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कलम गही नहिं हाथ

कैसी कैसी सवारियाँ

दुबई में सुपर-रिच लोग किस-किस चीज की सवारी करते हैं यह देखकर आँखें फटी रह सकती है, दिल में तूफान शुरू हो सकता है, और हाँ कलेजा मुँह को आ सकता है, जरा दिल थामकर इस फोटो को देखें यह व्यक्ति अपने पालतू शेर की सवारी कर रहा है! दुबई में स्थानीय लोगों को इस आदमी से ईर्ष्या होनी चाहिए क्योंकि वह आफिस जाते समय ट्रैफिक जाम में नहीं फँस सकता। हाँ एक बात की चिंता करना जरूरी है कि वह इस सवारी पर कार्यालय पहुँचकर अपने खूबसूरत पालतू जानवर को पार्क कहाँ करता होगा? ओह यह सब मजाक की बात है। वह दुबई की सड़कों पर शेर पर सवारी नहीं कर सकता अपने महल के मैदान में घूम सकता है।

कारपूल बडी

लोगों को काम पर जाने के लिए पालतू शेरों की सवारी करते हुए देखने के बाद यह फोटो से उतना नहीं डराएगा! कभी-कभी हमें जीवन में केवल एक अच्छे कारपूल दोस्त की आवश्यकता होती है जो हमारे सुबह की यात्रा को मसाला दे, और दुबई के इस निवासी ने अपने पालतू बाघ के साथ ऐसा ही किया। हालाँकि एक पर्यटक के लिए यह डरावना हो सकता है लेकिन संभावना है कि यह बाघ पिटबुल कुत्तों जितना खतरनाक न हो और बेचारा यातायात में प्रतीक्षा करते समय बस कुछ हवा भर लेना चाहता हो।

दुबई में लाइफ ऑफ पाइ

एक वयस्क बाघ के साथ नाव पर फँसे होना कोई मजाक नहीं। लेकिन इस याच का मालिक अमीर होने के साथ-साथ बहादुर भी मालूम होता है। लगता है कि लाइफ ऑफ पाइ से बुरी तरह प्रभावित है। देखिये तो यह अपने भरोसेमंद शेर के साथ कितना निश्चिंत होकर लग्जरी याच पर सवार है। दुबई में पैसे की मदद से आप क्या नहीं कर सकते?

क्या आपने लाइफ ऑफ पाई देखी है? अगर नहीं देखी तो मैं बता दूँ कि यह २०१२ में रिलीज हुई एक एडवेंचर ड्रामा फिल्म है जो इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। इस फिल्म में भारत के कई कलाकारों ने अभिनय किया था जिनमें सूरज शर्मा, इरफान खान, तब्बू, आदिल हुसैन आदि प्रमुख हैं। कहानी "पाइ पटेल" नाम के एक भारतीय व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने जहाज़ की तबाही से बच कर एक बाघ के साथ जीवनरक्षक नौका पर प्रशांत महासागर में प्रवेश करता है। व्यावसायिक रूप से यह बहुत ही सफल फिल्म थी और इसे गोल्डन ग्लोब पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।

शॉटगन सीट का आनंद

अब इन महोदय को देखिये- इन्होंने अपने चीते को शॉटगन सीट पर बिठा रखा है। किसी कार से सुंदर सा झबरा कुत्ता या चमकदार गदबदी बिल्ली जब बाहर झाँकती है तो कितनी प्यारी लगती है लेकिन चीता??? वह तो काफी डरावना हो सकता है। इस चीते को या तो अफ्रीका के जंगलों में होना चाहिये था या फिर भारत के किसी नेशनल पार्क में? बेचारा कहाँ फँस गया? लेकिन यहाँ अफसोस की कोई बात नहीं दिखाई देती, चीता काफी संतुष्ट नजर आ रहा है।

इमारात में आजकल ये दृश्य सामान्य नहीं हैं लेकिन पाँच सात साल पहले तक लोगों को बाघों के साथ कारपूलिंग करते और शेरों के साथ निजी नौकाओं पर सवारी करते देखा जा सकता था। क्या आपने कभी सोचा है कि इन जंगली जानवरों को पालतू कैसे बनाया जाता होगा? जाहिर है, उन्हें पालतू बनाने का कोई उचित तरीका नहीं है और विशेषज्ञों ने यूएई के नागरिकों को इन जानवरों को पालतू जानवर के रूप में नहीं रखने की चेतावनी दी है।

कहता है कानून

वर्ष २०१७ से इस प्रकार के सभी पशु एक्जॉटिक एनिमल की श्रेणी में रखे गए हैं और इन सबको संयुक्त अरब अमीरात में पालतू बनाकर रखना सख्त वर्जित है। केवल चिड़ियाघर, वन्यजीव पार्क, सर्कस, प्रजनन और अनुसंधान केंद्रों को ऐसे पशुओं को रखने की अनुमति है। लेकिन यदि आप इन्हें बाहर ले जाते हैं तो १०,००० दिरहम (२ लाख रुपये) से ५००,००० दिरहम (एक करोड़ रुपये) का जुर्माना लग जाएगा। अगर आप इन पालतू पशुओं का इस्तेमाल किसीको डराने या धमकाने के लिये करते हैं तो धमकाने वाले व्यक्ति को लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माना और/या जेल की सजा हो जाएगी। अगर इनके कारण किसी व्यक्ति का जान चली गयी तो जुर्म मानव हत्या के बराबर हो जाता है। कुल मिलाकर ये कि शेर, बाघ, तेंदुओ और चीतों का कार और नावों में घूमना अब पुरानी बात हो चली पर सोचा कि आपको मजा आएगा इसलिये यह लेख बन गया। बताइयेगा कि कैसा लगा।

पूर्णिमा वर्मन
१ सितंबर २०२२


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