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यात्रा की तैयारी
—अर्बुदा ओहरी 


छुट्टियाँ आने को हैं, बच्चों के साथ-साथ हम लोग भी इन दिनों की प्रतीक्षा करते हैं। परिवार के साथ छुट्टियों को पूरे उत्साह से बिताने के लिए योजनाबद्ध तैयारी हो तो यात्रा का आनंद दुगना हो जाता है। यदि आप भी इन छुट्टियों में घूमने जाने का विचार रखते हैं तो कुछ काम की बातों पर नज़र ज़रूर डाल लें।

  • जब हम अपने काम से छुट्टी लेकर घूमने जाते हैं तो पास में कुछ ही दिन होते हैं, जिनमें परिवार के साथ का सुख, यात्रा का जोश, रोज़ नये भोजन का आनंद, छुट्टी का मज़ा, खरीदारी का उत्साह और कुछ नया जानने की इच्छा इन सभी को पूरा करना होता है। इसलिए बेहतर यही होता है कि पहले से पूरा कार्यक्रम तय हो और बजट ठीक से निश्चित हो।

  • किसी भी यात्रा को सफल बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है कि सभी आरक्षण पहले से करवा लिए जाएँ, विदेश जा रहे हों तो समय से वीज़ा ले लिया जाय तथा टिकट पहले से खरीद लिया जाय।

  • कहाँ जाना है, कैसे जाना है यह निश्चय करने के बाद जहाँ जा रहे हैं वहाँ के दर्शनीय स्थलों की पूरी जानकारी लें। और निश्चित कर लें कि क्या देखना है और क्या नहीं।

  • पूरी कोशिश करें कि अंतिम समय की भाग-दौड़ और हड़बड़ी से बचा जाए। क्योंकि इससे एक तो कुछ न कुछ भूल जाने का डर बना रहता हैं दूसरे सफर के दौरान मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है।

  • बाज़ार में बहुत सी कम्पनियों की टूरिस्ट या ट्रेवल गाईड उपलब्ध रहती हैं, इन गाइडों में पर्यटन स्थल की पूरी और विस्तृत जानकारी मिल जाती हैं। यहाँ तक कि वहाँ के आवश्यक फ़ोन नम्बर, संग्रहालय इत्यादि के समय तथा उनके प्रवेश शुल्क आदि की जानकारी भी रहती है। इनकी सहायता उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

  • होटल-मोटल और हवाई टिकट पहले से खरीदे जाएँ तो पैसो की बचत की ओर ठीक से ध्यान दिया जा सकता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सस्ते टिकट अकसर वापस नहीं होते हैं इसलिए यात्रा की तिथि पूरी तरह निश्चित होने से पहले सस्ता टिकट खरीदकर रखना महँगा पड़ सकता है।

  • गंतव्य पर पहुँच कर कैसे घूमेंगे, इसके बारे में भी पहले से योजना बना लेना अच्छा रहता है। यदि बहुत सी जगहें घूमने की हों तो किराये पर कार लेना अच्छा विचार है, यह सस्ती तो रहती ही है, सुविधा बढ़ जाती है और समय की बचत भी हो सकती है। लेकिन इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस को चेक कर लेना आवश्यक है साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लें कि जिस देश में कार चलाना है वहाँ पर सड़क के नियम ठीक से मालूम हैं या नहीं। यदि अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए तो इसके बारे में भी पहले से ही पता कर लेना ठीक रहता है। किराये पर कार का एक लाभ यह भी है कि बच्चों के साथ बीच में रुकना पड़ा तो दिक्कत नहीं होती और सामान भी आराम से रखा जा सकता है। आजकल सभी कार रेंटल कम्पनियाँ जीपीएस की सुविधा देती हैं।

  • सामान पैक करना प्रारंभ करने से पहले एक कागज पर साथ लेजाने वाले सामान की सूची बना लें जिसमें ज़रूरी दवाइयाँ, मोबाइल, चार्जर, कैमरा, पेन, बच्चों के खाने-पीने का हल्का-फुल्का सामान, नकद, क्रेडिट कार्ड, ट्रेवलर्स चेक इत्यादि अत्यावश्यक सामान को नोट कर लें। पैकिंग के बाद एक बार सब सामान अपनी सूची से मिला लें और ठीक से निश्चित कर लें कि दैनिक आवश्यकता का कोई सामान रह तो नहीं गया।

  • पढ़ने का शौक है तो उस किताब को साथ ले जाना न भूलें जिसे बहुत दिनों से पढ़ने की इच्छा तो है पर पढ़ने का समय और अवसर नहीं मिल रहा।

  • यदि छोटे बच्चों के साथ हवाई यात्रा पर जाना है और बच्चा एक साल से कम उम्र का है तो टिकट बुक करते समय पालने और गलियारे वाली सीट का अनुरोध करना न भूलें। इससे बच्चा आराम से सो पाएगा और माता पिता को थकान कम होगी। गलियारे वाली सीट से बच्चे के साथ बार बार उठने में सुविधा रहेगी और साथ बैठे यात्रियों को परेशानी नहीं होगी।

  • हवाई अड्डे पर बच्चे का स्ट्रोलर साथ ले जाना अच्छा रहता है। सभी हवाई जहाज़ों में बच्चे के स्ट्रोलर रखने की जगह होती है।

  • हवाई जहाज़ के उड़ने और उतरते समय बच्चों के लिए सीट बेल्ट एक्सटेंशन की व्यवस्था होती है। उसे माँग लें।

  • हवाई यात्रा के समय बच्चे के ज़रूरी समान हैंड बैगेज में रखें। इसमें यात्रा की अवधि के अनुसार दो या तीन डायपर, गीले वाइप, पाउडर, बिब, एक जोड़ी कपड़े, दूध की बोतल, दूध, जूस, उनकी पसंद का खेलने का हल्का फुलका सामान भी रख लें। बच्चा जिस खिलौने या कंबल को लेकर सोता है उसको भी साथ रख लें।

  • अगर बच्चा पाउडर वाला दूध पीता है तो बाज़ार में विशेष छोटे डिब्बे मिलते हैं जिसमें नाप कर बच्चे की एक दो या तीन फ़ीड के बराबर दूध का पाउडर अलग अलग रखा जा सकता है। इससे दूध बनाते समय नापने की ज़रूरत नहीं पड़ती और दूध जल्दी और सफ़ाई से बन जाता है।

  • बाजार में एक लीटर के थर्मस भी मिलते हैं जिनमें पानी बारह से अठारह घंटे तक गर्म रहता है। यात्रा में ये बहुत सुविधाजनक रहते हैं।

  • हवाई यात्रा में बच्चे को व्यस्त रखने के लिए तीन-चार छोटे नये खिलौने रखें जो उसने पहले कभी न देखे हों। नये खिलौने में बच्चा ज्यादा देर तक व्यस्त रहता है।

  • बच्चे थोड़े बड़े हैं तो स्टिकर की किताब साथ रखें बच्चे स्टिकर निकालने और चिपकाने में काफ़ी समय बिता देते हैं। बच्चे की आयु और रुचि के अनुसार रंग और ड्राइंग बुक तथा छोटे वीडियो गेम भी रखे जा सकते हैं।

  • अपनी और बच्चों की दवाएँ रखना न भूलें। कार से यात्रा कर रहे हों तो एक प्राथमिक चिकित्सा का डब्बा भी ज़रूर रखें जिसमें डिटॉल, बैंडएड, अमृतधारा, बोरोलीन, सिरदर्द की गोली आदि ज़रूरी चीजें रख लें।

  • हवाई यात्रा में बच्चों के लिए रंग, पसंदीदा किताब, खिलौने आदि केबिन बैग में रखे जा सकते हैं और कार से यात्रा करते समय डिकी में। खाली समय में बच्चों की बोरियत दूर करने के लिए इन्हें जब चाहें निकाला जा सकता है।

  • रेल यात्राएँ अपेक्षाकृत सुविधाजनक होती हैं पर लंबी होती हैं। अतः इनमें यात्रा की लंबाई और सुविधा को देखते हुए, पढ़ने का सामान, बुनाई या क्रोशिये का काम साथ में रखा जा सकता है। बच्चों के लिए भी इसी प्रकार समय बिताने के लिए अधिक सामान की व्यवस्था रखें।

  • किसी भी तरह यात्रा कर रहे हों पैकिंग के समय ध्यान रखें कि सामान सूटकेस में ठूँस ठूँसकर न भरें। आप जहाँ जा रहे हैं वहाँ भी कुछ न कुछ खरीदारी तो ज़रूर होगी इसलिए उसके लिए सूटकेस में जगह बनाकर ही चलें।

  • घर से निकलने के पहले अपने विश्वासी पड़ोसी को डुपलीकेट चाभी दे सकें तो अच्छा रहता है। वे आपकी गैरहाज़री में थोड़ी देर के लिए रात को घर की बत्तियाँ जला सकेंगे। इससे सभी को घर में अनुपस्थिति का पता नहीं चलेगा। पड़ौसी पौधों को समय-समय पर पानी भी दे सकते हैं, दरवाज़े के बाहर पड़े अखबार व पत्र संभालकर रख सकते हैं और यदि घर में पालतू जानवर हैं जैसे कुत्ता, बिल्ली या मछलियाँ, तो उनके खाने या दाने की व्यवस्था भी कर सकते हैं।

  • यात्रा के समय हल्का फुल्का मेकअप का सामान जैसे कंघा, चुइंगगम एक छोटा मॉइस्चराइज़र, लिपस्टिक और डियो भी रुचि के अनुसार रखा जा सकता है। इसके प्रयोग से कार, रेल या हवाई जहाज़ से उतरने के पहले यात्रा की थकान को दूर कर स्वयं को तरोताज़ा बनाया जा सकता है।

इन ज़रूरी बातों को ध्यान में रखें और तैयारी शुरु कर दें, इन छुट्टियों का डटकर आनंद लें और तरोताज़ा होकर बढ़िया यादों के साथ फिर से पुरानी दिनचर्या में नया जोश भर दें।

१२ अप्रैल २०१०

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