शिशु का २८वाँ सप्ताह
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इला
गौतम
कुद्दी कूद
शिशु अब अपना कुछ वज़न अपने पैरों पर ले सकता है इसलिए उसे
उछलना बहुत अच्छा लगता है। इससे शिशु की मासपेशियाँ मज़बूत
होंगी जो आगे जाकर चलने में मदद करेंगी। शिशु को उसकी
बाहों के नीचे से पकड़ कर ज़मीन पर या अपनी गोद में खड़ा
करें। हो सकता है कि शुरू में आपको उसे ज़मीन से थोड़ा
उठाकर उसकी मदद करनी पड़े लेकिन एक बार कूदना शुरू हो गया
फिर तो बस ढ़ेर सारी किलकारियों के लिए तैयार हो जाइये!
मांसपेशियों का विकास और प्रयोग
शिशु की महीन और मोटी माँसपेशियों से काम करने की समझ
साथ-साथ विकसित हो रही है। अब शिशु आसानी से एक हाथ से चीज़
दूसरे हाथ में दे सकता है। महीन तंत्र संज्ञान में छोटे,
सटीक, अँगूठे, अँगुली, हाथ और कलाई के संचार शामिल हैं। यह
अँगूठे और अँगुली के बीच चीज़ें पकड़ कर उठाने के लिए
प्रयोग किए जाते हैं। मोटे तंत्र संज्ञान की में घुटने के
बल चलना आदि आते हैं जिसमें बड़ी मासपेशियों जैसे बाँह,
पैर, और तलवे की मासपेशियों का प्रयोग होता है।
खेल और मनोरंजन
इस उम्र में शिशु किसी छोटे या बड़े रुई भरे गुड्डे की
तरफ़ आकर्षित होता है। इनमें से कोई एक उसका चहीता खिलौना
बन जाएगा जिसके साथ वह सुरक्षित महसूस करेगा। ऐसा होते ही
वह उस खिलौने को हर जगह अपने साथ ले जाएगा। चिन्ता न करें।
इस तरह की एक संक्रमणकालीन वस्तु शिशु की उभरती स्वतंत्रता
का संकेत है कि शिशु धीरे-धीरे माँ से अलग होकर खुद पर
निर्भर होना सीख रहा है। अपने खिलौनों के परिवार में सदस्य
जोड़ते समय नर्म और अच्छी तरह सिले हुए खिलौने ही चुनें।
दूसरे अच्छे खिलौने रहेंगे गेंद, नर्म और गुदगुदे खिलौने
और बड़े गुड्डे।
शिशु का कोई पसंदीदा खिलौना है या नही इसे जानने के लिये
शिशु से उसका वह खिलौना अलग कर के देखें। आप देखेंगे कि जब
आप उससे वह खिलौना लेकर छुपा देते हैं तो वह ज़ोर-ज़ोर से
चिल्लाकर विरोध करता है।
यदि शिशु अपने पसंदीदा खिलौने के साथ सोने की ज़िद करे तो
ध्यान रखें कि वह खिलौना छोटा हो नही तो शिशु उस पर चढ़ कर
अपने पालने से बाहर आने की शैतानी कर सकता है और सोते समय
यदि वो खिलौना शिशु के चेहरे के बहुत पास आ गया तो उससे
शिशु की साँस भी रुक सकती है।
खेल खेल खेल
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खोजो और खाओ - सारे
छुप्पा-छुप्पी के खेल इस उम्र के शिशु को पसंद आते है
जैसे-जैसे वह यह खोजता है कि उससे छिपी हुई चीज़ अभी भी
है। इस तकनीक का प्रयोग हम शिशु का नाश्ता रोमांचक
बनाने के लिए कर सकते हैं। इस खेल के लिए हमें चाहिए
एक साफ़ रुमाल, छोटे खाने (जैसे एक छोटा बिस्कुट) जो
अँगुली से उठाकर खाए जा सकें, और ३ छोटे गिलास। शिशु
को बिस्कुट दिखाकर फिर उसको रुमाल से ढक दें। कुछ देर
बाद शिशु को अपने आप रुमाल हटाकर बिस्कुट खोजने दें।
आप इस खेल को और रोमान्चक बनाने के लिए कुछ जादुई शब्द
भी बोल सकते है जैसे "आबरा का डाबरा छू"। शिशु के
सामने दो बिस्कुट रखें और फिर उनको गिलास से ढँक दें।
एक गिलास खाली रखें। फिर तीनो गिलास को आपस में घुमा
दें ताकी पता ना चले कि किसके नीचे बिस्कुट है और कौन
सा खाली है। फिर शिशु को अपने आप गिलास उठाकर बिस्कुट
खोजने दें।
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धड़ाम से गिरे - इस उम्र
में शिशु को वह सारे खेल अच्छे लगते हैं जिनका अंत
अचरज से भरा हो। घर के अंदर किसी कालीन पर या घर के
बाहर मुलायम घास पर पीठ के बल लेट जाएँ और घुटने उठा
लें। शिशु को अपने पेट पर अपनी तरफ़ मुँह कर के बिठाएँ
ताकि वह आपके घुटनों पर टेक लगा सके। फिर कोई गाना
गाएँ जिसमें अंत में गिरना हो जैसे खंती मंती कौड़ी
पाई या "हम्टी डम्टी"। आखरी शब्द पर अपने घुटने एकदम
से नीचे कर दें जिससे वह गिरने का अनुभव कर सके। (शिशु
को अपने हाथों से पकड़े रहें)। अधिकतर शिशु गिरते समय
आनंद से खिलखिलाते या चिल्लाते हैं।
याद रखें, हर बच्चा अलग होता है
सभी
बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के
दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या सिद्ध
करने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान
रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में
ज़्यादा वक्त लेते हैं। यदि माँ को बच्चे के स्वास्थ
सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र
की सहायता लेनी चाहिए।
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