कलम गही नहिं हाथ
इंतज़ार
और अभी कथा महोत्सव की गहमागहमी पूरी होने को है। सभी सहयोगियों, प्रायोजकों, संयोजकों
और निर्णायकों का हार्दिक आभार और धन्यवाद जिनके सहयोग से यह काम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका। परिणाम
लगभग तैयार हैं लेकिन अंतिम परिणाम घोषित करने में कुछ देर अभी बाकी है।
महोत्सव में कुल १०४
कहानियाँ प्राप्त हुईं। अधिकतर कहानियाँ रोचक हैं, विषयों में विविधता
है, भाषा शैली की दृष्टि से प्रभाव छोड़ती हैं और हिन्दी के वैश्विक
स्वरूप को और मजबूती के साथ स्थापित करती हैं। लेकिन इन्हें आकार देते
समय अधिकतर लेखकों ने शब्द सीमा का ध्यान नहीं रखा है। जिसके कारण
प्रतियोगिता में घोषित किए गए नियमों के अंतर्गत (२५०० से ३५०० शब्दों के
बीच) अभिव्यक्ति के स्तर की १० कहानियाँ नहीं मिल रही हैं। ऐसी स्थिति
में निर्णायक मंडल ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि नियमों से बाहर
जाकर शब्द सीमा को पार करते हुए कुछ ऐसी कहानियों को चुना जाए जिनमें
शब्द भले ही अधिक हो पर उनका स्तर ऐसा हो जिन्हें अभिव्यक्ति में
पुरस्कृत कर संग्रह में प्रकाशित किया जा सके। इस नए विचार पर काम करने
के लिए निर्णायक मंडल ने १५ दिन का अतिरिक्त समय लिया है ताकि वे लंबी
कहानियाँ पढ़ सकें और अपने निर्णय को अंतिम रूप दे सकें।
टीम अभिव्यक्ति ने यह भी
निर्णय लिया है कि कुछ ऐसी कहानियाँ, जो निर्णायक मंडल की १०
सर्वश्रेष्ठ कहानियों की सूची में शामिल नहीं हो सकी हैं, लेकिन संपादक मंडल उन्हें
अभिव्यक्ति में प्रकाशन योग्य समझता है, १००० रुपये के पुरस्कार से
सम्मानित की जाएँगी और उन्हें
अभिव्यक्ति में प्रकाशित किया जाएगा। ये सभी परिणाम ९ मार्च के अंक में प्रकाशित किए जाएँगे
जो होली विशेषांक भी होगा। तो अगर आपने होली के लिए कुछ विशेष लिखा है पर अभी तक
भेजा नहीं तो यह अंक पाते ही तुरंत भेज दें। प्रतीक्षा में...
पूर्णिमा वर्मन
२३ फ़रवरी २००९
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