मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


कलम गही नहिं हाथ  

 

 

 

तरावट की तलाश

गरम देश होने के कारण इमारात के निवासियों को तरावट की तलाश सदा बनी रहती है। इसके लिए जगह जगह वाटर पार्कों और आइस रिंकों का निर्माण किया गया है लेकिन जो आनंद प्रकृति के सान्निध्य में मिलता है वह अन्यत्र कहाँ! प्रकृति द्वारा इस देश को दिए गए बहुमूल्य उपहारों में से एक है- हत्ता के हरियाले जलकुंड। विस्तृत रेगिस्तान वाले इस देश को हवाई जहाज़ में से देखें तो भूरे मैदान के बीच शहरों के हरियाले टापू से दिखाई देते हैं। लेकिन इतने रूखे सूखे स्थल में भी प्रकृति ने जिन स्थानों पर अपनी शीतलता छुपा के रखी हैं, हत्ता के प्राकृतिक जलकुंडों की यात्रा में उससे साक्षात्कार किया जा सकता है।

दुबई से लगभग १५० किमी की दूरी पर स्थित इमारात के सबसे रोमांचक रेत के टीलों के पार रंगीन प्रस्तर शिलाओं से उलझी उथली नदी की तलहटी में बने गहरे हरे रंग के अनेक छोटे छोटे ताल पर्यटकों की गर्म शाम को तरावट की अनुभूति में बदल देते हैं। । हत्ता की सैर अपने आप भी की जा सकती है लेकिन किसी पर्यटक यात्रा का हिस्सा बनना सुविधाजनक रहता है। अगर फोर व्हील ड्राइव हो तो नदी में गाड़ी ले जाने का अलग आनंद है लेकिन सामान्य कार से भी यहाँ की यात्रा की जा सकती है। हत्ता तक पहुँचने के सुंदर रास्ते में तेज़ हवा चलती रहती है। आम तौर पर यह सुखद लगती है

हत्ता में एक सर्वसुविधा संपन्न होटल भी है जो सैलानियों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। हजर पर्वत से घिरे इस होटल के अस्सी एकड़ भूमि में फैले अंतहीन हरियाले लॉन आँखों में प्रकृति की तरावट घोलने का अद्भुत असर रखते हैं।

सांस्कृतिक रुचि के लोगों के लिए हत्ता में एक पारंपरिक गाँव है जिसमें कच्ची सड़कों पर घूमते ऊँट, पुराने स्थापत्य के छोटे मकान, किले, पारंपरिक छोटी छोटी दूकानों और खजूर से लदे पेड़ों को देखते हुए हम सौ साल पीछे पहुँच जाते हैं। बिजली के बल्बों की आधुनिक जगमगाहट वाला यह गाँव नावों और हस्तशिल्प के सुंदर नमूनों से भरपूर है। इस सप्ताह तरावट के केंद्र हत्ता के साथ बस यहीं तक अगले सप्ताह शायद एक और स्थान की यात्रा पर जाना होगा।

पूर्णिमा वर्मन
३ मई २०१०
 

 

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।