हास्य व्यंग्य

श्री गणेश के साक्षात दर्शन
-शिल्पा अग्रवाल


अमरीका आकर हमें महिला शब्द का एक नया संधि- विच्छेद पता चला : महिला = मही+हिला , मही अर्थात धरती, अतः महिला का अर्थ हुआ जो चले तो धरती को हिलाए। यहाँ की पिज्जा-बर्गर की डाइट में स्थूलकाय होना कोई मुश्किल कार्य तो है नही, इसलिये हमने तो पहले ही सचेत रहने की ठानी और फिटनैस की ओर पहला कदम बढाते हुए हम सोमवार सुबह जल्दी उठ गये, जिम के लिये तैयार हुए और चल दिये सोसाइटी के जिम की ओर।

ज्यादा लोगों के जिम में होने पर हम ज़रा सहज नहीं रह पाते इसलिये अकेलेपन में सुविधाजनक रूप से व्यायाम करना अच्छा लगता है। हमने सोचा था, इतनी सुबह तो कोई होगा नही वहाँ, इसलिये हमें कोई उलझन नही होगी। पर ये क्या, हमारी आशाओं के विपरीत द्वार पर पँहुचते ही अन्दर से आ रही खटपट से हम समझ गये कि कोई हमसे भी पहले उठकर इलिप्टिकल मशीन पर कब्जा जमा चुका है। मन मसोस कर अंदर घुसे तो विस्मित रह गये। देखा कि एक तरफ श्री गणपति की सवारी मूषक महाराज ट्रेड-मिल पर दौड़ लगा रहे हैं और दूसरी ओर साक्षात गणेश जी महाराज स्नीकर्स और ट्रेकसूट पहन, कानों में हेडफ़ोन लगाकर, अपने आईपॉड टच की प्ले-लिस्ट खटाखट बदलते हुए, धमाधम इलिप्टिकल मशीन पर कैलोरीज बर्न कर रहे हैं।
 
हमने लम्बोदर को दण्डवत प्रणाम किया और उनसे पूछ भी लिया "प्रभु आप यहाँ अमरीका में।" मुस्करा कर विघ्नहरण बोले "देवलोक एअरलाइन्स ने आजकल हवाई टिकट के दाम कम कर दिये हैं, तो मैने सोचा ऋद्धि-सिद्धि को अमरीका ही दिखा लाऊँ।"

हमने कहा, "ये तो आपने बहुत ही अच्छा किया, इसी बहाने यहाँ की अपावन धरती भी आपके पावन चरण पड़ने से पवित्र हो गयी और हमारे जैसे भक्तों को प्रभु के दर्शन भी हो गये, वर्ना यहाँ आकर तो त्यौहारों के इस महीने का पता ही नही चलता।"

इस पर मंगलकरण मुझे सही करते हुए बोले "नही पुत्री ऐसा नही है,कल ही तो मैं ऋद्धि- सिद्धि के साथ गरबा खेलने गया था, अपने मुम्बई के लोगों से कम जोश नही था वहाँ पर। विशुद्ध भारतीय परिधानों में सजी हुई अब अमरीकी हो चुकी भारतीय बालाएँ बीयर पीकर काफी सहजता से बालिवुडिया ताल पर डांडिया खेल रही थी। इस स्थूलकाया के साथ मैं तो ज्यादा देर वहाँ टिक नही पाया और वहाँ से खिसक लिया।"

इस पर हमने पूछा, " हे गणपति! आखिर ऐसा क्या हुआ कि आपको इस जिम को अपने पावन चरणों से पवित्र करना पङा।" इतना सुनकर महादेव-पुत्र का मुख उदास हो गया बोले- "पुत्री आज तुमसे मैं मन की बात कह ही देता हूँ, देवलोक में सारे देवताओं की बालिवुडिया हीरो के जैसी मस्कुलर बाडी देखकर मैं हीनभावना का शिकार होता जा रहा हूँ, और तो और पिताश्री शिव जी महाराज भी ताँडव नृत्य कर तथा पदमासन में बैठकर सिक्स पैक एब्स बनाकर अब तक छरहरे बने हुए हैं, मुझसे ज्यादा अप्सराएँ उन्हें देख कर रीझती हैं, उनको देखकर तो मुझे ठीक वैसा ही लगता है जैसा अभिषेक बच्चन को अमिताभ बच्चन के फैन्स को देखकर।”

अभी श्री विनायक जी ने इतना ही बताया था कि उनका आई फोन "यू आर माय लव ओ जानेजाना" की धुन बजा कर, घनघना उठा और प्रभु “क्षमा करें” कहकर किनारे हो लिये। उधर से गणेश जी के वाम विराजने वाली माता ऋद्धि की आवाज आ रही थी, "प्राणनाथ आज तो आप हमें डिज़्नीलैण्ड लेकर जाने वाले थे, सुबह- सुबह अपनी सवारी लिए कहाँ चले गये?" गजमुखी ने अतिशय मिठास वाणी में घोलकर कहा "प्रिये, अन्यथा न लो, मैं शीघ्र ही आता हूँ।"

जैसे-तैसे माता ऋद्धि को समझाकर फोन रख कर गणपति अपने जिम के बैग में से एक जीरो कैलोरी ड्रिंक निकाल कर पीने लगे, फिर बोले "ये फुल-क्रीम दूध का भोग लगा कर सबने मेरा वज़न बढ़ाने की ठान ली है, अब आजकल मैं थोड़ा ध्यान करता हूँ और कैलोरी कंट्रोल कर रहा हूँ।"

फिर अपनी घड़ी देखकर जाने को उद्धत होते हुए एकदंत बोले - "एक बात और इस बार दीवाली पर भोग लगाते हुए मीठे पर नियंत्रण रखना, देसी घी की जगह ओलिव आयल के मोदक भी चढ़ाओगे तो मुझे बुरा नहीं लगेगा, दरअसल मैं डाइटिन्ग पर हूँ, और अपने मित्रों को भी अवश्य बताना।"

अब प्रभु की आज्ञा शिरोधार्यकर - हमने आप सब को उनका संदेश देकर इस शुभ कार्य का श्री गणेश किया है, अब आप भी जल्दी से ट्वीट करें, फेसबुक वाल पर शेयर करें, गूगल प्लस पर जोड़े या ब्लाग करें पर और गणेश जी की इस इच्छा के बारे में अपने मित्रों को अवश्य बताएँ, देखें फिर कैसे विघ्न-हरण कैसे आपके विघ्नों को हरते हैं।

२४ अक्तूबर २०११