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घर-परिवार बचपन की आहट


शिशु का ३०वाँ सप्ताह
इला गौतम


नए अनुभव नए प्रयोग

अभी तक आप शिशु को बता चुके होंगे कि टेलीफ़ोन खिलौना नही है, या झुनझुना फेकने की चीज़ नही है, या उसकी बहन के बाल खीचने के लिए नही हैं। इस उम्र में शिशु छोटे और सीधे निर्देश भी न मानकर आपके अधिकार को आज़माएगा। चिन्ता ना करें। वह ज़िद्दी या मनमर्ज़ी का नही बन रहा - वह बस जिज्ञासु है।

यह भी ध्यान में रखें कि शिशु आपकी बताई हुई बात को एक समय में कुछ सेकेन्ड से ज़्यादा देर तक याद नही रख सकता है। सबसे अच्छी युक्ति यह है कि उसे सीधा "ना" बोला जाए और उसका ध्यान कहीं और लगाया जाए।

चीजों के आपसी संबंधों का ज्ञान

शिशु यह समझना शुरू कर रहा है कि त्रिआयामी दुनिया में कैसे एक वस्तु दूसरी से संबंधित है। वह अपने खिलोनों में से छोटे-छोटे खिलौने चुन सकता है। शिशु स्वभाविक रूप से सभी वस्तुओं की गड्डी बना देता है, और जब वह थोड़े बड़े हो जाते हैं तो एक वस्तु को दूसरी के अंदर घुसा देते हैं।

यदि शिशु अपने आप को शीशे में देख रहा हो और आप उसके पीछे आकर खड़े हो जाएँ तो वह तुरंत मुड़कर आपको ढूँढेगा बजाय यह मानने के कि आप शीशे में हैं।

छुप कर एकदम से सामने आकर "ता" बोलने का खेल शिशु को बहुत रोमान्चक लगता है। यह इसलिए है क्यूँकि अब वह वस्तु के स्थायित्व (कि जिस चीज़ को वह देख नही सकता वह फिर भी होती है) समझने लगा है और उसे वह खेल बहुत अच्छे लगते हैं जिसमें वस्तु या व्यक्ति दिखाई और गायब होते रहते हैं। शिशु अब बैठते समय अपनी पीठ सीधी रख सकता है और अपना धड़ घुमा सकता है। यह क्षमता उसे अधिक समय तक खेल के लिए बैठने में सक्षम बनाती है।

खेल खेल खेल

  • तरह-तरह के चेहरे - शिशु प्राकृतिक रूप से जन्म से ही चेहरे की अभिव्यक्ति में रूचि दिखाते हैं। इस खेल के लिए हमें चाहिए एक हाथ में पकड़ने वाला शीशा। शिशु के आमने-सामने होकर बैठ जाएँ। शुरुआत करें धीरे-धीरे अपने चेहरे के भाव बदलने से, एक मुस्कुराते चेहरे से अचरज भरा चेहरा और फिर उदास चेहरा। दुबारा यही भाव दोहराएँ लेकिन हार भाव पर थोड़ी-थोड़ी देर रुक कर। फिर ध्यान दीजिए कि शिशु किसी एक भाव पर कोई प्रतिक्रिया दिखा रहा है। कुछ दिनों बाद जब शिशु और बड़ा हो जाएगा तब वह आपकी नकल भी करेगा। एक हाथ में पकड़ने वाला शीशा लेकर शिशु को उसके भाव दिखाएँ और उनका वर्णन करें जैसे "देखो हँसता हुआ मुन्ना" आदि। इससे शिशु की दृश्य मान्यता विकसित होगी। उसे समझ में आएगा कौन सी क्रिया कैसी दिखाई देती है।

याद रखें, हर बच्चा अलग होता है

सभी बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या सिद्ध करने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में ज़्यादा वक्त लेते हैं। यदि माँ को बच्चे के स्वास्थ सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र की सहायता लेनी चाहिए।

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