मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


कलम गही नहिं हाथ  

 

 

 

चोरी चिड़ियों की

फैशनेबल लोगों को देखकर किसका दिल नहीं पिघल जाता? फैशनेबल बंदा किसे नहीं लुभाता? फ़ैशन और सौदर्य का घना रिश्ता है और विष कन्याओं से लेकर विश्व सुंदरियों तक सबकी फैशन में घनी निष्ठा है। फै़शन व्यापार है, फ़ैशन कला है, फ़ैशन जीने का सहारा है, फैशन ने हज़ारों को मारा है, फ़ैशन के बिना यह दुनिया कोरी है और फ़ैशन में छुपी चोरी है... जी हाँ फैशन और चोरी का गहरा और पुराना रिश्ता है। प्राचीन काल से आजतक सबसे सफल चोरों, गुप्तचरों और तस्करों की सूची में फैशनेबल स्त्री पुरुषों का नाम सबसे ऊपर है।

इतनी लंबी भूमिका इसलिए कि हाल ही में वियतनाम से लॉस एंजिल्स पहुँचे एक फ़ैशनेबल युवक को चिड़ियों की तस्करी में लिप्त पाकर गिरफ़्तार किया गया है। सोनी डॉन्ग नामक ४६ वर्षीय इस पुरुष ने चिड़ियों को अपने मोजों में छोटे छोटे थैलों के साथ मनोरंजक ढंग से बाँध दिया था और ऊपर से ढीली ढाली पैंट पहन रखी थी। हवाईअड्डे के एक कर्मचारी ने इनकी पतलून के अंदर से बीट और पंख गिरते हुए देखे, तो उसे शक हुआ, जिसके आधार पर इन जनाब को धर लिया गया और तलाशी के बाद जांचकर्ता यह देखकर दंग रह गए, कि इस व्यक्ति ने अपनी जुराबों में तेरह चिड़िया बाँध रखी थीं। ये सभी दुलर्भ प्रजातियों की गानेवाली चिड़ियाँ थीं, जिनमें तीन बुलबुलें, चार मैगपाइ और छे श्यामा थीं।

अमेरिकी अधिकारी टाम मोजेक ने बताया कि गाना गाने वाली चिड़ियाँ वियतनाम में २५ पाउंड तक में मिल जाती है, जबकि अमेरिका में इसके लिए २७० पाउंड तक चुकाने पड़ते हैं। माना जाता है कि सोनी डॉन्ग ने पिछले साल दिसम्बर में तस्करी की पहली कोशिश की थी, इसके बाद उसने फरवरी में भी ऐसा प्रयास किया जब वह १८ चिड़यों से भरा एक सूटकेस इसी हवाई अड्डे पर छोड़ गया था। जिसमें पाँच चिड़ियों की मौत भी हो गई थी। माना जाता है कि सोनी डॉन्ग की तस्करी के कारनामों के सूत्र कैलिफोर्निया के डक ली से भी जुड़े हैं जो गाने वाली ५१ चिड़ियों के साथ पकड़ा गया था।

इस सबमें खुशी की बात यह है कि चिड़ियाँ सकुशल क्वारेंटाइन में पहुँच गई हैं और अगर जाँच में वे बर्ड फ़्लू से ग्रस्त नहीं पाई गईं तो उन्हें चिड़ियाघर में जगह मिल जाएगी। ऊपर के चित्र में दिखाई दे रहे हैं सोनी डॉन्ग के रंग बिरंगी चिड़ियों से सजे मोज़े जाँच अधिकारियों ने उसकी पैंट ऊपर कर के पकड़ी हुई है।

पूर्णिमा वर्मन
११ मई २००९

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।