कलम गही नहिं हाथ
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उड़ान के कीर्तिमान
पिछले सप्ताह महिला दिवस के अवसर पर भारतीय महिलाओं
वायुयान चालकों ने एअर इंडिया की २२ ऐसी उड़ाने भरीं जिन्हें पूरी तरह
महिलाओं द्वारा संचालित किया गया था। इन उड़ानों को सफलतापूर्वक पूरा कर
के उन्होंने न केवल अपनी कार्यकुशलता को विश्व के सामने रेखांकित किया
बल्कि एक नया विश्व कीर्तिमान भी बनाया।
विश्व कीर्तिमान बनाने वाली ‘एआई १४१’
उड़ान मुंबई से न्यूयार्क तक 'बोइंग बी ७७७-२००' वायुयान में १४ घंटे बिना
रुके पूरी की गई। इसका नेतृत्व कप्तान रश्मि मिरांडा, कप्तान
सुनीता ने किया। जबकि फर्स्ट ऑफिसर का उत्तरदायित्व कैप्टन स्वाति रावल
और कैप्टन नेहा ने संभाला। चार वायुयान चालकों के साथ, १० समय सीमाओं को
पार करने वाली इस उड़ान का फ़्लाइट डिस्पैच नंदिता देशपांडे ने किया और
और लोड व ट्रिम शीट फ़रजिन कुरुविला ने बनाया। पूरी तरह से महिला
अधिकारियों तथा परिचारिकाओं वाली इतनी लंबी उड़ान इससे पहले विश्व में
किसी एअर लाइन ने पहले कभी नहीं भरी है।
इसके अतिरिक्त एयर
इंडिया की पाँच अन्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी केवल महिलाओं ने
संचालित किया। इनमें से 'एअर बस ए ३३०' में मुंबई से जद्दा जाने वाली
उड़ान 'ए आई ८०१' का नेतृत्व कैप्टेन एम बेदी और कैप्टेन सोनिया ने
संभाला। दूसरी अंतर्राष्ट्रीय उड़ान 'ए आई ८१५' हैदराबाद से दमाम तथा
तीसरी उड़ान 'ए आई ८१६' दमाम से चेन्नै का संचालन 'एअर बस ३१०' के साथ
कैप्टन तृषा मोहन तथा कैप्टन तनमयी पपगरी ने किया। चौथी उड़ान 'आई सी
५७३' चेन्नई से कोलंबो तथा
पाँचवी उड़ान 'आई सी ५७४' कोलंबो से चेन्नई का नेतृत्व कैप्टेन एम. दीपा और
कैप्टन सोनिया जैन ने किया। ऊपर का चित्र इसी उड़ान की अधिकारी और विमान
परिचारिकाओं का है। इसके अतिरिक्त पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित
अन्य उड़ाने भारतीय हवाईअड्डों पर ली गईं।
भारत की राष्ट्रीय उड्डयन कंपनी में
पंजीकृत १३६ महिला वायुयान चालकों का औसत पुरुष वायुयान चालकों की
तुलना में १२ प्रतिशत है जबकि विश्व में यह औसत केवल ६ प्रतिशत
हैं। भारत में विद्या, बुद्धि और साधन संपन्न महिलाओं की कमी नहीं है फिर
भी आम भारतीय महिला को विश्व की तुलना में विकास के पथ पर बहुत से अवरोध
पार करने अभी बाकी हैं।
पूर्णिमा वर्मन
१५ मार्च २०१०
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