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नवांकुर पुरस्कार - २०१७

अभिव्यक्ति विश्वम का नवांकुर पुरस्कार प्रतिवर्ष उस रचनाकार के पहले नवगीत-संग्रह की पांडुलिपि को दिया जाता है, जिसने अनुभूति और नवगीत की पाठशाला से जुड़कर नवगीत के अंतरराष्ट्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। पुरस्कार में ११,००० भारतीय रुपये, एक स्मृति चिह्न और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये जाते हैं। यह पुरस्कार नवगीत महोत्सव के वार्षिक आयोजन में वरिष्ठ नवगीतकारों की उपस्थिति में प्रदान किया जाता है।

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इस बार २०१७ के लिये शुभम श्रीवास्तव ओम को उनके नवगीत संग्रह ''फिर उठेगा शोर एक दिन'' की पांडुलिपि के लिये नवांकुर पुरस्कार से अलंकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। हम अभिव्यक्ति विश्वम परिवार की ओर से शुभम श्रीवास्तव ओम की रचनात्मकता और सहयोग का अभिनंदन करते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।

यह पुरस्कार वर्ष २०११ से प्रारंभ किया गया था। पिछले छह वर्षों में इसे क्रमशः कल्पना रामानी को उनके नवगीत संग्रह ''हौसलों के पंख'', अवनीश सिंह चौहान को उनके नवगीत संग्रह ''टुकड़ा कागज का'', रोहित रूसिया को उनके नवगीत संग्रह ''नदी की धार सी संवेदनाएँ'', ओमप्रकाश तिवारी को उनके नवगीत संग्रह ''खिड़कियाँ खोलो'', आचार्य संजीव वर्मा सलिल के नवगीत संग्रह ''सड़क पर'' तथा संध्या सिंह के नवगीत संग्रह ''मौन की झंकार'' को सम्मानित किया जा चुका है।

पूर्णिमा वर्मन
(टीम अभिव्यक्ति की ओर से)
१ अगस्त २०१७

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