डॉक्टर की रात को अचानक नींद खुली,
उसने देखा की उसका टॉयलेट पूरी तरह से ब्लाक हो गया है ।
उसने अपनी पत्नी से कहा- मैं अभी प्लम्बर को बुलाता हूं !
पत्नी ने कहा- तुम प्लम्बर को रात को तीन बजे मत बुलाओ ।
- मैं तो बुलाऊँगा, हम भी तो जाते हैं रात को अगर कोई मरीज बीमार हो जाए! उसने
प्लम्बर को फोन किया, शिकायत की और उस को रात को ही आने को कहा। प्लम्बर ने मना
किया तो डॉक्टर ने फिर से वही बात कही- अगर मैं रात को मरीज देखने जा सकता हूं तो
तुम क्यों नहीं आ सकते?
आधी रात को ३:३० बजे प्लम्बर आँखों को मसलता हुआ पहुँचा। डॉक्टर ने उसे ब्लाक
टॉयलेट दिखाया। प्लम्बर बाहर गया वहाँ अपने बक्से से उसने दो टैबलेट उठाईं टॉयलेट
में डालीं और डॉक्टर से कहा- हर आधे घंटे के बाद एक-एक बाल्टी पानी डालते रहना अगर
कोई फर्क नहीं पड़े तो सुबह फिर से मुझे कॉल करना हो सकता है कि एण्डोस्कोपी करना
पड़े। |
१ दिसंबर २०२२
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एक इंजीनियर पुत्र ने अमरीका से फोन ला कर मनोरंजन के
लिए अपनी बुंदेलखंडी पूज्य माताजी को गिफ्ट किया। एलेक्सा से काम करवाने के लिए
थोडी बहुत इंग्लिश भी सिखा दी। अम्मा का खूब मन लग गया। एलेक्सा और अम्मा खूब अच्छे
मित्र बन गए। एक साल बाद बेटा अमरीका से जब लौटकर आया, पूछा- कैसी हो अम्मा?
एलेक्सा तुम्हारे सवालों के जवाब ठीक से देती है ना?
अम्मा बहुत खुश होकर बोली ...खुदई देख लो बेटा, और अम्मा ने पुकार- काय एलेक्सा
कहाँ हो?
एलेक्सा का उत्तर आया- जे का जिज्जी इतईं तो परे हैं खटिया के नेंचे।
(तो क्या अम्मा के साथ रहते अलेक्सा बुंदेली सीख गयी?) |
१ नवंबर २०२२
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गप्पू- कल मैंने एक रॉकेट छोड़ा तो सीधा सूरज से टकरा
गया।
पप्पू- फिर क्या हुआ?
गप्पू- होता क्या, फिर मेरी अच्छी तरह पिटाई हुई।
पप्पू- पीटा किसने?
गप्पू- अरे यार, और किसने? सूरज की मम्मी ने। |
१ अक्टूबर २०२२
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एक मच्छर उदास बैठा था तभी दूसरे बैठे मच्छर ने उदासी
का कारण पूछा।
तो पहला मच्छर बोला- क्या करूँ? भूखा मर रहा हूँ।
कोरोना वायरस के कारण किसी को काट नहीं सकता.. |
१ सितंबर २०२२
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एक बार बाबूलाल जी डाक्टर के पास दर्द की शिकायत लेकर
पहुँचे। प्रतीक्षा कक्ष में डाक्टर की बड़ी-सी फीस देखकर वे अचरज से घिर गए। कुछ
देर सोचने के बाद वे वहीं बैठकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करने लगे। जब बाबूलाल जी की
बारी आई तो डाक्टर ने पूछा- बताओ तुम्हें कहाँ दर्द है?
बाबूलाल जी- फीस कम करोगे तो बताऊँगा दर्द कहाँ है वरना खुद पता करो... |
१ अगस्त २०२२
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अध्यापक जी को क्लास में पढ़ाने का मूड नहीं था
इसलिये समय व्यतीत करने के लिये बच्चों से कहा- सब लोग निबन्ध लिखो।
बच्चों ने पूछा- विषय क्या है सर ?
अध्यापक को कुछ न सूझा तो बोले- मेरे कपड़ों अर्थात मेरी वेशभूषा पर ही लिखो।
थोड़ी देर पश्चात एक छात्र खड़ा हुआ और बोला- सर, बदबू में छोटे उ की मात्रा
आयेगी या बडे ऊ की ? |
१ जुलाई २०२२
शरद तैलंग |
जूते की दूकान में एक महिला
खरीदार ने प्रवेश किया और तमाम चप्पलें खुलवाकर देखीं, लेकिन उसे कोई भी पसंद नहीं
आई। दुकानदार इस बात से बहुत ही परेशान था। थककर उसने कहा- "मैंने आपको दूकान की एक
एक चप्पल दिखा दी, अब तो एक भी बाकी नहीं है।"
महिला- "वो सामने वाले डिब्बे में क्या है?"
दुकानदार- "बहन रहम कर थोड़ा, उसमें मेरा लंच है।" |
१ जून २०२२ |
क्रिकेट की शृंखला अपने पूरे जोश
में जारी थी। टीवी पूरी आवाज में चल रहा था। जूस और पॉपकार्न लेकर परिवार टीवी के
सामने जमा हुई था। इसी समय-
अन्नू ने पन्नू से पूछा- क्या
लगता है, कौन जीतेगा रूस या यूक्रेन?
पन्नू - पहले यह बताओ कि बैटिंग कौन कर रहा है। |
१
मई २०२२ |
मैं सरकारी अस्पताल में अपने
टेस्ट करवाने गया-फुरसत मिलने पर उधर मौजूद कैंन्टीन से पोहा और जलेबी खरीदी और
मज़े से वहीं खड़े-खड़े खाना-पीना शुरू कर दिया- ऐन उसी वक़्त मेरी नज़र कुर्सी पर
बैठे एक छोटे बच्चे पर पड़ी जो बड़ी हसरत से मुझे ही देख रहा था, मैंने इंसानी
हमदर्दी में जल्दी से उस बच्चे के लिए भी पोहा और जलेबी खरीदी जो बच्चे ने बिना ना
किये ले लिये और जल्दी-जल्दी खाने लगा। बेचारा पता नहीं कब से भूखा होगा- ये सोचकर
मैंने ऊपर वाले का शुक्र अदा किया जिसने मुझे एक भूखे को खाना खिलाने का मौका दिया।
इतनी देर में उस बच्चे की मां, जो उसकी पर्ची बनवाने के लिए खिड़की पर खड़ी थी,
वापस आई और बच्चे को जलेबी का आखिरी टुकड़ा खाते देखा!!!
फिर अचानक पता नहीं उसे क्या हुआ कि वो दोनों हाथ उठा कर, जोर-जोर से चिल्लाने लगी
जिसने उसके बच्चे को ये चीज़ें दी उसे गालियां देने लगी। कह तो वो बहुत कुछ रही थी,
मगर मैंने वहां से फरार होते हुए जो चंद बातें सुनीं वो ये थीं:- कौन है वो "कमीना"
जिसने मेरे बच्चे को पोहा खिला दिया, मैं २५ किलोमीटर दूर से किराया लगा कर उसके
खाली पेट टेस्ट करवाने लाई थी...। |
१
अप्रैल २०२२ |
पत्नी ने गुस्से से पति को फोन
किया, पूछा कहाँ हो?
पति- अरे उसी सर्राफे की दूकान के पास, जहाँ तुमने पिछली होली को हार पसंद किया था।
याद आई वो दूकान?"
"हाँ हाँ याद है।"
"माफ करना, मैं उस समय तुम्हें हार दिला नहीं सका था। मैंने वायदा किया था कि किसी
दिन जरुर दिलाऊँगा।"
"ओह आपको याद है वह वायदा। आप कितने अच्छे हैं, मेरे लिए हार अभी खरीद रहे हैं।
बताइए आज क्या बना दूँ आपके लिये।"
"अरे भग्यवान, मेरी बात सुनो मैं उसी गली से तुम्हारे लिए गोलगप्पे खरीद रहा हूँ,
कितने ले लूँ तुम्हारे लिये।" |
१
मार्च २०२२ |
पत्नी आई.सी.यू में थी। पति का
रो-रोकर बुरा हाल था।
डॉक्टर बोला, "हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, पर वे कुछ बोल ही नहीं रही हैं शायद कोमा
में हैं। अब तो सब कुछ भगवान के हाथ में है।"
पति बोल उठा- ‘सिर्फ चालीस की ही तो है अभी...’
तभी पत्नी के होंठ हिले और आवाज आई- बत्तीस की।
- शशि पुरवार |
१
फरवरी २०२२ |
एक फेसबुक समूह में नववर्ष के
अवसर पर यह संदेश पाया गया-
हमारे समूह में कोई व्यक्ति है जो छह लोगों के लिए हेलीकॉप्टर की सवारी करना चाहता
है? हम अभी भी अपने साथ जुड़ने के लिए दो और लोगों की तलाश कर रहे हैं। हम दिल्ली
हवाई अड्डे से ३१ दिसंबर को सुबह छह बजे निकलेंगे, ऋषिकेश पहुँचकर नाश्ता करेंगे,
फिर केम्प्टीफॉल कैंप में दोपहर का भोजन करेंगे, शाम को ३१ की रात पार्टी का आनंद
लेने के लिए एक रिज़ॉर्ट में ठहरेंगे और १ जनवरी को यात्रा समाप्त करने के लिए वापस
सफदरजंग हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरेंगे। अगर दिलचस्पी है, तो कृपया जल्द से जल्द
संदेश भेजें!
नोट- दोनो बंदों में से किसी एक के पास हैलीकॉप्टर होना चाहिये अन्यथा यह उड़ान
निरस्त। |
१ जनवरी २०२२ |