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टिकट संग्रह                              


इंडोनेशिया के डाकटिकटों पर
सुग्रीव, अंगद और हनुमान
पूर्णिमा वर्मन
 


वर्ष २०१६ चीन का वानर वर्ष था। इंडोनेशिया ने इस आयोजन को प्राचीन संस्कृति से जोड़ते हुए २४ जनवरी २०१६ को रामायण के तीन प्रमुख वानरों के नाम पर तीन टिकट जारी किये। ये तीनो डाकटिकट ३००० सेन मूल्य के थे। सेन शब्द सेंट का इंडोनेशियन रूप है। १०० सेन का एक रुपिआ होता है यह रुपिआ शब्द भारतीय शब्द रुपया का इंडोनेशियन रूप है। इन सभी डाक-टिकटों के नीचे बड़े अक्षरों में इंडोनेशिया लिखा गया है और उसके ऊपर बायीं ओर इयर ऑफ मंकी अंग्रेजी में और उसके भी ऊपर अंग्रेजी अक्षरों और इंडोनेशियन भाषा में ताहुन मोन्येत लिखा गया है जिसका अर्थ वानर वर्ष है। इसके बिलकुल सामने चीनी भाषा में वानर वर्ष लिखा गया है।

ऊपर दिये गये पहले डाकटिकट में अंगद को भारत से लंका तक रामसेतु बनाने के लिये पत्थर ले जाते हुए प्रदर्शित किया गया है। पत्थर पर अंगद लिखा गया है। अंगद के साथ एक अन्य वानर भी उसी प्रकार का एक पत्थर हाथ में लिये है जिसके ऊपर अनिला लिखा गया है। नीले रंग के शरीर वाला यह अनिला, नल-नील में से एक नील का इंडोनेशियन नाम हैं जो सुग्रीव के साथ मिलकर रामसेतु का निर्माण कर रहे हैं।

दाहिनी ओर दिखाए गए दूसरे डाक-टिकट पर सुग्रीव और बाली को राजगद्दी के लिये युद्ध करते हुए दिखाया गया है। सुग्रीव की पूँछ पर सुग्रीव लिखा गया है और बाली की पूँछ पर सुबाली लिखा है। नीचे दिये गए इस शृंखला के तीसरे डाकटिकट पर हनुमान का चित्र अंकित है। उन्हें पूँछ में लगी हुई आग के साथ चित्रित किया गया है। और पूँछ के ऊपर हनुमान लिखा गया है।

ध्यान से देखें तो तीनों डाकटिकटों में मुद्रा ३००० में ३ के अंदर रोमन अंकों में २०१६ लिखा गया है। ये तीनो डाकटिकट बहुत बड़े आकार में प्रकाशित किये गए थे। पेरम पेरूरी प्रिंटर के यहाँ मुद्रित इन डाकटिकटों के डिजायनर थे वानर स्टूडियो। इससे पता चलता है कि इंडोनेशिया में वानर शब्द कितना सम्मानजनक है।

२५.३१ x ४१.६० मिमी के बड़े आकाऱ में जारी किये गए इन टकटों के साथ एक प्रथम दिवस आवरण भी जारी किया गया था। इसके सिवा भी कुछ डाकटिकट और शीट इस अवसर पर जारी किये गए थे, (उनके बारे में फिर कभी)

प्रथम दिवस आवरण (चित्र बिलकुल नीचे) पर बीच में एक स्थान पर संख्या २५६७ लिखी हुई दिखाई देती है। यह बताती है कि जिस वर्ष ग्रेग्रियन कलेंडर का वर्ष २०१६ आरंभ हुआ था उस समय चीनी कलेंडर के अनुसार २५६७वाँ वर्ष आरंभ हुआ था। चीनी वर्ष अरबी वर्ष की भाँति चंद्रमा पर आधारित है, इसलिये हर वर्ष अलग तिथि पर आता है। २०१६ में यह आठ फरवरी को था। चीन की बारह राशियाँ पशुओं के नाम पर हैं। ये पशु हैं- चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, साँप, घोड़ा, बकरी, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सुअर। उनके वर्ष भी इसी के अनुसार मनाए जाते हैं।

प्रथम दिवस आवरण पर चीनी और भारतीय परंपराओं का सुंदर संयोजन देखने को मिलता है। आवरण के दो ऊपरी कोनों और उनके बीच की सीधी रेखा पर चीनी ड्रैगन के चित्र हैं, जबकि बायीं ओर प्रमुखता से जलती हुई लंका का श्वेत श्याम रेखा-चित्र है और लंका जलाते हुए हनुमान का रंगीन रेखा-चित्र बना हैं। बीच में छोटे छोटे दो वानर भी हैं। साथ में वानर वर्ष लिखा होना तो स्वाभाविक ही था। आवरण के चारों ओर आग की लपटें हैं। यहाँ यह जानना भी रोचक है कि चीनी ड्रैगन के मुख से भी आग निकलती है और ये सभी ड्रैगन मुख खोले हुए हैं। आवरण पर इस दिन जारी किये गए तीनो टिकट भी दिखाई दे रहे हैं।

१ अक्टूबर २०२३

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