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हास्य व्यंग्य

कुर्ता पायजामा पहनने के लाभ
—रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति


रिटायरमेंट के बाद कुरता पायजामा हमारी पहली प्राथमिकता बने। हम कुरते पायजामे के आराम को जानते थे। इसी मज़े के लिए हमने कुरता पायजामा सिलवाया। नौकरी में नहीं पहन सके। नौकरी में पेंट शर्ट और बेल्ट पहनना ज़िंदगी भर मजबूरी बनी रही। कुरता पायजामा पहनने के बाद हमें पता चला कि जनता इसे नेताओं का अधिकृत परिधान मानने लगी है। ख़ैर, हमें कुरते पायजामा पहनने के बाद के ऐसे फ़ायदे भी मिलने लगे जिनकी हमें उम्मीद भी नहीं थी।

हमने फ़ायदों को दो प्रकारों में बाँटा। पहला प्रकार का फ़ायदा शारीरिक और प्राकृतिक है। इसमें आराम, पैर फैलाकर बैठने की सुविधा और हल्का महसूस होना शामिल है। पहली बार पैंट शर्ट के अम्बार में हमने कुरता पायजामा सिलवाया था, कुरते वाले ने सिर्फ़ इतना पूछा कि लालू कट या सादा। लालू प्रसाद न्यूज़ चैनलों पर छाए थे। हमारे मुँह से सहज ही निकल गया। लालू कट। कहते हुए सोचा लालूकट कुरता पायजामा होगा तो कोई ख़ास कट ही होगा। टेलर ने तीन मिनट में माप ले ली, हमें आश्चर्य हुआ। शर्ट-पेंट की तरह पचास तरह की नापों की ज़रूरत नहीं पड़ी। न कफ के बारे में पूछा न जेब की डिजाइन के बारे में। न बटन काज के बारे में। शायद लालू कट में सब कुछ शामिल था। उसने यह भी नहीं कहा कि अभी नहीं दे पाऊँगा, तब नहीं दे पाऊँगा। उल्टे कहा परसों शाम तक सिल जाएँगे। उसने पेंट शर्ट के टेलर की तरह पुरजे पर तेरह के बाद तीन तारीखें नहीं डालीं। ऊपर से देखा कि सिलाई पेंट-शर्ट की एकदम आधी थी। वैसे हमारी पेंशन में सौ दो सौ का कोई मायने नहीं थे। पर फिर भी सौ रुपए तो सौ होते हैं। हम परसों शाम को कुरता पायजामा पहनकर सड़क पर आ गए। जैसे ही मुड़े, कॉलोनी की चौड़ी सड़क पर कुरता हवा में फरफराने लगा। हमने महसूस किया कि आज पहली बार दुनिया की हवाएँ हमारे शरीर को छू रही हैं। आनंद कुरते और पायजामे में हर तरफ़ से सुरसुरा रहा था। अपने को सफेद झक होने का अहसास से दिल भरा हुआ था। कुरते पायजामे में हर चीज खिल रही थी। हाथ-पैरों के संचालन स्वतंत्रता से हो रहे थे। थकावट की जगह कुरता पायजामा हवा से ऊर्जा खींचकर शरीर को दे रहा था। इस तरह हम कुरते पायजामे के प्राकृतिक गुणों से परिचित हुए।

लाभ के दूसरा रूप को सामाजिक लाभ का नाम दिया जा सकता है। हम कुरता पायजामा पहनकर कालोनी में तो घूम रहे थे। एक नगर निगम का अमला आया। कचरे को लेकर पड़ोसी उनसे झगड़ रहे थे। हम जैसे ही पहुँचे और अपनी उम्र के लिहाज से घूरकर देखा कि नगर निगम के अमले ने पड़ोसियों की बात मान ली। पड़ोसियों ने कहा यह सब आपकी वजह से हुआ है। मन मन में हमने सोचा अरे हमने क्या किया। हम तो आपकी तरह आकर ही खड़े हो गए थे। मगर एक युवक ने पकड़ लिया। बोला, 'अरे अंकल के कुरता पायजामा देखकर इन्होंने सोचा इस मोहल्ले के नेता आ गया।' इस तरह के छोटे मोटे राजनीतिक फ़ायदे हमें कुरता पायजामे से नज़र आना शुरू हो गए।

इसका एक और फ़ायदा हमें एक शादी में नज़र आया हुआ यों रिटायरमेंट के पहले हम केवल पास के रिश्तेदारों में जाते थे। रिटायरमेंट के बाद हम दूरदराज के रिश्तेदारों की शादियों में भी जाने लगे। एक कस्बे से दूर के रिश्तेदारों का निमंत्रण आया था। हमने उसमें जाने का प्लान बना लिया। एक छोटे से काले वीआईपी सूटकेस में ज़रूरी सामान रखा और नियत दिनांक की सुबह चल दिए। साढ़े चार घंटे बस के खटर पटर सफ़र के बाद हम उस शादी में पहुँच गए। हम खाली पड़ी कुर्सियों पर बैठे थे कि धीरे-धीरे पाँच सात नौजवान हमारे चारों ओर अपनी-अपनी कुर्सियाँ खिसकाकर बैठ गए। थोड़ी देर में दो-एक उम्रदराज और हमारे हमउम्र आकर बैठ गए। एक बोले- 'आपके लिए कुछ ठंडा वंडा ले के आओ। गर्मी में आ रहे हैं।' कुछ ही पलों में वे हमारे सामने अपने समाज में राजनीति जैसे किसी विषय पर बातचीत करने लगे। युवा लड़के भी बड़े उत्साह से परिचर्चा में भाग ले रहे थे। हम केवल मुस्कराते और कहते- ''आप लोग अच्छी बातें कर रहे हो।... ये अच्छे विचार हैं।'' एक नवयुवक ने हमसे पूछा, ''आप कौन-सी पार्टी के हैं।'' हम उसके उत्तर में कुछ गोलमाल बोल ही रहे थे कि हमें देखकर एक साहब ने नमस्कार किया और हमारे पैरों में झुक गए। हमने उसे नमस्कार किया और खड़े होकर गले लगाया। इसी बीच एक साहब आए। बोले, ''यहाँ बहुत गर्मी है आपकी व्यवस्था अंदर है।'' हम खुशी-खुशी उठकर अंदर चले गए। हमने पलटकर युवकों से कहा, ''आपसे शाम को बात करते हैं।'' अंदर देखा तो आँखें फटी रह गई।

वहाँ कई नेता जी बैठे थे। कमरा एकदम साफ़ खुशबूदार, कूलर से ठंडा। चारों तरफ़ सफ़ेद चादर। मोटे गद्दे। उन पर सिके काजुओं की प्लेंटें, बिस्किट, चमचमाते काँच के गिलास, मिनरल वाटर की कई बोतलें, ठंडा पानी। एक नेता जी ने हमारी ओर बियर की बॉटल बढ़ाते हुए कहा, ''गर्मियों की शादियों में बियर का आनंद ही कुछ और है।'' हमने देखा कि एक नेता जी किसी पार्टी के पार्षद हैं। केसरिया वस्त्र उनके गले में कूलर की हवा से फरफरा रहा था। एक नेता जी सफेद हरी लाइनिंग का तौलिया गोद में रखे थे। एक स्पष्ट तौर पर कह रहे थे कि आने वाला भविष्य बड़ी पार्टियों का बिलकुल नहीं है। उनकी छोटी पार्टी ही सफल होगी। वहाँ समाज के बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक भी थे। वे एक नेता से शिकायत कर रहे थे कि हमारे प्रोजेक्ट में इनकी पार्टी टाँग नहीं उलझाएगी। आपकी जिला कमेटी को यह बात समझाकर रखना। हमारे अंदर आत्मा की ज़मीन हिल रही थी कि हे प्रभु कुरते पायजामे ने कैसे राजनीतिक गठबंधन के दर्शन कराए। खैर, हमने अपने नेता भाई बंधुओं से टेलीफोन नंबर ले लिए। अपने शहर आकर मन को भाने वाली एक अच्छी पार्टी के सदस्य बन गए। अब आप यह न जानने की कोशिश करें कि कौन सी। बैठे ठाले आपको कोई ऐसी सूचना नहीं दी जाएगी। आप भी कुरता पायजामा पहनिये और जान जाइए कुरते पायजामा पहनने के वास्तविक लाभ। यह कथा सुनने के लिए आप सबको धन्यवाद।

७ दिसंबर २००९

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