कलम गही नहिं हाथ
स्वागत
२०११
नव वर्ष में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की
ढेरों शुभकामनाएँ!
मंगलकामनाओं के इस दौर के साथ अभिव्यक्ति
की सहयोगी पद्य-पत्रिका अनुभूति १ जनवरी को अपने जीवन के नौ वर्ष पूरे
कर १०वें वर्ष में प्रवेश
कर रही है। इन दोनों पत्रिकाओं के निर्माण, संयोजन, संचालन और पठन-पाठन
में लगे उन असंख्य लोगों का हार्दिक आभार जिनके सहारे इतना रास्ता पार
कर ये दोनो पत्रिकाएँ यहाँ तक पहुँची हैं।
पुराने वर्ष के अवसान के साथ अभिव्यक्ति के कुछ पुराने स्तंभ भी
अभिव्यक्ति से विदा ले चुके हैं और नए साल के आगमन के कुछ नए स्तंभ
हमारे साथ सम्मिलित हो रहे हैं। दस वर्ष पुराना "सप्ताह का विचार" इस
साल से प्रकाशित नहीं होगा। तीन वर्ष पुराने- "क्या आप जानते हैं" और
"हास परिहास" भी इस अंक से नहीं होंगे,
एक वर्ष पुराना "रसोईघर से सौंदर्य सुझाव" भी पिछले अंक के साथ
पूरा हो चुका है।
इसके स्थान पर पाँच नए स्तंभ जुड़ रहे हैं
जिसमें से एक- "वर्ग पहेली" नए साल से पहले ही प्रारंभ हो
चुका है। इस
स्तंभ को आकार देने में भारत से गोपालकृष्ण भट्ट और रश्मि आशीष ने अपने
व्यस्त कार्यजीवन से समय निकालकर कड़ी मेहनत की है। इसके साथ ही रश्मि कंप्यूटर
से संबंधित छोटी छोटी बातों का एक स्तंभ शुरू कर रही है कंप्यूटर की
कक्षा। वे इस अंक से एक ५००० शब्दों के साथ शब्दकोश पर भी काम प्रारंभ
कर रही हैं। वर्ष के अंत तक यह १ लाख शब्दों का संपूर्ण शब्दकोश हो
जाएगा।
रसोईघर की कायापलट कर रही हैं- मारिशस टी.वी. की अत्यंत लोकप्रिय
व्यक्तित्व मधु गजाधर। पारंपरिक भारतीय भोजन को स्वास्थ्यवर्धक शैली
में प्रस्तुत करने की विशेषज्ञ, वे प्रति सप्ताह भारतीय स्वाद के
अनुरूप पारंपरिक या आधुनिक शैली का एक व्यंजन हमारे पाठकों के लिये
प्रस्तुत करेंगी।
"बचपन की आहट" के साथ घर परिवार को उपयोगी और रोचक बना रही हैं संयुक्त
अरब इमारात की इला गौतम। दो से अधिक वर्षों से निरंतर शिशुविकास के
अध्ययन में संलग्न इला ने बच्चों के विकास को साप्ताहिक चरणों में
लिपिबद्ध करने का महत्तवपूर्ण काम किया है। इस अंक से उनका यह रोचक
अवलोकन छोटी टिप्पणियों और संपूर्ण लेखों के माध्यम से पाठकों तक
पहुँचेगा।
रसोईघर के सुझावों को नया रूप दे रही हैं अलका मिश्रा- "रसोईघर से
स्वास्थ्य सुझाव" में। पिछले पाँच वर्षों से
भी अधिक समय से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की खेती और दवाओं में उनके
प्रयोग पर अनुसंधान में रत अलका, सरलता से उपलब्ध भारतीय मसालों और
जड़ी बूटियों पर आधारित स्वास्थ्यवर्धक सुझाव इस सप्ताह से प्रारंभ कर
रही हैं।
वेब पर सबसे लोकप्रिय और भारत की जानी मानी ज्योतिषाचार्या संगीता पुरी
इस अंक से अभिव्यक्ति में पहली बार प्रस्तुत कर रही हैं पाक्षिक भविष्य
फल। आशा है ये स्तंभ पाठकों को रुचेंगे। नववर्ष में बदले हुए रंगरूप के
साथ इन आयोजनों के विषय में आपकी राय और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।
एक बार पुनः नव वर्ष की मंगल कामनाओं के
साथ,
पूर्णिमा वर्मन
३ जनवरी २०११
|