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"प्रवासी आवाज" का विमोचन
हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार से जुड़ी अमेरिका की पहली संस्था अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति द्वारा अमेरिका में कवि सम्मेलनों के आयोजन इस संस्था की विशिष्ट है। इसके अंतर्गत भारत के चुने हुए हास्य कवियों को बुलाकर अमेरिका के विभिन्न शहरों में कवि सम्मेलन करवाया जाता हैं। इस वर्ष भी यह आयोजन उत्तरी अमेरिका के पंद्रह शहरों में हो रहा है। भारत से तीन जाने- माने हास्य कवि सुनील जोगी , गजेंद्र सोलंकी, एवं डा. सुरेश अवस्थी इस वक्त अमेरिका के दौरे पर हैं और विभिन्न शहरों में अपने कार्यक्रमों से हिन्दी प्रेमी जनता का भरपूर मनोरंजन करने के साथ ही भाषा प्रेम एवं देशप्रेम का सन्देश भी प्रसारित कर रहे हैं। इन्हीं सम्मेलनों के दौरान नार्थ कैरेलाइना , मौरिसविल के हिन्दू भवन में 11 अप्रैल , रात्रि ८ बजे हिंदी मंडल नार्थ कैरेलाइना की अध्यक्षा श्रीमती सरोज शर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं सुधा ढींगरा द्वारा कवियों के परिचय देने के बाद "प्रवासी आवाज" का लोकार्पण किया गया। बहुत बड़ी संख्या में हिन्दी प्रेमी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। "प्रवासी आवाज " अमेरिका के चवालीस कथाकारों की कहानियों का संकलन है। इस पुस्तक के संयोजन व संपादन में अंजना संधीर का बहुमूल्य योगदान है। 492 पृष्ठों के इस संकलन में उषा प्रियंवदा जैसी वरिष्ठ लेखिका से लेकर सुषम बेदी, उषा देवी विजय कोल्हटकर, सुधा ढींगरा, इला प्रसाद , अमरेन्द्र कुमार , अंशु जौहरी , सौमित्र सक्सेना आदि अमेरिका के प्रवासी हिंदी लेखकों की कहानियाँ हैं।

योगेंद्र कृष्णा के काव्य-संकलन 'बीत चुके शहर में' का लोकार्पण
पिछले दिनों प्रलेस के तत्वावधान में माध्यमिक शिक्षक संघ सभागार, पटना में संवाद प्रकाशन, मुंबई से प्रकाशित योगेंद्र कृष्णा के काव्य-संकलन 'बीत चुके शहर में' का लोकार्पण चर्चित वरिष्ठ कवि अरुण कमल के द्वारा किया गया। समारोह की अध्यक्षता समकालीन जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय ने की। उनकी प्रतिनिधि कविताओं पर समालोचनात्मक टिप्पणी करते हुए अरुण कमल, शहंशाह आलम और  समीक्षक ओम निश्चल ने पुस्तक की अंतर्वस्तु पर विस्तार से चर्चा की। अध्यक्षीय वक्तव्य में समकालीन जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय ने कहा कि योगेंद्र कृष्णा ने अपनी हत्यारा सीरीज की कविताओं में समय की जो बारीकियाँ दर्ज की हैं वे बेहद दिलचस्प हैं। इस अवसर पर रवींद्र राजहंस, कुमार मुकुल, विनय कुमार, संजय कुमार कुंदन, भगवती प्रसाद द्विवेदी, सुधीर सुमन, जावेद हसन, एम के मधु, मुसाफिर बैठा, अरुण नारायण समेत शहर के अनेक सुधी पाठक, साहित्यकार एवं बुद्धिजीवी उपस्थित थे।

'कौन कुटिल खल कामी' का लोकार्पण
'अक्षरम' द्वारा हिंदी भवन दिल्ली में आयोजित 'ग्रंथ अकादमी' द्वारा प्रकाशित प्रेम जनमेजय के व्यंग्य संकलन 'कौन कुटिल खल कामी' का लोकार्पण प्रसिद्ध आलोचिका निर्मला जैन के हाथों हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. कन्हैयालाल नंदन थे। संग्रह के विषय में कन्हैयालाल नंदन, ज्ञान चतुर्वेदी, प्रदीप पंत, हरीश नवल और दिविक रमेश ने अपनी विचारात्मक टिप्पणी दी। इस अवसर पर गद्य व्यंग्य पाठ का भी आयोजन हुआ जिसमें विष्णु नागर, ज्ञान चतुर्वेदी, प्रेम जनमेजय, प्रदीप पंत, हरीश नवल और राजेश कुमार ने अपनी रचनाएँ पढ़ीं। कार्यक्रम का संचालन राजेश कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अक्षरम के अध्यक्ष अनिल जोशी ने किया।

 

नाक का सवाल का विमोचन

गुरमीत बेदी के दूसरे व्यंग्य संग्रह 'नाक का सवाल' का विमोचन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला नगर में करते हुए दैनिक जागरण के स्थानीय संपादक निशिकांत ठाकुर। साथ में अन्य साहित्यकार खड़े हैं।

२८ अप्रैल २००८

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