सुनो
कहानी
गृहलक्ष्मी
कहानी कहना भी एक कला है और इसमें पारंगत
होना कुछ आसान नहीं पर जो इसमें कुशल है उसका लोहा दुनिया
मानती है। अगर आपको अपनी दादी या नानी की याद है जो बडे चाव से अभिनय और
बदलती आवाज़ों के साथ कहानी सुनाया करती थीं तो मनोरंजन के वे
पल आपकी आँखों के सामने साकार हो उठे होंगे- जब सर्दियों की
रातों में मूँगफली टूँगते हुए सारा कुनबा एक कमरे में इकट्ठा
हो जाता था और उस शाम की कलाकार होती थीं दादी या नानी। कहानियाँ इतिहास और महत्वपूर्ण घटनाओं को याद रखने के साथ साथ
परिवार के सुन्दर पलों की अंतरंग अनुभूति के बनाए रखने का
उपयुक्त साधन हैं। शिक्षा और मनोरंजन इनके दो प्रमुख लाभ तो
हैं।
कहानियाँ भी तरह तरह की होती हैं--
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नायक की
वीरता प्रदर्शित करने वाली कहानियाँ जिसमें नायक शेर से
लड़ता है और जीत कर दिखाता है। |
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ऐतिहासिक
कहानियाँ जिसमें शिवाजी, राणाप्रताप, पद्मिनी या झांसी की
रानी का वर्णन हो। |
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लोककथाएँ
जैसी पंचतंत्र हितोपदेश या ईसप की कहानियों में हैं।
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लोक
व्यवहार की शिक्षा देनेवाली कहानियाँ जिनसे हमें शिक्षा
मिलती है। |
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दैनिक जीवन
की कहानियाँ जो हमें यथार्थ का ज्ञान कराती हैं।
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पर्व या
त्योहारों की कहानियाँ जैसे प्रह्लाद की कहानी जो होली के
त्योहार से जुड़ी हुई है। |
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प्रेम और
त्याग की कहानियाँ जैसे लैला मजनू और पन्ना धाय की कहानी।
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अभिनय
प्रधान कहानियाँ जैसे पंडवानी। |
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खेल कूद की कहानियाँ जो अक्सर
बच्चे किसी खेल को खेलते समय; कविता की तरह बोलते हैं जैसे- 'अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो'। |
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नृत्य के
साथ चलने वाली कहानियाँ जैसे कथक या कथकली में होती हैं।
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आधुनिक युग
में टी वी और किताबों के प्रकाशन ने कहानी कहने और सुनने की
कला को पिछाड़ दिया है लेकिन अगर आपकी इसमें रूचि है तो अपने
घर में आप इस कला को जीवित रख सकते हैं। कुछ उपयोगी सुझाव : --
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अपने श्रोताओं की आयु का ध्यान रखें।
इसके अनुसार ही विषय;, भाषा और शारीरिक हाव भाव रखें।
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कहानी में
शिक्षा, जादू या रोमांचक घटनाओं का समावेश हो।
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कहानी इतनी
बड़ी न हो कि श्रोता ऊब जाएँ।
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कहानी में
कोई कठिन शब्द हो तो उसके अर्थ की रोचक व्याख्या करें यह
नन्हें श्रोताओं के लिये बहुत लाभदायक हो सकता है।
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अपनी
मुस्कान, आवाज, हाथों और आँखों से भाव प्रदर्शित कर के
कहानी को सजीव बनाएँ। |
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श्रोताओं
को कहानी में भाग लेने का अवसर दें बीच बीच में उन्हें अपनी
ओर से कुछ जोड़ने का अवसर दें अथवा प्रश्न पूछें जैसे `` तो
राजा को उस महल में क्या मिला?" |
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श्रोता
आराम से मगर पास पास बैठे हों ताकि न उनका ध्यान बिखरे न
आपका। |
कुछ ऐतिहासिक
तथ्य--
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प्रारंभ में
कहानियाँ आदि मानव के जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा
थीं और रात में अलाव जलाकर उसके आसपास कहानी की सभा लगभग रोज
होती थी। |
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जल्दी ही
पशुपक्षी कहानियों के लोकप्रिय पात्र बन गए जैसा कि
पंचतंत्र की कहानियों से भी पता चलता है।
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पहली
कहानियाँ प्रकृति और देवी देवताओं के बारे में कही गयीं
जैसा कि ऋग्वेद ज्ञात होता है। इनका समय ईसा से ५००० वर्ष
पूर्व निर्धारित हुआ है। |
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विश्व की प्राचीनतम लिखित
कहानियाँ जातक कथाएँ हैं जिसमें लगभग
६०० कहानियाँ संग्रह की गयी है। यह ईसवी संवत से ३०० वर्ष
पूर्व की घटना है। |
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महाभारत,
रामायण और कथासरित्सागर का भंडार विश्व के किसी भी देश की
प्राचीन कहानियों में सबसे बड़ा है और आज भी इनकी
लोकप्रियता में कोई कमी नहीं। |
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