कलम गही नहिं हाथ
प्रवासी होते चमत्कार
आज के अखबार में नोरा की तस्वीर मुखपृष्ठ
पर है। नोरा पाँच साल की एक बिल्ली है जो पियानो बजाती है। इसी साल जून
में नोरा ने एक लिथुआनी संगीत निर्देशक, मिंदौगस पिकैटिस के निर्देशन में
अपना पहला एकल संगीत प्रदर्शन किया। यह कंसर्ट विशेष रूप से नोरा के लिए
तैयार किया गया था। पिकैटिस ने इसका नाम कंसर्टो की तर्ज़ पर कैटसर्टो
रखा। इसकी एक फ़िल्म भी बनाई गई जिसे
www.catcerto.com
पर प्रदर्शित किया गया और जिसे अभी तक दो
करोड़ से अधिक लोग देख चुके हैं। इसके अतिरिक्त उसके तमाम छोटे वीडियो यू
ट्यूब पर भी उपस्थित हैं जिन्हें नोरा की लोकप्रियता के चलते धड़ाधड़ हिट
मिल रहे हैं। नोरा एक टॉक शो में भाग ले चुकी है उसको ढेरों की संख्या
में ईमेल प्राप्त होते हैं उसका अपना वेब समूह हैं, वेब साइट है, साथ ही
उसका अपने वीडियो एलबम और दो किताबें भी प्रकाशित हो चुकी है। उसके
प्रशंसकों का कहना है कि वह एक सिद्धहस्त पियानोवादक के अंदाज में पियानो
बजाती है। पियानो की कुंजियों को अपने पंजों से दबाने के दौरान कब तक सिर
हिलाते रहना है, कब स्थिर करना है, यह सब उसे पता है। उसके पास एक मैनेजर
है, एक फोटोग्राफ़र और अपनी व्यक्तिगत परिचारिका भी है। कहना न
होगा कि नोरा फ़िलेडेल्फिया में हॉलीवुड-सितारे की तरह जीवन व्यतीत करती
है।
उसके इन कारनामों से उसकी मालकिन तिरपन
वर्षीय पियानो अध्यापिका बेट्सी एलेक्जेंडर और उनके पति फोटोग्राफ़र और
कलाकार बर्नेल यौ खासे खुश हैं। नोरा के बारे में वे बताते हैं कि वह
बेट्सी की कक्षा में आनेवाले विद्यार्थियों के साथ नियमित अभ्यास करती
है। पति पत्नी ने नोरा को न्यू जर्सी में टेरी हिल के एक पशु आश्रम से तब
गोद लिया था, जब वह एक वर्ष की थी। नोरा को गले में पट्टा पहनना पसंद
नहीं है। वह कार या हवाई जहाज़ में यात्रा करना भी पसंद नहीं करती और
जैसा-तैसा हर पियानो नहीं बजाती। उसे तो केवल यामाहा, सी-५ डिस्कलेवियर
बजाना ही पसंद है, जिसका मूल्य लगभग ६०,००० अमेरिकी डॉलर है।
लोग नोरा की साइट, किताबों और वीडियो पर
दनादन पैसा लुटा रहे हैं और अमेरीकी संस्थाएँ उसे सम्मानित करने में लगी
हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो नोरा को चढ़ावे की कमी नहीं। विदेशी अकसर
कहते हैं कि भारत चमत्कारों का देश है, लेकिन अब चमत्कार भी भारतीय जनता
के साथ प्रवासी हो चले हैं। जिस देश में तीन करोड़ भारतीय जनता हो, वहाँ
कोई चमत्कार न हो ऐसा कैसे हो सकता है? नोरा
तो बस शुरुआत है।
पूर्णिमा वर्मन
८ मार्च २०१०
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