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रोशनी से काया–कल्प
- गृहलक्ष्मी

त्यौहार का मौसम और घर की सजावट का समय दोनों साथ–साथ आते हैं। त्योहार अगर दीपावली है तो रोशनी को विशेष महत्व देना ज़रूरी हो जाता है। रौशनी भी ऐसी जो त्योहार का समा बाँध दे। कुछ नया, कुछ कलात्मक, कुछ नाटकीय करने की इच्छा हो तो इन सुझावों को अपना कर देखें। इस बार अतिथि कमरे का काया कल्प देख दंग रह जाएँगे।

खाने की मेज़ त्योहारों का प्रमुख आकर्षण है। त्योहार पर रोमांचक परिवर्तन लाने के लिये इससे बेहतर कोई स्थान नहीं। ऊपर चित्र में दिखाई देती एक ही तरह के पाच लैंपों की शृंखला पंचमुखी दीपक से प्रेरित है। चुनाव करते समय ध्यान रखें कि लैंप शेड ऐसे हों जो वातावरण को मधुर–मदिर बनाएँ और दीपावली की अन्य सज्जा के साथ मेल खाएँ। इन्हें एक ही केन्द्र से छत में लकड़ी या प्लास्टिक की पट्टी के सहारे अलग अलग होल्डरों से लटकाया जा सकता है। किसी भी पारंपरिक भारतीय सज्जा के साथ यह पंच ज्योति मेहमानों को मुग्ध कर देगी। फिर खाना भी मज़ेदार हो तो कहना ही क्या!

घर के कुछ कोने सदा उदास और अकेले से रहते हैं। इन कोनों में कुछ ऐसे लैंप सजाएँ जिनका घर में कहीं अन्य उपयोग न होता हो। रोशनी वाले स्थान पर फूल, दिये या रंगोली की सजावट की जा सकती है, गणेश या लक्ष्मी की मूर्ति को पारंपरिक वस्तुओं के साथ सजाया जा सकता है या किसी कालाकृति को यहां रख कर महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है। इससे घर का कोना तो रौशन होगा ही त्योहार की सजावट को
भी एक नयी कल्पना मिल जाएगी।

किसी दीवार में चैखानेनुमा आकार हों तो उनको दीपावली के अवसर पर आकर्षक दीपमालिका का रूप दिया जा सकता है। पुरस्तकों और पुष्पसज्जाओं के आसपास दिये बड़े सुंदर सजते हैं। हर ख़ाने में एक 'दीपक सज्जा' बनाएँ कुछ ख़ाने ख़ाली कर लें और उनमें एक ही रंग के विभिन्न आधारों पर तरह तरह के दिये सजा दें। दीवार का सौदर्य देखते ही बनेगा। चाय की मेज़ पर सजाने वाली मोमबत्तियाँ व उनके विभिन्न आधारों के साथ रोचक दीप सज्जाएँ बनाई जा सकती हैं। अलग अलग तरह की थालियों या कटोरों में पानी भर कर तैरने वाली मोमबत्तियों को यहां फूलों की पंखुड़ियों और कांच के मनकों के साथ सजाया जा सकता है। खिड़कियों के सामने की जगह को भी इसी प्रकार सजाया जा सकता है।

स्पॉट लाइट्स और रंगीन फिल्टर घर की सज्जा में भी गज़ब का निखार ला सकते हैं, ख़ासतौर पर तब जबकि त्योहार हो दिवाली का। बाज़ार में विभिन्न आकारों की स्पॉट लाइटों और फिल्टरों की भरमार है। अपनी रूचि के अनुसार ठीक आकार और प्रकार वाली लाइट होना ज़रूरी है। अलग अलग फिल्टरों द्वारा एक ही लाइट से अलग अलग तरह के वातावरण का सृजन किया जा सकता है। फिल्टर से लाइट का रंग बदला जा सकता है और उसके द्वारा बनाए गए आकार भी। तो फिर इस नयी तकनीक को भी आज़माएँ और दीवाली में चार चाँद लगाएँ।

२४ अक्तूबर २००३

 
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