा के चित्र वाला यह बायीं और है।
२१जून २०११को हवाइयन लेई
फ्लावर्स नाम से हवाई के माला वाले फूलों की एक शृंखला हवाई
पोस्ट द्वारा जारी की गई थी। इसमें चंपा को भी स्थान मिला था।
पुआ मेलिया हवाई भाषा का शब्द है। ऐसा माना जाता है कि यह शब्द
अंग्रेजी के प्लूमेरिया से बना है। दाहिनी ओर के टिकट में इस
फूल का चित्र है ऊपर हवाई पोस्ट लिखा है
और
नीचे दाहिनी ओर कोने में टिकट के मूल्य के नीचे पुआ मेलिया
शब्द लिखे गए हैं।
१५ मई २०१२ को वियतनाम ने चंपा के
फूलों वाले दो टिकटों का एक सेट जारी किया। इसमें एक चित्र के
ऊपर सफेद चंपा और दूसरे के ऊपर गुलाबी चंपा के चित्र प्रदर्शित
किये गए हैं।
१ जुलाई २०१३ |