| नार्वे
      में केशरी नाथ त्रिपाठी को अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मान  तथा गाइर पोलेन को लेखक सम्मान
 
                        
                        
                          
                            |   | ओस्लो,
      18 सितम्बर 2002 को भारतनार्वे सूचना और सांस्कृतिक मंच के
      तत्वाधान में ग्रौनलान्द बीदेल्सहूस ओस्लो में चौदहवाँ
      अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ। इस बार
      समारोह का मुख्य आकर्षण अन्तर्राष्ट्रीय कविता और दो यशस्वी
      कवियों को पुरस्कृत किया जाना था। |  
                              | चित्र 
								: बायें से नार्वे में भारत के राजदूत गोपाल कृष्ण गाँधी,
              यशस्वी लेखक और उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष केशरी
              नाध त्रिपाठी, नार्वेजीय सांसद होकुन बलानकेनबोर्ग
              और मंच के अध्यक्ष डॉ .सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' |  भारत
      के जानेमाने कवि और उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष माननीय
      केशरी नाथ त्रिपाठी को हिन्दी की विशिष्ट सेवा तथा हिन्दी को
      अन्तर्राष्टीय मंच पर स्थापित कराने में योगदान देने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
                        
                         नार्वे
      के प्रतिष्ठित कवि और नार्वेजीय लेखक यूनियन के अध्यक्ष माननीय
      गाइर पोलेन को देश विदेश के लेखकों के मध्य पुल बनाने तथा
      लेखक यूनियन द्वारा विदेशों में जेलों में बन्द लेखकों को
      छुड़वाने और उनके साहित्य को प्रकाशित कराने मे सहयोग देने के
      लिए पुरस्कार दिया गया।
                        
                         कार्यक्रम
      के मुख्य अतिथि और पुरस्कार विजेता केशरी नाथ त्रिपाठी नें फोरम के
      कार्यों की सराहना करते हुए अपना वक्तव्य हिन्दी में दिया और
      कवितायें हिन्दी में तथा अनुवाद अंग्रेजी में सुनाया। गाइर
      पोलेन ने कहा कि जब उन्हें पुरस्कार दिये जाने की सूचना साथी
      लेखक शुक्ल से मिली थी तब उन्होंने कहा था कि लेखक यूनियन का
      कार्य और मानवाधिकार के लिए लिखना और लड़ना उनका कर्तव्य है
      जो स्वाभाविकता है कोई विशेष बात नहीं है।
       
                         उन्होने
      अपना वक्तव्य नार्वेजीय भाषा में दिया।
                        
                         कार्यक्रम
      के दूसरे विशिष्ट अतिथियों में नार्वे में भारत के राजदूत और
      अनेक भाषाओं के विद्वान माननीय गोपालकृष्ण गांधी
      तथा नार्वेजीय पार्लियामेन्ट के सदस्य तथा विदेश समिति के सदस्य
      माननीय होकुन बलानकेनबर्ग थे।
                        
                         गोपालकृष्ण
      गांधी
      अपने प्रथम सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे उन्होंने अपने
      भाषण के मध्य सुप्रसिद्ध कवियित्री महादेवी वर्मा की कविता मैं नीर
      भरी दुख की बदली सुनायी। उन्होंने फोरम के कार्यों की सराहना
      करते हुए कहा कि भारत और नार्वे में अनेक समानतायें हैं। उन्होंने
      अनेक उदाहरण भी दिये। होकुन बलानकेनबर्ग ने भारत को विश्व का
      एक महत्वपूर्ण देश बताते हुए अपनी राजनैतिक पार्टी लेबर पार्टी का  
                          
                          
                            
                              |  | और
      नार्वेजीय सरकार का भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ में महत्वपूर्ण
      स्थान दिलाने के लिए सहयोग दिये जाने की जानकारी दी तथा कहा कि
      सुरेशचन्द्र
      शुक्ल हमारी पार्टी के मन्त्री रहे हैं और आज भी राजनीति में सक्रिय
      हैं। बलानकेनबर्ग ने ही दोनों लेखकों को अपने करकमलों से
      पुरस्कृत किया। मंच पर पढ़ी जाने वाली सभी हिन्दी रचनाओं और
      भाषणों का तत्काल नार्वेजीय अनुवाद 
								
								सुरेशचन्द्र 
								शुक्ल  'शरद
      आलोक'
      ने किया जिन्होंने कार्यक्रम के अन्त में अपनी हिन्दी और नार्वेजीय
      कवितायें सुनायीं। |  
                              |  |  
 कार्यक्रम में भाग लेने वाले और कवितापाठ
      करने वाले कवियों में गाइर पोलेन, सिगरीद मारिये रेफसुम,
      ब्रित बेक्केदाल, इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, आनन्द लामेछाने,
      नुयान हू नाथ, शाहेदा बेगम, एस .एस .सीमोनसेन, नवाज
      चौधरी, वासदेव भरत, माया भारती, उषा जैन, कुनाल भरत,
      अर्जुन शुक्ल, इन्दरजीत पौल, स्वाइन लान्सेर प्रमुख थे। 
                          
                           कार्यक्रम
      का शुभारम्भ किया वायलेन के तीन कलाकारों ने संगीत की मधुर
      धुनों के द्वारा किया तथा समापन राष्ट्रीय गीत जन गन मन
      अधिनायक जय हे से सम्पन्न हुआ।
                          
                           केशरी
      नाथ त्रिपाठी का नार्वे में स्वागत ओसलो के मेयर पेर दितलेव सीमोनसेन ने नगर कौंसिल में 
                          केशरी नाथ त्रिपाठी का स्वागत किया और नार्वेजीय
      पार्लियामेन्ट में स्वागत किया नार्वेजीय समिति की तरफ से समिति
      के सदस्य और संसद सदस्य होकुन बलानकेनबर्ग ने तथा ओसलो
      के बिएरके वार्ड में स्थानीय सरकार के चेयरमैन ब्योर्न लुन्दबर्ग
      ने फूलों से उनका स्वागत किया और उनके सम्मान में भोज भी
      दिया गया। त्रिपाठीजी के साथ नार्वे में स्पाइलदर्पण के सम्पादक,
      मंच के अध्यक्ष और लेखक सुरेशचन्द्र
      शुक्ल 'शरद
      आलोक' भी
      मौजूद थे। केशरी नाथ त्रिपाठी जी भारतनार्वे सूचना और सांस्कृतिक
      मंच के आमन्त्रण पर पुरस्कार गृहण करने नार्वे आये थे।
  
      माया भारतीओस्लो, 200902
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