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                      |  |  |  परोसने 
						के लिये सामग्री 
							
								|  | दही बड़े ६-८ |  
								|  | छोले १ कप |  
								|  | मसाला आलू १ कप |  
								|  | नमक पारे/ पापड़ी १ 
								कप |  
								|  | इमली की चटनी / मीठी 
								चटनी आधा कप |  
								|  | हरी चटनी चौथाई कप |  
								|  | कटा हरा धनिया २ 
								बड़ा चम्मच |  
								|  | लाल मिर्च पाउडर 
								चौथाई छोटा चम्मच |  
								|  | भुजिया/ महीन सेव ४ 
								बड़ा चम्मच |  बनाने की 
						विधि-  
							
								|  | 
								मैदा, सूजी, तेल, और नमक को एक बर्तन में लें। इन 
								सब सामग्री को आपस में अच्छी तरह मिलाएँ और 
								थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए कड़ा आटा गूँथ लें। 
								गुथे आटे को गीले कपड़े से ढककर १५-२० मिनट के 
								लिये ढककर रखें।  |  
								|  | 
								इसको ४ बराबर भागों में बाट लें और तेल की मदद से 
								४-५ इंच की पूरी बेलें। यह पूरी थोड़ी मोटी होती 
								है। |  
								|  | 
								एक कड़ाही में माध्यम आँच पर तेल गरम करें। जब तेल 
								गरम हो जाए तो इसमें १ पूरी डालें और कलछी से हलके 
								से दबाएँ, पूरी एकदम फूल जाएगी। अब आँच को एकदम 
								धीमा कर दें और पूरी के सुनहरा होने तक दोनों तरफ 
								से तलें। इस प्रक्रिया में तकरीबन २-४ मिनट का समय 
								लगता है। यह पूरी एकदम करारी होनी चाहिये। |  
								|  | 
								तली पूरी को किचन पेपर पर निकाल लें और ठंडा होने 
								दें। |  
						कचौरी को 
						भरने की विधि- 
							
								|  | 
								राज कचौरी में छोले, मूँग की दाल के दही बड़े, नमक 
								पारे, मसाला आलू भरकर उसके ऊपर धनिया चटनी, इमली 
								की चटनी डालकर, हरी धनिया से सजाया है। इसमें 
								स्वादानुसार बदलाव लाया जा सकता है। |  
								|  | 
								एक छोटी तश्तरी या खुले कटोरे में राज कचौरी रखें, 
								इसकी ऊपरी फूली परत को हल्के से फोड़ दें। कचौरी 
								के अंदर, थोड़े छोले, १-२ दही बड़े, दही, ४-५ 
								टुकड़े भुने आलू, कुछ नमक पारे/ मठरी भरें।  
								इसके ऊपर १ बड़ा चम्मच मीठी चटनी और स्वादानुसार 
								धनिया की चटनी डालें। ज़रा सी लाल मिर्च छिड़कें, 
								भुजिया या फिर सेव से कचौरी को सजाएँ। इसके ऊपर 
								डालें कटा हरा धनिया। |  
								|  | 
								राज कचौरी परोसने के लिये तैयार है, इसे परोसने से 
								दो मिनट पहले ही तैयार करना चाहिये अन्यथा यह दही 
								नमी से गल जाएगी और इसका करारापन जाता रहेगा। |  
						टिप्पणी- 
						 
							
								|  |  पूरी 
								को पहले से तल कर रखा जा सकता है और आवश्यकतानुसार 
								बाद में परोसा जा सकता है। |  
								|  | 
								अगर ये कचौरियाँ बच्चों के लिये बना रहे हैं तो 
								कुछ कचौरियों का आकार थोड़ा छोटा कर लेना चाहिये।
								 |  
								|  | 
								कचौड़ी के अंदर भरने की सामग्री अपने स्वाद के 
								अनुसार बदली जा सकती है। चाहें तो कचौड़ी में 
								अंकुरित मूँग, आदि भी भर सकते हैं। |  
						१३ अक्तूबर 
						२०१४ |  |