कलम गही नहिं हाथ
दुबई में नाट्य उत्सव
यह सप्ताह हम सबके लिए विशिष्ट है क्यों कि
इस सप्ताह से एक विशेष शृंखला का आरंभ हो रहा है। शृंखला है
नाट्य-उत्सव की, जिसके अंतर्गत कुछ थियेटर समूह मिलकर दुबई में हर
माह लगभग एक घंटे की एक प्रस्तुति देंगे। इसके लिए एक छोटा थियेटर ढूँढा है जिसमें ७०-८० लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
९ जनवरी को पहले नाटक दस्तक का मंचन होगा
जो थियेटरवालाज़ की ओर से है। नाटक का विषय तो इतना अनोखा नहीं पर इसके प्रतिपादन
(ट्रीटमेंट) में नयापन है। दो
लेखकों को एड्स पर एक नाटक लिखने का अनुबंध मिलता है। नाटक में क्या लिखा
जाए, क्या दृश्य हों, क्या कहानी हो इन्हीं सब बातों पर चर्चा करते हुए नाटक उनके जीवन में प्रवेश कर जाता है। वे
लेखक होते हुए भी नाटक के पात्रों का दर्द महसूस करते हैं और उनकी
संवेदनाओं में बहते उतरते हैं।
पहले शो में प्रवेश मुफ़्त है यानी टिकट नहीं है। तो
दुबई और आसपास के लोग इसमें आराम से आ सकते हैं। विशेष विवरण के लिए
शुक्रवार चौपाल देखना न भूलें। शुक्रवार चौपाल नाम से एक नया ब्लॉग शुरू
किया है जिसमें शारजाह की साप्ताहिक गोष्ठी की सूचना और रपट तो होगी ही,
शुक्रवार चौपाल से जुड़े सभी नाटक समूहों के कार्यक्रमों की सूचना देने
का भी यत्न करेंगे। बायीं और के पोस्टर पर क्लिक
कर के भी नाटक से संबंधित जानकारी पाई जा सकती है।
पिछले अंक के साथ कथा महोत्सव संपन्न हुआ।
सभी प्रतिभागियों को टीम अभिव्यक्ति की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद। इसके
परिणाम २३ फरवरी को घोषित किए जाएँगे।
पूर्णिमा वर्मन
५ जनवरी २००९
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