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घर-परिवारगपशप

पर्यटन और स्वास्थ्य
—अर्बुदा ओहरी 

गर्मी के दिनों के साथ छुट्टियों की भी शुरुआत हो गई है। छुट्टी मनाने के लिए कहीं भी जाएँ, घूमने-फिरने या रिश्तेदारों के पास, घर लौट कर सूटकेस के वज़न के साथ-साथ बहुत कुछ और अनचाहा भार भी ढोना पड़ता है। अरे भई यह भार अपना खुद का वज़न होता है जो मौज मस्ती, चाट-पकौड़े, मिठाई-मेवे के लज़ीज़ स्वाद के साथ बिन माँगे मिल जाता है।

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खुशी और मौज-मस्ती के वातावरण में कैलोरी की तरफ़ ध्यान नहीं रखा जाता ना, अब क्या करें। छुट्टी पर जाने से पहले खरीदे सुन्दर और प्यारे कपड़े छुट्टियाँ खत्म होते होते मज़ा किरकिरा करने लगते हैं। अगर छुट्टियों में योजना बनाकर तरीके से रहा जाए तो इस मज़े को बनाए रखा जा सकता है। भोजन विशेषज्ञों का कहना है कि छुट्टियों में हम खाली होते हैं इसलिए ज़्यादा खाने लगते हैं। जब भी बाहर जाएँ तब हल्का-फुल्का कुछ खाएँ। साथ ही कुछ और बातों का ध्यान रखें जिनके बारे में पहले से ही तैयारी कर की जा सकती है।

छुट्टियों में कोशिश करें कि आप चुस्त रहें। घूमने की जगह सुन्दर हो तो उसका पूरा आनन्द लें। सारा दिन बीच पर गुज़ारने से बेहतर है कि बच्चों के साथ खेलें, वाटर बाइक या अन्य रोमांचक खेलों को सीखें। बहुत से पर्यटक स्थलों पर किराये पर बाइक या साईकल वगैरह मिल जाती है, इन सुविधाओं का उपयोग भी मौज-मस्ती में इज़ाफ़ा करता है। लिफ्ट या स्वचलित सीढ़ियों की बजाए आम सीढ़ियों का प्रयोग करें। बहुत नहीं तो पर थोड़ी ही सही, कैलोरी तो कम होंगी।

घूमते हुए भूख का अहसास भी अचानक से ही होने लगता है। ऐसे में हम यह नहीं सोच पाते कि किस तरह का खाना हमें नुकसान करेगा, बल्कि कुछ भी आसानी से मिल जाए वही बेहतर लगता है। फ्रेंच फ्राइज़, चिप्स या अन्य तली हुई चीज़ों की बजाए आप अच्छा मनपसंद सूप ले सकते हैं। साथ में हल्का, बेक किया सलाद या बिना चीज़ का सैंडविच भी एक बेहतर खुराक़ हो सकते हैं। हमेशा कुछ फल, जो आसानी से ख़राब न होते हों जैसे- सेब, नाशपाती आदि, अपने साथ रखें। सुबह के नाश्ते में भी आप वसा युक्त भोजन लेने की बजाए सीरियल और दूध ले सकते हैं।

सुविधा हो तो आप अपने साथ कुछ खाने का सामान पैक भी कर सकते हैं। ताकि एकदम भूख लगने के समय फास्ट फूड न खाना पड़े। ऐसा करना आपकी जेब के लिए भी अच्छा है। अगर लंबी ड्राइव या सड़कों पर ही घूमने का सोच रहे हैं तो ध्यान रखें कि तेलीय चिप्स, ठंडे नुकसान करने वाले पेय की बजाए कुछ सूखे मेवे, फल तथा बेक्ड भोजन भी अपने साथ रख सकते हैं। भोजन विशेषज्ञों के अनुसार ग्रेनोला बार और एक कप दूध दिन की शुरुआत के लिए बेहतरीन है।

नाचना यानि नृत्य करना एक बहुत अच्छा व्यायाम है। जहाँ हम घूमने जाते हैं वहाँ लोकनृत्य और खेल आदि कार्यक्रमों में शामिल होना पर्यटन का मज़ा बढ़ा देता है। जितना सम्भव हो स्थानीय लोगों से मिलें जुलें। उनकी संस्कृति, सभ्यता और परंपरा को जानने की कोशिश करें। यह मन और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। उनके सामाजिक कार्यक्रम, दृश्याटन खेलकूद, नृत्य आदि का हिस्सा बनें। यह आपके मनोरंजन में चार चाँद तो लगाएगा ही अनजाने में चयअपचय (मेटाबोलिक) दर बढ़ने से ढेर सी कैलोरी को भी नष्ट कर देगा।

छुट्टी के दिनों में हम सब अपने आप को ज़्यादा चुस्त और जोशीला रखना चाहते हैं। लेकिन असावधानी के कारण कई बार ऐसे पेय और तला-भुना खाना खा लेते हैं जो कि बाद में हमें थका ही देता है। ध्यान रखें कि ऐसा न हो। साथ ही खूब पानी पियें जिससे शरीर में पानी की कमी न रहे। ज्यादा पानी पीना पेट के लिए तो अच्छा है ही त्वचा और मन को स्वस्थ रखने और स्फूर्ति प्रदान करने में भी इसका महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके साथ ही इस बात पर ध्यान रखना आवश्यक है कि भोजन सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक हो।

यदि आपको किसी भोज्य पदार्थ से एलर्जी है तो पहले से ही अपने होटल के आस पास के रेस्तराँ की जाँच पड़ताल कर लें। जहाँ आपके मुताबिक भोजन मिलता हो कोशिश करके वहीं जाया करें वरना मज़े के रंग में भंग पड़ सकता है। रेस्त्रां के मैनेजर से बात करें और स्पष्ट करें कि आप क्या क्या खा सकते हैं और किस चीज़ से एलर्जी है। जो व्यंजन उपलब्ध है हो सकता है उसके विषय में आपको पहले से पता न हो। वेटर से पूछा जा सकता है कि इस पदार्थ को बनाने में किस किस चीज़ का प्रयोग किया गया है। वो कहावत है न पहला सुख निरोगी काया। तबीयत ठीक हो तभी सुख का मज़ा लिया जा सकता है।

जब भी हम अपने दैनिक क्रियाकलापों से अलग होते है तो शरीर को नई दिनचर्या के साथ सामंजस्य बैठाने में अतिरिक्त श्रम और समय की आवश्यकता होती है। अधिक भोजन करने या स्वस्थ भोजन न करने की दशा में पेट फूलना, एसिडिटी होना, सीने या गले में जलन या अस्वस्थ महसूस करना स्वाभाविक सी बात है। इससे बचने के लिए भोजन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जाती है कि जब कभी भी दिनचर्या थोड़ा बदले तब भोजन अपेक्षाकृत हल्का-फुल्का लें। सूप, सलाद सब्जियों में ज़्यादा फाइबर होते हैं तथा ये पाचन में मदद करते हैं इसलिए इन्हें खाना अच्छा रहता है।

खुशी की बात यह है कि सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह मानते हैं कि छुट्टियों में सैर-सपाटा करते हुए हम दैनिक जीवन चर्या की अपेज्ञा ज्यादा कैलरी खर्च करते हैं। अगर हम दिनभर सोने की बजाय सैर सपाटा कर रहे हैं तो स्वादिष्ट और ज़रा भारी भोजन से परहेज़ की खास आवश्यकता नहीं। अब घूमने मस्ती करने आए ही हैं तो इतना परहेज़ कुछ ठीक-सा नहीं लगता। सो ध्यान रखें कि खूब सैर सपाटा होता रहे। छुट्टी के एक दिन सभी परहेज़ छोड़ कर भी मज़ा लें। आखिर छुट्टियाँ हैं और अब मज़ा नहीं लिया तो साल भर के लिए जोश कैसे जुटा पाएँगे।

१७ अगस्त २००९

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